- उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या देश में सबसे अधिक
- सड़क दुर्घटना रोकने के लिए पुलिस व परिवहन विभाग यातायात नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करायें
- बिना हेल्मेट व तीव्र गति से वाहन चलाने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाय
- दुर्घटना बाहुल्य स्थानों पर बड़े-बड़े अक्षरों में चेतावनी साइनेज लगवाये जायं
- वाहन चालकों की ट्रेनिंग हेतु रायबरेली में 15 करोड़ लागत से आई0डी0टी0आर0 की स्थापना होगी -परिवहन मंत्री
24 जुलाई, 2013
सड़कों पर वाहनों की दिन-प्रतिदिन बढ़ती संख्या के परिणामस्वरूप वाहन जनित दुर्घटनाओं की संख्या में भी निरन्तर वृद्धि हो रही है, जो चिन्ता का विषय है। कुल दुर्घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में उत्तर प्रदेश का स्थान देश में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, मध्यप्रदेश, गुजरात, आन्ध्र प्रदेश तथा कर्नाटक आदि राज्यों से नीचे है, लेकिन यहां पर सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या देश में सबसे अधिक है। इन तथ्यों के मद्देनजर सड़क सुरक्षा की तरफ विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।
प्रदेश के परिवहन मंत्री श्री दुर्गा प्रसाद यादव ने आज यहां परिवहन आयुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित ‘उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद’ की बैठक में यह विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक सड़क दुर्घटनायें वाहन चालकों की गलती एवं लापरवाही से होती हैं। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस व परिवहन विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर यातायात नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करायें, इससे दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि वाहनों की चेकिंग के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाय कि कहीं चालक नशे की हालत में तो गाड़ी नहीं चला रहा है। यदि यह पाया जाता है कि वह नशे की हालत में गाड़ी चला रहा है तो उसके विरूद्ध कठोरतम् कार्रवाई सुनिश्चित की जाय। उन्होंने बिना हेल्मेट के तथा ओवर स्पीड से वाहन चलाने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये की वाहनों की बैकलाइट चालू हालत में रहे तथा उन पर रेफ्लेक्टर भी लगे हों।
परिवहन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि दुर्घटना बाहुल्य स्थानों पर बड़े-बड़े अक्षरों में चेतावनी संकेतक एवं साइनेज लगवाये जायं, जिससे वाहन चालक दूर से ही देख लें तथा अपने वाहन की गति को धीमा कर लें। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जहाँ-जहँा संकेतक लगवाये जा चुके हैं, उसकी सूची एक सप्ताह के अन्दर परिवहन विभाग को उपलब्ध करा दें तथा शेष स्थानों पर चेतावनी साइनेज लगवाने के लिए 2 महीने के अन्दर कार्ययोजना तैयार कर एक साल के अन्दर सभी दुर्घटना बाहुल्य स्थानों पर संकेतक एवं साइनेज लगवाना सुनिश्चित करें।
परिवहन मंत्री ने परिवहन अधिकारियों से कहा कि कामर्शियल वाहनों के चालकों को लाइसेंस जारी करने से पूर्व अधिकारी यह भली-भांति सुनिश्चित कर लें कि वह वाहन चालन में कुशल एवं दक्ष है, तभी लाइसेंस जारी करें। इसके अलावा वाहनों के फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी करते समय भी यह भली-भांति जांच लिया जाय कि वाहन हर तरह से चलाने योग्य है। उन्होंने ओवर लोडिंग पर अंकुश लगाने हेतु ‘वे-इन-मोशन’ तकनीक को यथाशीघ्र क्रियान्वित करने के निर्देश दिये।
परिवहन आयुक्त श्री रजनीश गुप्ता ने बैठक में अवगत कराया कि चालकों की ट्रेनिंग हेतु झांसी के अलावा जनपद रायबरेली में भारत सरकार के सहयोग से इण्डियन ड्राइविंग ट्रेनिंग रिसर्च (आई0डी0टी0आर0) की स्थापना की जायेगी जिस पर लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। इसमें वाहन चालन के संबंध में चालकों को विशेष ट्रेनिंग दी जायेगी। उन्होंने बताया कि सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि दुर्घटना स्थल पर कम से कम समय में त्वरित गति से सहायता उपलब्ध कराने हेतु एम्बुलेंसों के खड़ा करने हेतु रणनीतिक स्थानों को चिन्हित करें। राज मार्गों पर क्षेत्रीय जनता की जानकारी हेतु थानों के नाम, एम्बुलेंसों की उपलब्धता, टोल फ्री नम्बर आदि की जानकारी हेतु 5 कि0मी0 की निर्धारित दूरी पर साइनेज (बोर्ड) लगायें जाय।
बैठक में अवगत कराया गया कि स्वास्थ्य विभाग की 108 नम्बर की एम्बुलेन्स सेवा प्रदेश के सभी जनपदों में उपलब्ध है तथा किसी भी दुर्घटना की सूचना पर यह सेवा उपलब्ध रहेगी।
बैठक में यह सुझाव आया कि वाहन दुर्घटना में होने वाली मौतों पर मुआवजे के रूप में मिलने वाली धनराशि काफी कम है, जिसे बढ़ाया जाना चाहिए। प्राथमिक स्कूलों की भांति माध्यमिक शिक्षा में भी यातायात विषयक जानकारी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए जिससे छात्र यातायात के नियमों को भली-भांति जान सकें।
बैठक में परिवहन में परिवहन राज्य मंत्री श्री मानपाल सिंह तथा श्री महबूब अली, प्रमुख सचिव परिवहन श्री बी0एस0भुल्लर, गृह सचिव श्री कमल सक्सेना, ए0डी0जी0 ट्रैफिक श्री ए0के0डी0 द्विवेदी के अलावा लोक निर्माण विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, शिक्षा, परिवहन निगम, ओरिएन्टल इन्स्योरेन्स कम्पनी के अधिकारियों के अलावा अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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