21 जुलाई 2013 भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के आरक्षण संबंधी नई तिकड़म से प्रदेश में छात्र अशान्ति का अंदेशा जताया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने अपने बयान में लोक सेवा आयोग के त्रिस्तरीय आरक्षण की नई व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि यह व्यवस्था न तो संवैधानिक है और न ही व्यवहारिक। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी संविधान में वर्णित व्यवस्था पर पूरा विश्वास करती है तथा आरक्षण की वास्तविक व्यवस्था पर भरोसा करती है।
पार्टी प्रवक्ता डा0 मिश्र ने कहा कि लोक सेवा आयोग की विश्वसनीयता पर प्रदेश की जनता संदेह की नजरों से देखती है। इस निर्णय से प्रदेश में छात्र अशान्ति का अंदेशा बढ़ गया है। लोक सेवा आयोग की चयन प्रणाली दोष पूर्ण तथा पक्षपात पूर्ण है। चयन परीक्षा के परिणाम विश्वसनीय नहीं लगते। इस स्थिति में बिना सामाजिक स्थितियों को ध्यान में रखे वैधानिक प्रक्रिया को अपनाये वगैर विवादित निर्णय लेने से लोक सेवा आयोग प्रदेश में बवाल की जड़ बन सकता है। यह आरक्षण की व्यवस्था संविधान की मूल भावना के विपरीत है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि इलाहाबाद में छात्र आन्दोलन को कुचल देने के सरकारी प्रयास का पार्टी विरोध करती है। उन्होनें कहा कि सरकार एक तरफ आतंकियों पर मुकदमें वापस ले रही है और दूसरी तरफ छात्रों पर एन.एस.ए. लगा रही है। इलाहाबाद में बैरीकेटिंग लगाई गई है तथा आन्दोलनकारी छात्रों और उनके समर्थकों पर उत्पीड़न की कार्यवाही की जा रही है। डा0 मिश्र ने कहा कि लोक सेवा आयोग के इस निर्णय से प्रदेश में छात्र अशान्ति को रोकने के प्रयास करने चाहिए तथा छात्र उत्पीड़न को बन्द कर उन्हें विरोध करने का लोकतांत्रिक अधिकार मिलने चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com