भारतीय जनता पार्टी ने एण्डीण्जीण् कानून व्यवस्था श्री अरूण कुमार के बयान को तथा बड़ौत थाने में सिपाही की हत्या को प्रदेश की कानून.व्यवस्था के मुद्दे पर जोरदार तमाचा बताया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने कहा कि प्रदेश पुलिस के आला अधिकारी आपस में लड़ रहे हैं और पूरा प्रदेश जंगल राज में तब्दील हो गया है। उन्होंने सरकार के मुखिया श्री अखिलेश यादव से पूछा कि प्रदेश में हत्याओं का दौर वो और उनकी सरकार रोक पायेगी या नहीं प्रदेश प्रवक्ता डा0 मिश्र ने कहा कि एण्डीण्जीण् कानून व्यवस्था श्री अरूण कुमार का कहना है कि जेलों से चल रहे हैं माफिया गैंगए सपा सरकार की कानून व्यवस्था की सच्ची हकीकत है। एण्डीण्जीण् अरूण कुमार के बयान कि यदि मेरी चलती तो एक दिन में बन्द कर देताए पर व्यंग करते हुए डा0 मिश्र ने एण्डीण्जीण् महोदय से पूछा कि आपके पास कानून व्यवथा है उसको वे क्यों नहीं ठीक कर पा रहे हैंघ् पुलिस के सी0ओ0 स्तर के अधिकारियों की दिन दहाड़े हत्या हो रही हैए सिपाही थाने के अन्दर मारे जा रहे हैंए पुलिस दल अपने साथियों तक की रक्षा नहीं कर पा रहा है। डा0 मिश्र ने पूछा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने की जिम्मेदारी क्या आपकी नहीं हैघ् क्या ये विषय कानून व्यवस्था के अन्दर नहीं आतेघ् डा0 मिश्र ने कहा कि एण्डीण्जीण् के बयान से यह सिद्ध होता है कि जेलों से गैंग चल रहे हैंए इनको रोकन और घेरने की जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए। अधिकारी एक दूसरे पर कीचड़ उछालने के बजाय प्रदेश में कानून का राज कायम करें। डा0 मिश्र ने सिलसेलवार बताया कि सपा सरकार में एण्डीण्जीण् कानून व्यवस्था के बयान के एक दिन बाद ही थाने में सिपाही की हत्या हो जाना प्रदेश में कानून के राज के खात्मे का संदेश है। उन्होंने बताया इलाहाबाद में सिपाही को कुचलने का प्रयास करनाए रामपुर में राइफल लूट लेनाए गाजियाबाद में गैंगरेप में सिपाही का शामिल होना क्या सपा सरकार की आँखे खोलने के लिए काफी नहीं हैघ् पूरा प्रदेश माफियाओंए हत्यारों और बलात्कारियों की गिरफ्त में आता जा रहा है और सरकार हतप्रभ होकर किंकर्तव्यविमूढ़ है। प्रदेश प्रवक्ता डा0 मिश्र ने सरकार के मुखिया से पूछा कि ऐसा क्या कारण है कि सरकार पथ भ्रमित है तथा कानून.व्यवस्था सरकार के हाथ से निकल कर कानून को चुनौती देने वालों के हाथ में पहुँच गई है। डा0 मिश्र ने कहा कि श्री मुलायम सिंह जी कह रहे हैं कि यदि मैं मुख्यमंत्री होता तो और इसी तर्ज पर एण्डीण्जीण् कानून व्यवस्था कह रहे हैं यदि जेल मेरे पास होता तो ह कर क्या संदेश देना चाहते हैंघ् उन्होंने सरकार और प्रशासन पर व्यंग करते हुए कहा कि यदि होता किन्नर नरेश मैं को छोड़कर वास्तविकता के धरातल पर कानून का राज कायम करें या अपनी सरकार की विदाई की तिथि तय करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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