इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय कार्यदल कनाडा के एक सप्ताह के दौरे पर 15 जुलाई को टोरंटो पहुँचाद्य इस दौरे का उद्देश्य भारतीय इस्पात उद्योग के स्थायी विकास हेतु दीर्घकालिक उपाय के रुप में कोकिंग कोल व लौह अयस्क जैसे खनिजों की प्राप्तिध्अर्जनकी दिशा में दोनों देशों के संगठनों के बीच सहयोग बढ़ाना हैद्यइसमें बौद्धिक संपदा और त्-क् गतिविधियों में सहयोग भी शामिल हैद्य
दौरे के पहले दिन ही आर आई एन एल और कनाडा के डब डंेजमत न्दपअमतेपजल, भ्ंउपसजवद के बीच इस्पात उत्पादन के क्षेत्र में ठमदमपिबपंजपवद और सवू हतंकम उंहदमजपजम सेच्मससमज के उत्पादन तथा प्रशिक्षण, शोध का आदान-प्रदान आदि हेतु सहयोग एवं शोध कार्यक्रमों को सुदृढ़ बनाने के लिए कार्यदल द्वारा समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप दिया गयाद्यतत्पश्चात दि.16 जुलाई को आर आई एन एल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री ए पी चैधरी और डब डंेजमत न्दपअमतेपजल के क्त च्मजमत डंेबीमतने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कियाद्य
इस अवसर पर श्री बेनी प्रसाद वर्मा ने उल्लेख किया कि प्रमुख विश्वविद्यालय के साथ ऐसे सहयोग से इस्पात क्षेत्र में त्-क् गतिविधियों को बल मिलेगा, जो सरकार की आगामी कुछ वर्षों में इस्पात की क्षमता को 200 मिलियन टन से अधिक करने की योजना के लिए आवश्यक हैद्यलौह अयस्क के निर्यात से संबंधित केनाडियन संगठन द्वारा उठाये गये प्रश्न के उत्तर में श्री बेनी प्रसाद वर्मा ने बताया कि सरकार इस मामले में पहल कर चुकी है, जिसके फलस्वरूप निर्यात में 75ः की भारी गिरावट हुई हैद्यउन्होंने यह भी बताया कि हालाँकि भारत के पास लौह अयस्क के प्रचुर भंडार उपलब्ध हैं, परयह समय की माँग है कि देश की बढ़ती आबादी के दृष्टिगत और भावी पीढ़ी की आवश्यकता की पूर्ति हेतु भारतीय इस्पात उद्योग को अधिक लौह अयस्क खदानों का अर्जन करना है।
माननीय इस्पात मंत्री के कार्यदल में इस्पात सचिव श्री डी आर एस चैधरी, भा.प्र.से. ,संयुक्त सचिव (इस्पात) श्री लोकेश चंद्र, भा.प्र.से., भी शामिल हैं। श्री वर्मा खनिज संपदा संपन्न ब्रिटिश कोलंबिया राज्य का भी दौरा करेंगे और इस भ्रमण के दौरान वे इस संदर्भ में ब्रिटिश कोलंबिया के प्रमुख तथा अन्य संबद्ध मंत्रियों एवं संगठनों से चर्चा करेंगेद्य
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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