जनपद में कानून व्यवस्था की ऐसी तैसी करने वाले सपा सरकार को भी सरेबाजार बदनाम कर रहे है वही पुलिस की जांच में भी साईकिल निशान वाला झण्डा अदृश्य रुप से प्रभाव डाल रहा है ।
गौरतलब हो कि जब से सपा सरकार सत्त्ता मे आई है तब से वाहनो के झण्डे बदल गये है और काली स्कारपियों पर काली फिल्म लगी हो और उस पर सपा का झण्डा लगा हो तब उस माहौल का जलवा ही दूसरा होता है उसी मे अगर वाहन चेंकिग मे जुटा दरोगा झण्डा लगा देखकर सैल्यूट दागे तो क्या कहने कुछ इसी तरह का हाल आज कल जनपद की सभी सडको व मोहल्लो की गलियों मे देखने को मिल रहा है ।
हैरत है कि शपथ ग्रहण के बाद ही सपा प्रदेश मुखिया ने साईकिल निशान वाले झण्डे और होर्डिग्सो पर रोक लगाई थी मगर उनके इस फर्मान का पालन स्वयं पार्टी के जिलाध्यक्ष आज तक नही करा पाये अब तो कार्यकर्ता पदाधिकारियों के अलावा तमाम अपराधी अपनी गाडियों पर सपा का झण्डा लगाकर पुलिस कर्मियों समेत जनता पर रौब गालिब कर रहे है । बीते दिन जनता और प्रत्यक्ष दर्शियों की बात माने तो नगर मे हुए अपराध मे शामिल बुलेरो वाहन पर सपा का झण्डा लगा था । वही कादीपुर मे युवक की हत्या मे देखी गई स्कारपियों मे भी सपा का झण्डा लगा था ।
लोहरामउहृ मे पंजक दूबे हत्याकांड में भी सपा झण्डा लगी गाडी जनता द्वारा देखी गई । रविवार को लम्भुआ के ओदरा गांव मे गोली चली चोटहिल जिला अस्पताल आये तो उन्हे मारने की नीयत से एक काली स्कारपियों मे सपा का झण्डा लगाये असलहा धारी लोगो ने दहसत फैलाने की कोशिश की और तो और पी.डब्लू.डी. मे जब जब टेण्डर पडता है तब वहां सपा के झण्डा लगी अपराधियों की गाडी अधिकारियों व विपक्षीयों पर रौब गाठती दिखाई पडती है ।
यही कारण है कि न्यायपालिका के आदेशो के बावजूद आज तक न तो इन गाडियों की काली फिल्मे हटाई गई न ही सपा के झण्डे हटे पुलिस भी अपनी नौकरी और इज्जत बचाने के लिए इन गाडियों को देखते ही सैल्यूट दागती है पुलिस के उच्चाधिकारी भी अपने वाहनो के हूटर बंद कर पीछे चलते रहते है क्या करे सपा सरकार मे इनको भी भेद करने मे मुस्किल पेश आ रही है । न जाने कौन माननीय है कौन अपराधी है इस लिए झण्डा देख सैल्यूट मारते रहे और नौकरी करते रहे ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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