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01 जुलाई से 06 जुलाई तक काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन तथा 07 जुलाई से 14 जुलाई तक

Posted on 17 July 2013 by admin

उ0 प्र0 माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डा0 महेद्र नाथ राय ने आज एक प्रेस वार्ता मे कहा कि रामपुर में आयोजित ग्रीष्मकालीन सम्मेलन में शिक्षकों की प्रदेश व्यापी समस्याओं के समाधान हेतु विगत तीन वर्षों से चल रहे संघर्ष के क्रम में मूल्यंाकन बहिष्कार में सम्पन्न हुए समझौते के क्रम में सरकार द्वारा दिये गए आश्वासन के आधार पर संगठन द्वारा स्थगित आन्दोलन को पुनः 01 जुलाई से 06 जुलाई तक काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन तथा 07 जुलाई से 14 जुलाई तक जनजागरण तथा 15 जुलाई को ‘मशाल जुलूस’ के व्यापक आन्दोलन के प्रभाव तथा मीडिया के दबाव के फलस्वरुप जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ द्वारा आनन-फानन में अघोषित तरीके से रोके गये माध्यमिक शिक्षकों तथा कर्मचारियों का वेतन अब निर्गत करने की घोषणा की है। उ0 प्र0 मा0 शि0 संघ जिला विद्यालय निरीक्षक को सद्बुद्वि आनें का स्वागत करता है तथा यह उम्मीद करता है कि जि0 वि0 नि0 द्वारा गलत तरीके से की गई जनशक्ति निर्धारण की बचकानी हरकत से शिक्षक समाज से क्षमा मंागते हुए सरकार को विद्यालयों की जनशक्ति का वास्तविक संशोधित विवरण भेजकर अनुरोध करेगें , कि सरकार इस आदेश को अविलम्ब निरस्त करनें का कष्ट करें। क्योंकि जब तक सरकारी आदेश निरस्त नही होता तब तक प्रदेश के सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों तथा शिक्षणेन्तर कर्मचारियों के सेवा सुरक्षा तथा वेतन सुरक्षा पर हमेशा प्रश्न चिन्ह लगा रहेगा , तथा शिक्षक एवं शिक्षणेतर समाज हमेशा भय एवं तनाव के वातावरण में कार्य करता रहेगा।
डा0 राय नें कहा कि लखनऊ के जि0 वि0 निरीक्षक कुछ कार्यरत शिक्षक नेताओ के बहकावे में आकर धूर्ततापूर्ण आचरण प्रदर्शित करने से बाज आये वरना संगठन डी0आई0ओं0एस0 के भी भ्रष्ट आचरण एवं कृत्यों के खिलाफ भयंकर आन्दोलन छेडने के लिए बाध्य होगा अतः डी0आई0ओं0एस0 सरकार एवं न्यायालय से जनशक्ति के पुननिर्धारण हेतु आग्रह करके वास्तविक वस्तु स्थिति से अवगत करायें।डा0 राय ने बताया कि जब तक सरकार सरप्लस शिक्षकों केे आदेश को वापस नहीं लेती तथा प्रदेश के प्रत्येक शिक्षक का वेतन निर्गत नहीं करती तब तक संगठन द्वारा लिये गये आन्दोलन के निर्णय को वापस लेने का प्रश्न ही नही उठता। आन्दोलन के इसी क्रम में 20 से 30 जुलाई तक जनपद वार जि0 वि0 नि0 कार्यालयों पर एवं दिवसीय धरना देकर मुख्य मंत्री को सम्बोधित, सरप्लस शिक्षकों की समस्या के साथ ही साथ 14 सूत्री मांगो से संम्बन्धित ज्ञाापन मुख्य मंत्री को प्रेषित किया जायेगा, जिसमें प्रमुख रूप से तदर्थ शिक्षको व प्रधानाचार्यो का विनियमिति करण, वित्त विहीन शिक्षको को निश्चित मानदेय 2005 के पश्चात नियुक्ति शिक्षको एवं कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित करने, तथा सी0टी से एल0टी0 की विसंगति, व स्नातक वेतनक्रम में कार्यरत शिक्षको को प्रोन्नति वेतनमान में स्नात्कोत्तर की योग्यता को बाध्यता समाप्त करने, व्यवसायिक एवं कम्प्यूटर शिक्षकों को पूर्ण शिक्षक का दर्जा प्रदान करने सहित अन्य माॅगों पर सरकार द्वारा ठोस निर्णय न लिये जाने तक आन्दोलन जारी रहेगा। इसी क्रम में 26 जुलाई को जि0वि0नि0 कार्यालय लखनऊ में धरना दिया जायेगा।
डा0 राय ने कहा कि यदि सरकार 30 जुलाई तक कोई ठोस निर्णय नहीं लेती तो 04 अगस्त को संगठन की राज्य परिषद की बैठक मे पूर्ण हडताल की घोषणा की संभावना है, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
