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कानून द्वारा कानून का राज नहीं बल्कि ‘‘गुण्डों, बदमाषों, माफियों एवं अन्य अराजक व अपराधिक तत्वों‘‘ का राज

Posted on 15 July 2013 by admin

बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व चेयरपर्सन, बी.एस.पी. संसदीय दल एवं पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने
प्रेस कान्फ्रेंस देष कहा कि प्रदेश में हर मामले में व हर स्तर पर यहाँ कानून द्वारा कानून का राज नहीं बल्कि ‘‘गुण्डों, बदमाषों, माफियों एवं अन्य अराजक व अपराधिक तत्वों‘‘ का राज चल रहा है, जिनको सपा सरकार का खुला संरक्षण प्राप्त है। इसलिए ऐसी स्थिति में, हाल ही में सपा सरकार द्वारा जो ‘‘उत्तर प्रदेश राज्य सुरक्षा आयोग‘‘ का गठन किया गया है। परन्तु इससे भी यहाँ बिगड़ी हुई कानून-व्यवस्था में कोई भी बदलाव आने वाला नहीं है। इसके साथ ही प्रदेश में इस किस्म का राज होने की वजह से यहाँ हर स्तर पर एक जाति विशेष के अधिकारियों को छोड़कर बाकी सभी अधिकारी इन अपराधिक तत्वों के सामने ज्यादातर अपने आपको लाचार व असहाय महसूस कर रहे हैं और इन सब कारणों की वजह से ही पूरे प्रदेश में यहाँ चोरी, डकैती, लूटपाट, फिरौती, बलात्कार, और खासतौर से बलात्कार के मामले में इसके दोषी लोग अपने आपको बचाने के लिए जिस प्रकार से पीडि़त की जीभ काटने, जलाने व उन पर तेजाब आदि फेकने लगे हैं। इस किस्म की दिल को दहलाने वाली ये दर्दनाक वारदातें अपहरण, साम्प्रदायिक दंगे व तनाव‘‘ आदि की ये सभी घटनायें यहाँ काफी ज्यादा चरम-सीमा पर पहुँच चुकी हैं। और अब इसका भयंकर बुरा प्रभाव प्रदेष के विकास व उत्थान पर भी पड़ रहा है, इसके साथ ही, इस सरकार में हर विभाग के अन्दर ‘‘भ्रष्टाचार‘‘ भी बड़े-पैमाने पर फैला हुआ है।
इतना ही नहीं बल्कि पिछली सरकार के कार्यों की जांच कराने की आड़ में यहाँ हर स्तर पर भारी तादाद् में वसूली की जा रही है जिससे भ्रष्टाचार को अब यहाँ और भी ज्यादा बढ़ावा मिल रहा है। लेकिन इस मामले में, अपनी पार्टी के बारे में यहाँ मैं यह भी कहना चाहती हूँ कि हमारी पार्टी या सरकार में, जो लोग भी हमें भ्रष्टाचार में लिप्त मिले, तो हमने अपनी पार्टी में इस किस्म के पुराने से पुराने कार्यकर्ता व वरिष्ठ पदाधिकारी को तथा अपनी सरकार के वरिष्ठ मन्त्री तक को भी छोड़ा नहीं है।
अर्थात् हमने इस किस्म के लोगों को पार्टी व सरकार से तुरन्त ही निकालकर बाहर किया है और सरकार में भी उनके खिलाफ उच्च स्तरीय जाँच कराने के भी आदेश दिये हैं। ऐसे अनेकों उदाहरण आप लोगांे के सामने है, जिन्हें यहाँ मैं फिर से दोहराना नहीं चाहती हूँ। लेकिन अब इसी किस्म के भ्रष्ट लोगों को बीजेपी, सपा व अन्य पार्टियां इन्हें अपनी-अपनी पार्टी में शामिल करा रही है। ऐसी स्थिति में इन सभी विरोधी पार्टियों को अब यहाँ भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रहा है।
