प्रदेश के किसानों को सिंचाई की समुचित सुविधा मिले, उन्हें अपनी उपज का भरपूर मूल्य मिले जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना सके। इसके लिए जरूरी है कि लघु सिंचाई विभाग की योजनाओं का लाभ उन्हें तत्काल मुहैया कराया जाय।
प्रदेश के लघु सिंचाई एवं भू-गर्भ जल मंत्री श्री राज किशोर सिंह ने आज यहां विधान भवन स्थित सभाकक्ष में विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिये। विभागीय मंत्री ने प्रदेश में विभाग द्वारा संचालित निःशुल्क बोरिंग एवं इस पर पम्पसेट की स्थापना, गहरी बोरिंग, मध्यम गहरी बोरिंग, भूजल संरक्षण, चैकडैम निर्माण, पुराने ब्लास्ट कूपों का जिर्णोद्धार, जल वितरण आदि प्रणाली के तहत पाइप वितरण योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने निश्चित कार्ययोजना बनाकर माहवार भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य की पूर्ति को तत्काल पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने माहवार लक्ष्य न पूरा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी।
लघु सिंचाई मंत्री ने उच्चाधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में निर्मित एवं निर्माणाधीन चैकडैप, कुओं का जिर्णोद्धार एवं एच0डी0पी0ई0 पाइप की गुणवत्ता को जांचने के लिए तत्काल विभागीय अधिकारियांे की टीम गठित की जाय। जिससे लाभार्थियों को खराब सामान की आपूर्ति कम्पनियां न करने पाये। उन्होंने कहा कि आपूर्ति सामान की गुणवत्ता मानक के अनुसार न होने पर संबंधित अअधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी। अतः अधिकारी पूरी संवदेनशीलता एवं जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। उन्होंने मध्यम एवं गहरी बोरिंग के लिए लक्ष्य के सापेक्ष पाइप की आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में लघु सिंचाई की योजनाओं को तत्काल पूर्ण कराने मंे विशेष ध्यान दें और इस माह के अन्त तक उपलब्ध बजट का 70 प्रतिशत हर हाल में खर्च करना सुनिश्चित करें।
भूगर्भ जल मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को भूजल संरक्षण कर गिरते भूजल को रोकने के हर सम्भव प्रयास करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रदेश में भूजल स्तर की नियमित माॅनीटरिंग करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कारखानों का गन्दा पानी एवं सीवर को प्राकृतिक जल स्रोतों में जाने से रोकने के प्रयास पर भी बल दिया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदेश के 108 ब्लाक में
भूजल स्तर चिन्ताजनक स्थिति में बना हुआ है। यहां के साथ-साथ पूरे प्रदेश में समग्र जल नीति के तहत भूजल स्तर को सुधारने के लिए व्यापक कार्य किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रूफटाॅप रेनवाटर हार्वेस्टिंग पद्धति को ज्यादा से ज्यादा अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करें।
बैठक में प्रमुख सचिव, लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल श्री कुमार अरविन्द सिंह देव, निदेशक, भूगर्भ जल श्री पी0आर0चैरसिया, विभागीय अधिशासी अभियन्ता एवं अधीक्षण अभियन्ता के साथ-साथ अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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