देश की राजधानी लखनऊ हो अथवा स्वयं मुख्यमंत्री का गृहजनपद इटावा हो, समूचे प्रदेश में लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति और अपराधियों के बढ़ते हौसले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सत्ता के मद में चूर समाजवादी पार्टी को आम नागरिकों के जीवन की कोई चिंता नहीं है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के मीडिया कोआर्डिनेटर अशोक सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा कि लगातार हो रहे जघन्य अपराधों में बाढ़ आ गयी है। आज मेरठ में दो सगे भाईयों की हुई हत्या, झांसी में सामूहिक दुष्कर्म, बांदा में पत्रकार की हत्या, लखनऊ में प्रापर्टी डीलर की हत्या, लखनऊ के गोसाईंगज में विवाहिता से दुष्कर्म, इटावा में हुए बलात्कार के बाद हत्या, आजमगढ़ में पूर्व विधायक की हत्या, बिजनौर में महिला पर तेजाब डालकर हत्या आदि तमाम जघन्य अपराधों से प्रदेश के जनमानस में असुरक्षा की भावना घर कर गयी है। उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में जहां एक ओर जनप्रतिनिधि ही सुरक्षित नहीं हैं, पत्रकारों की हत्याएं की जा रही हैं और सबसे अहम और दुःखद तो यह है कि अपराधी अपराध करके आसानी से फरार हो जाते हैं।
श्री सिंह ने कहा कि जब राजधानी लखनऊ में ही जनजीवन सुरक्षित नहीं है तो प्रदेश के दूसरे स्थानों के लिए समाजवादी पार्टी सरकार में क्या उम्मीद की जाय। उन्होने आरोप लगाया कि अपराधियों के हौसले केवल इसलिए बुलंद हो रहे हैं क्योंकि समाजवादी पार्टी कुख्यात अपराधियों को लोकसभा और विधानसभा का टिकट देकर पुरस्कृत करती रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि अपराधी तत्व इसलिए और ज्यादा अपराध करने लगे हैं कि उन्हें कुख्यात अपराधी अथवा भ्रष्टाचारी बन जाने पर समाजवादी पार्टी अपने दल में आमंत्रित करके लोकसभा अथवा दूसरे निर्वाचित स्थानों पर टिकट का उपहार देगी।
श्री सिंह ने आश्चर्य जताया कि प्रदेश में जिन जनप्रतिनिधियों की जान का खतरा है उन्हें मांगने के बाद भी सुरक्षा नहीं दी जाती है वहीं सत्तापक्ष से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं के पास सरकारी सुरक्षा की फौज खड़ी कर दी जाती है। आजमगढ़ में पूर्व विधायक श्री सर्वेश सिंह ने भी अपनी हत्या की आशंका जतायी थी और प्रदेश सरकार ने उस पर कोई तवज्जो नहीं दिया, यही कारण रहा कि स्व0 सिंह को अपनी जान गंवानी पड़ी। ऐसी स्थिति में सरकार को अब चाहिए कि वह दलगत राजनीति से ऊपर उठे और लोकतांत्रिक मूल्यों के तहत कार्य करे।
मीडिया कोआर्डिनेटर ने कहा कि कानून और व्यवस्था की स्थिति इसलिए भी बदतर होती जा रही है क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास इस ओर ध्यान देने के लिए समय ही नहीं है। उनका सारा ध्यान आगामी लोकसभा चुनाव में जातिगत समीकरणों को बैठाने, मंत्रिमण्डल में जातिगत आधारों को फिट करने, विरोधी दलों को सबक सिखाने में ही बीत रहा है।
श्री सिंह ने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति इसलिए भी भयावह होती जा रही है क्योंकि समाजवादी पार्टी की सरकार में अधिकारियों का राजनीतिकरण किया जा रहा है। योग्य एवं अनुभवी अधिकारियों की उपेक्षा करके निजी स्वार्थ के चलते अपने-अपने चहेते कनिष्ठ अधिकारियों को मलाईदार पदों पर बैठाया जा रहा है।
श्री सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि वह कानून व्यवस्था की समीक्षा करें और खुद को दलीय राजनीति से निकालकर प्रदेश की जनता ने जिस उम्मीद के साथ इन्हें सत्ता सौंपी थी, उस उम्मीद को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठायें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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