और खासतौर से कल जिस व्यक्ति के अर्थात् बाबूसिंह कुशवाहा के परिवार के लोगांे को सपा ने अपनी पार्टी में शामिल कराया है तो उसके बाद से इस पार्टी के बारे में ज्यादातर लोगों में यही चर्चा हो रही है, और जिसकी जानकारी हमारी पार्टी के लोगों ने मुझे भी यह दी है कि सपा को इस व्यक्ति के भ्रष्टाचार व अन्य कमियों से अब कोई लेना-देना नहीं रहा है, बल्कि सपा नेतृत्व को तो अब अपने खुद के निजि स्वार्थ से ही सीधा-सीधा मतलब रह गया है। और वहीं दूसरी तरफ कल इस प्रकार से शामिल हुये व्यक्ति को, अपने सहारे के लिए अपने परिवार के किसी एक सदस्य को लोकसभा का आमचुनाव लड़ाके व अपनी सभी कमियों को दूर करने के लिए, इस सरकार का संरक्षण लेकर अपना बचाव आदि करना पड़ रहा है। लेकिन इस किस्म का व्यक्ति अपने खुद के समाज का और जिस पार्टी में वह शामिल हुआ है, उस पार्टी का भी किसी भी प्रकार से भला नहीं कर सकता है। और इस व्यक्ति का तजुर्बा इससे पहले यहाँ विधानसभा के हुये आमचुनाव में बीजेपी ने भी करके देख लिया है। कहने का तात्पर्य यह है कि इस किस्म के अन्य और लोगांे से, और साथ ही वर्तमान सपा सरकार के रहते हुये, यहाँ प्रदेश में किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार खत्म होने वाला नहीं है। इसके अलावा सपा सरकार द्वारा बी.एस.पी. के प्रभावशाली लोगांे को जान-बूझकर परेशान करने के लिए उन्हें जबरदस्ती फर्जी मामलों में  फँसाकर उनके खिलाफ राजनैतिक द्वेष की भावना से जो गलत कार्यवाही की जा रही है तो इसकी हमारी पार्टी कड़े शब्दों में निन्दा करती है।
इसके साथ ही, प्रदेश में अपराधिक तत्वों द्वारा यहाँ ज्यादातर बेकसूर लोगांे को बड़े-पैमाने पर जुल्म-ज्यादती का शिकार बनाया जा रहा है और उनकी रिपोर्ट ;थ्ण्प्ण्त्ण्द्ध तक भी थानों में नहीं लिखी जा रही है, जिसकी वजह से फिर इन्हें मजबूरी में न्याय के लिए अधिकांश कोर्ट-कचेहरी का ही सहारा लेना पड़ रहा है।
प्रदेश में इस समय आयी ’’भयंकर बाढ़’’ ने भी यहाँ ज्यादातर बाढ़ में फँसे लोगों को काफी परेशान कर रखा है, जिनकी मदद के लिए प्रदेश की सरकार अभी तक भी हमें कोई ज्यादा गम्भीर नजर नहीं आती है। इसके साथ ही, प्रदेश में सर्वसमाज में से ‘‘गरीब, मज़दूर, किसान, व्यापारी, कर्मचारी, वकील एवं अन्य क्षेत्रों‘‘ में लगे लोग भी अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर आज भी हमें यहाँ काफी ज्यादा दुःखी व परेशान नजर आ रहे हैं। ऐसे हालातों में फिर हमारी पार्टी ने मजबूरी में प्रदेश व यहाँ की जनता के हित मे 19 अप्रैल सन् 2013 को, उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल ी से मिलकर उन्हें लिखित में एक ज्ञापन दिया था जिसमें उनसे यह अनुरोध किया गया था कि संविधान के अनुच्छेद 356 के अन्र्तगत उत्तर प्रदेश में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करें। लेकिन दुःख की बात यह है कि महामहिम श्री राज्यपाल जी ने अभी तक भी इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाये हैं।
