भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने लोक सेवा आयोग के द्वारा आरक्षण नियमों में परिवर्तन को नादिरशाही रवैया बताया। डाॅ0 बाजपेयी ने कहा कि पूर्व में आरक्षण की सामान्य व्यवस्था के अनुसार परीक्षा के अन्तिम परिणाम मंे आरक्षण लागू था जबकि नये नियमों के अनुसार अब आरक्षण त्रिस्तरीय हो गया है।
डाॅ0 बाजपेयी ने कहा कि नये त्रिस्तरीय आरक्षण व्यवस्था (प्रारम्भिक, मुख्य व साक्षात्कार) मेघावी छात्रों के साथ अन्याय है। डाॅ0 बाजपेयी ने पूछा कि क्या लोक सेवा आयोग द्वारा आरक्षण नियमों में संशोधन संविधान सम्मत है? क्या ये आरक्षण ओ0बी0सी0 की आड़ में जाति विशेष को लाभ पहुंचाने की कोशिश नहीं है? लोक सेवा आयोग द्वारा पिछले दिनों जारी परिणामों को देखकर तो यही लगता है।
डाॅ0 बाजपेयी ने इस मुद्दे पर धरना एवं प्रदर्शन कर रहे छात्रों की आवाज को लाठीचार्ज एवं एफआईआर द्वारा दबाने की कोशिश की निंदा की है। डाॅ0 बाजपेयी ने आरक्षण नियमों की विसंगतियों को दूर करने व पुरानी आरक्षण व्यवस्था लागू करने की मांग की।
डाॅ0 बाजपेयी ने किसानों को गन्ना मूल्य के भुगतान न होने पर भी अखिलेश सरकार की आलोचना की। डाॅ0 बाजपेयी ने माननीय उच्च न्यायालय द्वारा गन्ना मूल्य भुगतान के सम्बन्ध में दिनाँक 04.07.13 को दो सप्ताह के अन्दर करने आदेश देने के बावजूद किसानों को भुगतान न करने पर अखिलेश सरकार को किसान विरोधी बताया। डाॅ0 बाजपेयी ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से गन्ना किसानों को विशेषतः बाढ़ ग्रस्त सात जिलों मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, पीलीभीत, लखीमपुर-खीरी, सहारनपुर, और बहराइच गन्ना मूल्य का भुगतान करने आदेश दिया था। आज दो सप्ताह बीत जाने के बावजूद किसान अपने गाढ़े पसीने की कमाई का गन्ना मूल्य भुगतान पाने के लिए सरकार व गन्ना मील मालिकों का चक्कर लगाने को मजबूर है। डाॅ0 बाजपेयी ने प्रदेश सरकार से इन सात जिलों व बाढ़ से प्रभावित गोरखपुर, बस्ती, सीतापुर, जैसे सभी जिलों के किसानों को मूल्य भुगतान तत्काल करने की मांग की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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