मनरेगा को लेकर प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) श्री अरविंद सिंह गोप द्वारा केन्द्र सरकार के ग्राम्य विकास मंत्री श्री जयराम रमेश पर जिस तरह से टिप्पणी की गयी है वह न सिर्फ अशोभनीय है बल्कि मंत्रीपद की गरिमा के खिलाफ है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि प्रदेश में मनरेगा की दयनीय स्थिति तथा प्रदेश सरकार पर लग रहे आरोप से बौखलाये मंत्री का बयान साबित करता है कि इस योजना को लागू करने में सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि इससे जुड़े कर्मचारियों को लगभग एक वर्ष से वेतन नहीं दिया गया। हालत यह है कि मंत्री महोदय मनरेगा को सुचारू रूप से चलाने की जगह राजनीतिक हथियार बना रहे हैं। मंत्री जी यह क्यों भूल जाते हैं कि मनरेगा के माध्यम से लाखों श्रमिकों को रोजगार मिलता है जिससे वह वंचित हो गये हैं।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि देश में चल रहे मनरेगा को लेकर समाजवादी पार्टी की नीयत कभी भी साफ नहीं रही। यही कारण है कि जहां उसके नेता लोकसभा में इसके खिलाफ बोल चुके हैं, वहीं दूसरी तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री रामगोपाल यादव ने भी केन्द्र की योजनाओं को लेकर बार-बार टिप्पणी की है।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश के मंत्री ने मनरेगा को लेकर केन्द्र सरकार पर धनराशि आवंटन को लेकर जो भेदभाव का आरोप लगाया है वह पूर्णतया असत्य है। मंत्री जी यह भूल गये हैं कि योजना आयोग ने 60हजार करोड़ रूपये दिये हैं, जिसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने न सिर्फ सराहना की है बल्कि धन्यवाद भी दिया है। प्रदेश के मंत्री जी से मांग है कि मनरेगा को लेकर राजनीति करना छोड़ें और ईमानदारी से इसे चलने दें, जिससे लाखों श्रमिकों को रोजगार मिल सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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