इसलिए हमारी पार्टी मीडिया के माध्यम से आज फिर से प्रदेश के महामहिम श्री राज्यपाल जी से अपनी इस मांग को दोहराती है। और इतना ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश व जनता के हित में हमारी पार्टी अपनी इस मांग को यहाँ हर प्रेस कान्फं्रेस में व पार्टी के हर बड़े प्रोग्राम में लगातार तब तक दोहराती रहेगी, जब तक हमारी पार्टी की यह जायज मांग महामहिम श्री राज्यपाल जी स्वीकार नहीं कर लेते है। इसलिए यह अनुरोध हमारी पार्टी का लगातार जारी रहेगा।
अयोध्या: इसी प्रकार देश में लोकसभा के आमचुनाव नजदीक आते ही यहाँ उत्तर प्रदेश में भी सभी विरोधी पार्टियांे द्वारा और उसमें भी खासतौर से कांग्रेस व बीजेपी के नेताओं द्वारा राम-जन्मभूमि व बाबरी मस्जिद विवादित स्थल के फैजाबाद जिले में जाकर देश के हिन्दू-मुस्लिम वोटो को रिझाने के लिए पिछले कुछ समय से जो यहाँ घिनौनी राजनीति की जा रही है। यह भी अपने देश के लिए धर्मनिरपेक्ष के हिसाब से ठीक नहीं हो रहा है अर्थात् यह सब काफी निन्दनीय है। इसलिए ऐसी स्थिति में खासतौर से फैजाबाद जिले से जुड़े इस मामले में हमारी पार्टी ‘‘माननीय सुप्रीम कोर्ट‘‘ से यह अनुरोध करती है कि वह इस मामले का खुद संज्ञान लेते हुये कोई न कोई ऐसे सख्त कदम जरूर उठाये ताकि इन पार्टियों के इस किस्म के रवैये की वजह से यहाँ अपने देश की धर्म-निरपेक्षता की जड़े खोखली न हो सके।
चीन: इसके साथ-साथ ‘‘चीन‘‘ के सम्बन्ध में भी यहाँ हमारी पार्टी का यह कहना है कि चीन ने अभी हाल ही में एक बार फिर से भारतीय सीमा में घुसपैठ की है, यह अपने देश के लिए बहुत ही चिन्ता की बात है। इसलिए केन्द्र की सरकार को इस मामले में बहुत जल्दी ही गम्भीर हो जाना चाहिये। वरना इसके आगे चलकर बहुत ही खराब दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
तेलंगाना: इसके अलावा जहाँ तक आन्ध्र प्रदेश में ‘‘तेलंगाना क्षेत्र‘‘ को अलग से नया राज्य बनाने का सवाल है तो इसके निर्माण का अर्थात् आन्ध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र को अलग से नया राज्य बनाने की हमारी पार्टी शुरू से ही इसकी पक्षधर रही है और यदि केन्द्र की सरकार इस मामले में कोई भी सकारात्मक कदम उठाती है तो इसका हमारी पार्टी पूरा-पूरा समर्थन करेगी। लेकिन इसके साथ-साथ यहाँ हमारी पार्टी का यह भी कहना है कि नया राज्य बनाने के मामले में केन्द्र की सरकार को उत्तर प्रदेश का भी जरूर ध्यान रखना चाहिये।
