24 जुलाई।
प्रदेश के विकास एवं आम जनता की मूलभूत सुविधाओं हेतु राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागीय योजनाओं के लिए बजट में निर्धारित अधिकांश धन को खर्च किये जाने हेतु अभी तक स्वीकृति न मिल पाने से यह साबित हो गया है कि राज्य सरकार का प्रदेश के विकास एवं आम जनता के सरोकारों से कोई लेना देना नहीं रह गया है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मारूफ खान ने आज यहां जारी बयान में कहा कि केन्द्र सरकार पर उ0प्र0 की उपेक्षा करने का निराधार आरोप एवं बार-बार धन की कमी का रोना रोने वाली प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रदेश के विकास एवं अन्य योजनाओं में बजट में प्रावधानित धन को चार माह बीत जाने के बाद भी अभी तक लगभग 20 से 25 प्रतिशत ही जारी किया जा सका है। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश सरकार इस वर्ष भी पिछले वर्ष की भांति ही बजट की अधिकांश धनराशि को वर्ष के अंत के महीने में केवल कागजों पर खर्च करने का मन बना चुकी है।
प्रवक्ता ने कहा कि कितनी बड़ी बिडम्बना है कि पिछले दो दशकों में गैर कंाग्रेसी सरकारों के जनता के प्रति उदासीन रवैये के चलते उत्तर प्रदेश में 230 पुल अधूरे पड़े हैं, जिनमें प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ही 21 पुल अभी निर्माण की बाट जोह रहे हैं। जबकि राज्य सरकारों द्वारा जनता की गाढ़ी कमाई पार्कों और पत्थरों में खर्च करके जनता को उनकी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखने का कार्य किया गया है।
श्री खान ने कहा कि प्रदेश के दर्जनों ऐसे विभाग हैं जो आम जनता के सरोकारों से सीधे जुड़े हुए हैं। ऐसे में इन विभागों को राज्य सरकार द्वारा बजट में निर्धारित धनराशि को समय रहते स्वीकृत न करना कहीं न कहीं भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना और आम जनता के हितों के साथ विश्वासघात है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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