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आई.आई.टी. की प्रवेश परीक्षा में यू.पी. बोर्ड के कम छात्रों के चयन पर प्रदेश की सपा सरकार जिम्मेदर - भाजपा

Posted on 15 July 2013 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने आई.आई.टी. की प्रवेश परीक्षा में यू.पी. बोर्ड के कम छात्रों के चयन पर प्रदेश की सपा सरकार को जिम्मेदर ठहराया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने अपने एक बयान में कहा कि प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा के गिरते स्तर के कारण प्रदेश केे छात्र देश की प्रतिष्ठित आई.आई.टी. की प्रवेश परीक्षा में चयन नही पा सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अगर यही हाल रहा तो छात्रों को प्रदेश से अन्य प्रदेशो में पलायन की गति बढ़ेगी या वे अन्य केन्द्रीय बोर्डो की तरफ आकर्षित होंगे। यूपी बोर्ड और प्रदेश के सभी चयन बोर्ड भ्रष्टाचार का अड्डा बन गये है। यू.पी. बोर्ड के निदेशक पर ही मा0 उच्च न्यायालय ने जाति सम्बंधी गम्भीर टिप्पणी की है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मिश्र ने बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है जिसके कारण प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रदेश के छात्रों के चयन का प्रतिशत गिरता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सन्2002 तक प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रदेश के छात्रों का बोल बाला रहा है। परन्तु छिले 11 वर्षो के सपा-बसपा के निर्विघ्न शासन काल में स्थिति उलट हो गई। इन सरकारों ने आधुनिक परिस्थितियों को न समझ कर अपनी शिक्षा प्रणाली और कोर्स में परिवर्तन नहीं किये जबकि कई प्रदेशों ने केन्द्रीय शिक्षा प्रणाली की अपेक्षा अनुसार परिवर्तन कर लिये और उनके परिणाम अच्छे आये।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मिश्र ने आरोप लगाया कि सपा के शासन काल मंे तो स्थिति और खराब हो गई। माध्यमिक शिक्षा निदेशक का ध्यान केवल जाति-बिरादरी को सही पोस्टिंग देने तक रही। उन्होंने शिक्षा को आधुनिक बनाने तथा सरकार ने प्रभावी बनाने के कोई प्रयास नही किये। डा0 मिश्र ने व्यंग किया कि छात्रों को केन्द्रीय बोर्ड के समान नम्बर तो मिल गये परन्तु उनके स्तर में गिरावट बढ़ गई। परिणाम स्वरूप नम्बर तो अच्छे आये परन्तु गुणवत्ता हीन होने के कारण प्रतियोगिता से बाहर हो गये।
डा0 मिश्र ने प्रदेश सरकार से मांग की कि प्रदेश के शिक्षा का पैटर्न राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुकूल करें और उसकों स्तरीय बनाने के गम्भीर प्रयास करें। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के सभी चयन बोर्ड आरोपों के घेरे में है और प्रतियोगी उन्हे भ्रष्टाचार का अड्डा मानते है। प्रदेश के सभी चयन बोर्डो को पारदर्शी व्यवस्था बनानी चाहिए अन्यथा सरकार को छात्रों के आक्रोश का शिकार होना पड़ेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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