देश व जनहित की इन सभी जरूरी बातों के साथ-साथ, अब मैं आप लोगांे का ध्यान उत्तर प्रदेश इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने एक जनहित याचिका में अपने अन्तरिम आदेश में जो यह कहा है कि ‘‘राजनैतिक पार्टियां अब कोई जातीय सम्मेलन ना करें‘‘ इसकी तरफ भी दिलाना चाहती हूँ। इस सम्बन्ध में हमारी पार्टी का यह कहना है कि ‘‘हमारे देश का सामाजिक ढाँचा ज्यादातर जातीय आधार पर ही केन्द्रित है‘‘ जिसका निर्माण यहाँ गैर-बराबरी वाली सामाजिक व्यवस्था के आधार पर हुआ है और इसी ही गैर-बराबरी वाली सामाजिक व्यवस्था के तहत् यहाँ समाज में सबसे निचले तबके को अर्थात् देश में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लोगांे को  सदियों से यहाँ जाति के आधार पर जिन्दगी के हर पहलू में गुलाम व लाचार बनाकर रखा गया है। यानि की इन्हें ‘‘शैक्षणिक, आर्थिक व सामाजिक इन तीनों क्षेत्रों‘‘ में पिछड़ा हुआ बनाकर रखा गया है, जिन्हें भारतीय संविधान के निर्माता परमपूज्य ‘‘बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर‘‘ ने, अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए इन्हीं आधार को मानकर ही इन्हें शिक्षा, सरकारी नौकरियों एवं राजनीति आदि में भी आरक्षण देने की भारतीय संविधान में कानूनी व्यवस्था की है।
इतना ही नहीं बल्कि यह पहल हमारी पार्टी द्वारा यहाँ जातीय आधार पर सर्वसमाज को आपस में बांटने के लिए नहीं बल्कि ’’सर्वसमाज में सामाजिक सौहार्द व आपसी भाईचारा पैदा करने के लिए’’ की जा रही है, ताकि केन्द्र व राज्यों में बी.एस.पी. की सरकार बनने पर यहाँ सर्वसमाज के लोगों को जिन्दगी के हर पहलू में आगे बढ़ने का पूरा-पूरा मौका मिल सके और फिर देश में कांग्रेस, बीजेपी व अन्य विरोधी पार्टियों की सरकारों की तरह यहाँ अन्दर-अन्दर जातीय आधार पर कार्य होने बन्द हो जायेंगे, जो देश व सर्वसमाज के हित में है, और अब इसकी अपने देश व सर्वसमाज के लोगों को यहाँ बहुत ज्यादा जरूरत भी है। लेकिन इस सन्दर्भ में, यहाँ मैं यह भी कहना चाहती हूँ कि हमारी पार्टी का ‘‘सामाजिक परिवर्तन व सर्वसमाज में भाईचारा‘‘ पैदा करने व बनाने का यह अभियान पूरे देश में तब तक जारी रहेगा जब तक, यहाँ जातीय आधार पर बनी हुई यह गैर-बराबरी वाली सामाजिक व्यवस्था पूरेतौर से बदल नहीं जाती है।
और इसके साथ ही, यहाँ सर्वसमाज के लोगों को एक समान आगे बढ़ने का पूरा-पूरा मौका नहीं मिल जाता है, किन्तु इसके साथ ही, यहाँ हमारी पार्टी का यह भी कहना है कि ’’हमारी पार्टी के चल रहे इस अभियान के तौर-तरीकों से यदि कुछ लोगों को एतराज हो रहा है’’ तो उसमें भी हमारी पार्टी द्वारा जरूर कुछ बदलाव किया जायेगा, ताकि हमारा यह अभियान पूरे देश में तेजी से आगे भी चलता रहे, जिसकी हमारे देश व सर्वसमाज के लोगों को अभी यहाँ काफी ज्यादा सख्त जरूरत है।
