वाराणसी- मधुमिता हत्याकाण्ड के सजायाफ्ता पूर्व मन्त्री अमरमणि त्रिपाठी को लखनऊ में सैर कराने के आरोप में लखनऊ के जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर वाराणसी के पुलिस उपमहानिरीक्षक पी.सी .मीणा ने एक दरोगा सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है और इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
वाराणसी के पुलिस उपमहानिरीक्षक पी.सी मीणा ने बताया कि वाराणसी के केन्द्रीय कारागार में बन्द पूर्व मन्त्री अमरमणि त्रिपाठी ने विधानसभा के चालू सत्र में शामिल होने के लिए महाराजगंज की सी.जे.एम अदालत से इजाजत ली थी।
अमरमणि को यहां से 20 जनवरी को पुलिस अभिरक्षा में लखनऊ के लिए रवाना किया गया। इनके साथ दरोगा चतुर सिंह, हेड कांस्टेबल प्रभु नारायण यादव, कांस्टेबल देवी सिंह, माया शंकर और चौहरजा सिंह की टीम लगाई गई थी। जिला पुलिस को दी गई हिदायत के मुताबिक अमरमणि को लखनऊ के जिला कारागार में ले जाना था। इसके लिए लखनऊ की एस्कार्ट टीम जिले की सीमा पर उनका इन्तजार भी कर रही थी लेकिन सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने कारागार के बजाय पूर्व मन्त्री को उनके आवास पर छोड़ दिया। रात अपने आवास पर बिताने के बाद अमरमणि सुबह विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने चले गये। सत्र में भाग लेने के बाद कथित तौर पर वह शहर में सैरसपाटा करते रहे। शाम को सुरक्षाकर्मियों को पूर्व मन्त्री का ध्यान आया तो पुलिस कर्मी उन्हें लेकर जिला कारागार पहुंचे। इस पर जेल अधीक्षक ने उच्चाधिकारियों के आदेश के बगैर उन्हें लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद पुलिस टीम जिलाधिकारी लखनऊ से मिली। मीणा ने बताया कि इस मामले में उन्होंने लखनऊ के जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए एक दरोगा सहित पांचों पुलिसकर्मियों को सोमवार को निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। जांच का काम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एल.आर कुमार करेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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