- मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान व हरियाणा राज्यांे में पार्टी संगठन की तैयारी व सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने एवं लोकसभा व विधानसभा आमचुनाव चुनाव सम्बन्धी तैयारी की बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती द्वारा गहन समीक्षा एवं कुछ उम्मीद्वारों के नामों का फैसला
- बीजेपी शासित राज्यों में साम्प्रदायिक शक्तियों के मज़बूत होने के प्रति लोगों को सजग का सुश्री मायावती जी का आह्वान
20 जुलाई, 2013: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व चेयरपर्सन, बी.एस.पी. संसदीय दल एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, सुश्री मायावती जी ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान व हरियाणा राज्यों में पार्टी संगठन की तैयारी एवं सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के कार्यों की गहन समीक्षा आज यहाँ उन राज्यों के पार्टी संगठन से जुड़े सभी जि़म्मेवार पदाधिकारियों की बैठक में की।
बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश स्टेट कार्यालय 12, माल एवेन्यू, लखनऊ में आयेाजित इस समीक्षा बैठक में लोकसभा की तैयारियों के साथ-साथ ख़ासकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान विधानसभा आमचुनाव से सम्बन्धित चुनावी तैयारियों की भी गहन समीक्षा की गयी एवं इन तीनों राज्यांे के विधानसभा चुनाव से सम्बन्धित बी.एस.पी. के उम्मीद्वारों के कुछ नामों को भी अन्तिम रूप भी दिया गया।
इस बैठक में सर्वप्रथम मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान व हरियाणा राज्य के प्रभारियों ने अपने-अपने प्रदेश में पार्टी संगठन की सकिक्रयता व सदस्यता आदि के साथ-साथ सर्वसमाज को पार्टी मिशन से जोड़ने के सम्बन्ध में ताज़ा जानकारी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी को पेश की, जिसके सम्बन्ध में उन्होंने आगे की तैयारियों एवं कार्रवाइयों के लिए नये दिशा-निर्देंश जारी किये।
सुश्री मायावती जी ने इसके बाद बैठक को सम्बोधित करते हुये देश की वर्तमान राजनीति एवं घटनाक्रमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि जिन-जिन राज्यों में बीजेपी सत्ता में है वहाँ साम्प्रदायिक ताकतें मजबूत होती एवं धर्मनिरपेक्ष शक्तियाँ काफी कमजोर होती दिख रही हैं, जो देशहित में नहीं है, जिसके लिहाज़ से भी बी.एस.पी. को हर स्तर पर सचेत रहते हुये तैयारी करने की ज़रूरत है।
उन्होंने कहाकि बीजेपी शासित राज्यों के साथ-साथ, केन्द्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली एन.डी.ए. सरकार का कार्यकाल भी संतोषजनक नहीं रहा है, क्योंकि उस दौरान अन्य बातों के अलावा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर प्रदत्त संविधान को बदलने का प्रयास किया गया था, जिसकी भी तीव्र विरोधी बी.एस.पी. ने उस समय देशभर में हर स्तर पर किया था और अन्ततः एन.डी.ए. को संविधान बदलने का कार्यक्रम त्यागने को मजबूर होना पड़ा था। इन सारी बातों को लोगों तक सही रूप में पहुँचाने के लिए ज़मीनी स्तर पर लगातार काम करते रहने की ज़रूरत है। (जारी पेज -2)
केन्द्र में केन्द्र की कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू.पी.ए. सरकार की हर मोर्चें पर विफलता का विस्तार से उल्लेख करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहाकि यू.पी.ए. सरकार के व्यापक भ्रष्टाचार एवं अनेकों मामलो में जनहित व देशहित की घोर अनदेखी व उपेक्षा करके फैसले लिये जाने के कारण इस सरकार से समाज का हर तबका और उसमें से भी खासकर गरीब एवं कमजोर वर्ग के अन्य लोग काफी ज्यादा दुःखी व परेशान हैं। और जहाँ तक धार्मिक अल्पसंख्यकों में से खासकर मुस्लिम समाज के हित व कल्याण का मामला है तो इस तबके के प्रति भी यू.पी.ए. सरकार का रवैया काफी उदासीन रहा है।
इतना ही नहीं बल्कि किसान, मजदूर, व्यापारी, कर्मचारी एवं अन्य पेशों में लगे लोग भी केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के कारण काफी समस्याओं से घिरे हैं और काफी ज्यादा परेशान दिखायी देते हैं। युवा वर्ग में भी काफी ज्यादा बेचैनी दिखायी पड़ती है, जिसको मद्देनजर रखते हुये आगे की रणनीति व चुनाव की तैयारी करनी है।
सुश्री मायावती जी ने कहाकि बी.एस.पी. सर्वसमाज की पार्टी है और एक पार्टी से ज़्यादा एक मिशन है, जिसका उद्देश्य सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करके देश में ‘‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय‘‘ की सरकार बनाकर यहाँ एक समतामूलक समाज की स्थापना करना है।
साथ ही, आने वाले लोकसभा आमचुनाव व मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान एवं दिल्ली विधानसभा आमचुनाव में पूरे तन, मन, धन से काम करते हुये पहले से काफी अच्छा रिज़ल्ट लाना है, ताकि बी.एस.पी. का मानवतावादी मूवमेन्ट लगातार आगे बढ़ता रहे और इस मिशनरी काम को आगे बढ़ाने के लिये पूर्ण रूप से मीडिया पर निर्भर रहने के बजाये, लोगों के बीच ज़्यादा से ज़्यादा जाकर इस काम को आगे बढ़ाना है तभी बी.एस.पी. मूवमेन्ट के खिलाफ विरोधी पार्टियों के साम, दाम, दण्ड, भेद अदि हथकण्डों का भी सामना किया जा सकता है।
उन्होंने कहाकि बी.एस.पी. मूवमेन्ट उत्तर प्रदेश में काफी मज़बूत है और यहाँ बी.एस.पी. की चार बार की सत्ता के दौरान अपना लक्ष्य उत्तर प्रदेश में काफी हद तक प्राप्त कर लिया है और अब देश के दूसरे राज्यों ख़ासकर मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र आदि राज्यों को बी.एस.पी. मूवमेन्ट के कारवाँ को आगे बढ़ाने के लिये सख़्त मेहनत कर अच्छा रिज़ल्ट प्राप्त करने की ज़रूरत है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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