शिक्षक नेता ने दावा किया कि मशाल जुलूस का कार्यक्रम पूरे प्रदेश में भारी सफलता के साथ सम्पन्न हुआ तथा समाचार पत्रों तथा निर्भीक मीडिया द्वारा मुददा उछालने के कारण ही दबाव में आकर अधिकारियों ने गम्भीरता से अघोषित वेतन रोकने की प्रक्रिया में वेतन निर्गत करने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है। लेकिन संगठन किसी भी भ्रम या बहकावे में आने वाला नहीं है। जबतक सरप्लस शिक्षको का आदेश सरकार निरस्त नहीं करती तथा संगठन की अन्य प्रमुख मांगों पर सकारात्मक आदेश जारी नहीं करती तब तक आन्दोलन स्थगित या समाप्त करने का निर्णय लेने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। अब हम कोरे आश्वासनों पर भरोसा नहीं है, हमें लिखित आदेश चाहिए।
डा0 राय ने लोहिया का स्मरण करते हुए कहा कि जिन्दा कौमें इन्तजार नहीं किया करती ,शिक्षक जन्मजात समाजवादी होता है। ‘बढे कदम अब नही रूकेगे ं’ यह संगठन का भी नारा है। यदि वर्तमान सरकार का ‘ लक्ष्य 2014 ’ है तो संगठन का लक्ष्य भी 2014 मंे ही शिक्षकों को उनकी समस्यायों से निजात दिलाना है।
शिक्षक नेता ने तथाकथित नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि दैनिक जागरण में आज प्रकाशित एंक समाचार के अनुसार एक संगठन के कतिपय नेताओं की जि0 वि0 नि0 से हुयी वार्ता के बाद जि0वि0नि0 द्वारा शिक्षकों का वेतन निर्गत कर दिया गया तथा किसी का भी वेतन रोका नहीं जायेगा, संगठन का विचार है कि किसी दिमागी दिवालियापन से ग्रसित, आकण्ठ भ्रष्टाचार में डूबे हुये अधिकारी की बचकानी हरकत का ही यह परिणाम है। जिसके कारण मा0 न्यायालय के 30 मई के आदेश ने जनशक्ति निर्धारण के अतिरिक्त शिक्षको को वेतन भुगतान का जिम्मेदार प्रबन्धको एंव प्रधानाचार्यो को ठहराया गया है, यदि यह तथाकथित शिक्षक नेता वार्ता द्वारा ही वेतन निर्गत कराने में सक्षम थे तो यह कार्य मशाल जुलूस निकालने के ही पूर्व ही क्यो नही कर दिया गया, क्यो कि संगठन द्वारा आन्दोलन की नोटिस एक माह पूर्व ही दे दी गयी थी, और यदि जि0वि0नि की नीयत साफ है और अपने पुराने किये गये पापो का प्रायश्चित करना चाहते है तथा साथ ही साथ स्वयंभू शिक्षक नेता एवं उनका संगठन इतना प्रभावशाली है कि बिना आन्दोलन के ही शिक्षको को उनकी समस्याओं से निजात दिला सकता है तो अनावश्यक रूप से प्रदेश के शिक्षकों को आन्दोलन में घसीट कर शिक्षा व्यवस्था को क्यों चैपट करना चाहते है?
डा0 राय ने कहा कि वे अपने संगठन की ओर से ऐसे स्वयंभू नेताओ व संगठनो से अपील करते है कि वे शिक्षको को झूठे भ्रमजाल में फसाकर उन्हें गुमराह करने की नाकाम कोशिश न करें, बल्कि इमानदारी के साथ अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अविलम्ब 04 अगस्त से पूर्व ‘सरप्लस आदेश’ तथा शिक्षकों की अन्य समस्याओं का निस्तारण करा दें ताकि हमारे संगठन को राज्य परिषद की बैठक में अनावश्यक प्रदेश के शिक्षकों को ‘पूर्ण हडताल ’ के लिए आवाहन न करना पडे।
समस्त शिक्षक संगठनों एवं नेताओ का एक मात्र लक्ष्य भय मुक्त वातावरण में ‘सेवा सुरक्षा, वेतन सुरक्षा’ के साथ ही साथ गौरवशाली उपलब्धियों को अक्ष्ुाण्ण बनाये रखना ही है।
प्रेस वार्ता में संयुक्त शिक्षक संधर्ष मोर्चा के संयोजक श्री तेज नारायण पाण्डेय तेजेश, जिला अध्यक्ष श्री निर्मल श्रीवास्तव, जिलामंत्री एवं प्रदेश कार्यालय सचिव श्री सुशील त्रिपाठी, एवं जिला उपाध्यक्ष श्री आर0एस0 विश्वकर्मा भी उपस्थित थें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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