वी.वी.आई.पी. जक्सन आरक्षण टिकटो की काला बाजारी का अडडा

Posted on 17 July 2013 by admin

जनपद की वी.वी.आई.पी. जक्सन आज कल आरक्षण टिकटो की काला बाजारी का चर्चित अडडा बनता जा रहा है । हैरत तो यह है कि पूर्व में इस गोरखधंधे की जांच को आई. वी.आई. टीम को फर्जी टिकट मिले भी मगर जोड तोड और मैनेज व्यवस्था ने घाघ ब्लैकियों को क्लीन चिट देकर धंधे को और बढाने और एक हिस्सा और लगाने की नसीहत दे क्लीन चिट जारी कर दी ।
गौरतलब हौ कि भारतीय रेल के जनपद स्तरीय बुंिकंग क्लर्र्को का माफियाओं से गठजोड पूरा रेल महकमा भली भांति जानता है बीते दिनो मण्डल स्तर से सीनियर डी.सी.एम.के निर्देश पर आई वी०आई० टीम भी इन काला बाजारियों से मिल गई जनता और जनप्रति ठगे  रहे गये और टिकटो की काला बाजारी का रेट और बढ गया चूंकि जांच टीम ने इन ब्लैकियों से अपना हिस्सा भी बांध लिया था ।
अब आरक्षण टिकटो की ब्लैक मार्केटिंग मे सी.बी.एस., सी.एम.आई. समेत सभी की हिस्सेदारी बढ गई जनता को जहां इससे पीडा ५० प्रतिशत थी बढकर १०० प्रतिशत हो गई । इस ब्लैक मार्केटिंग के शिकार एक एडवोेकेट और युनाईटेड भारत के विधि संवादाता भी हो गये वाकया देखिये इन्हे हिमगिरी एक्स १२३३१ से १५ सितम्बर २०१३ को सुलतानपुर से जम्मू जाना था इन्होने इंटरनेट से सीटो की सर्चिग की तो १२८ सीटे खाली दिखाई जा रही थी मगर बुकिंग क्लर्क रेलवे कांउटर ने कहा कि सीट खाली नही है वेटिंग है दूसरे दिन आईये दूसरे दिन जाने पर ५४ सीटे बैकेंट थी मगर फिर बुकिंग क्लर्क ने कहा कि वेटिंग है जब इन्होने परिचय दिया और कहा कि जब वेटिग है तो नेट सीटें बैकेट क्यो बता रहा है । तो बुकिंग क्लर्क ने इन्हे ६८१ नंण्  अवैध टिकट बिव्रहृी काउंटर पर भेजा जहां अंदर से ही कई दलाल टिकटे बनवा रहे थे । इनका भी टिकट दे दिया और कहां कि आपको पहले ही बताना था ये तो धंधा है ।
सोचिये जरा दूर दराज से आने वाली जनता आये दिन अपनी जेब कटवा रही है मगर सुनने वाला कोई नही है जब घर का विभीषण ही बैरी हो जाये तो रेल विभाग कैसे बचेगा । यहां से दिल्ली, बाम्बे, पंजाब, कलकत्ता, जाने वालो से प्रति टिकट तीन गुना वसूली होती है वो भी जी.आर.पी. व आर.पी.एफ की पूरी जानकारी में रेलवे के अधिकारियों की मिली भगत से खुलेआम अन्दर से पहले से भरे फार्मो को फाईल बनाकर लोड किया रहता है । जेैसे ही तत्काल आरक्षण खुलता है फाईल इन्टर कर दिया जाता है । बाहर लाईन लगाये लोग टोकन लेकर अपनी बारी का इंन्तजार ही करते रहते है ।
पैसे को तुरन्त हटाने के लिए इनके पास पोर्टर और कुली  बीच बीच मे आते रहते है जिससे रेड पडने पर ज्यादा कैश न पकडा जाये धंधा जोर शोर से चलता रहता है । वेटिंग सुन बाहर जाने पर दलाल मिल लेते है जो एक ही आई.डी. पर चार लोगो को परिवार बता तीन गुना वसूली कर भेज देते है और तो और सुलतानपुर से मुम्बई तक नेटवर्क जुडा रहता है मण्डल की वी.आई. दिल्लीकी आई की खबर देती रहती है । डी.सी.एम. वगैरह तो वैसे भी पहले से बता कर आते है कि जो खराब है उसे ठीक कर लो और क्लीन चिट लो । अब जरा मुस्कराईये ये भारतीय रेलवे का वी.वी.आई.पी. जंक्सन सुलतानपुर है ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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