ऐसी स्थिति में और इसमें भी खासतौर से यहाँ माननीय कोर्ट के नजरिये को देखकर, अब हमारी पार्टी द्वारा पूरे देश में सर्वसमाज में सामाजिक भाईचारा व सामाजिक सौहार्द पैदा करने के लिये यहाँ ’’सर्वसमाज भाईचारे के नाम पर सम्मेलन’’ व ’’रैलियाँ’’ आदि आयोजित की जायेंगी, किन्तु हमारी पार्टी अपने इस सामाजिक परिवर्तन के अभियान को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेगी ताकि अपना देश व सर्वसमाज के लोग सही मायने में यहाँ भारतीय संविधान की मंशा के अनुरूप चलकर आगे बढ़ सके और इसी सोच के आधार पर चलकर हमारी पार्टी ने इसी ही महीने 7 जुलाई को या इससे पहले भी, अभी तक जिस भी समाज के नाम पर भाईचारा सम्मेलन आयोजित किये हैं, उन्हें जातीय आधार पर समाज को आपस में बांटने के लिए नहीं बल्कि यहाँ सदियों से जातीय आधार पर बंटे हुये समाज के लोगों को आपसी भाईचारे के आधार पर जोड़ने के लिए ही किये हैं।
हालांकि हमारी पार्टी के इस सराहनीय कदम की सभी स्तर के लोगों को इसकी प्रशन्सा करनी चाहिये, ना कि इसकी आलोचना करनी चाहिये। अर्थात् इसे हमारे विरोधियों को अपने राजनैतिक नफे-नुकसान के नजरिये से नहीं देखना चाहिये बल्कि हमारी पार्टी के देश व जनहित के इस कदम को सामाजिक बदलाव के नजरिये से ही देखना चाहिये। और इसी ही दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर हमारी पार्टी हमेशा यह कहती है कि ‘‘हमारी पार्टी राजनैतिक के साथ-साथ सामाजिक भी है।‘‘ और यह खास विशेषता हमें यहाँ देश व सर्वसमाज के हित में अन्य और किसी भी राजनैतिक पार्टी में देखने के लिए नहीं मिलती है।
रोक की मांग: लेकिन, इसके साथ ही यहाँ हमारी पार्टी का यह भी कहना है कि माननीय कोर्ट ने भारतीय संविधान का हवाला देकर जो यहाँ सभी राजनैतिक दलों पर जातीय आधार पर सम्मेलन ना करने की बात कही है तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय संविधान को ध्यान में रखकर ही हमारी पार्टी का माननीय कोर्ट से यह भी कहना है कि अपने देश में धर्म के आधार पर या किसी एक खास धर्म को महत्व देने के उद्देश्य से जो यहाँ अनेकों संगठन बने हुये हैं,ऐसे अन्य और सभी धार्मिक संगठनों पर भी माननीय कोर्ट को भारतीय संविधान को ध्यान में रखकर जरूर रोक लगानी चाहिये जो पर्दें के पीछे से रहकर यहाँ किसी ना किसी रूप में धर्म के आधार पर घिनौनी राजनीति कर रहे हैं जबकि हमारे देश का संविधान यहाँ किसी भी राजनैतिक पार्टी को धर्म के आधार पर राजनीति करने की इजाजत नहीं देता है। मुझे पूरी उम्मीद है कि माननीय कोर्ट हमारी पार्टी की इस बात का भी जरूर संज्ञान लेगा।
, मुझे मीडिया के माध्यम से यह भी मालूम हुआ है कि हमारी पार्टी के हमीरपुर लोकसभा की सीट से पहली बार जीतकर आये एक सांसद श्री विजय बहादुर सिंह ने इनके इन सभी बयानों की काफी ज्यादा तारीफ की है, किन्तु इनके ये सभी बयान व्यक्तिगत है और ये हमारी पार्टी के बयान नहीं है और आगे भी यदि इनके ऐसे अन्य कोई और भी बयान आते हैं तो उसे आप लोग इनका व्यक्तिगत बयान ही समझे, अर्थात् हमारी पार्टी का बयान ना समझें। हालांकि इनके बारे में आप लोगों को शायद यह सच्चाई मालूम नहीं है कि इनकी इन्हीं सभी कमियों के कारण आज से लगभग 8-9 महीने पहले ही, इनका इस बार लोकसभा के लिए हमारी पार्टी ने टिकट काटकर इनके स्थान पर अब पार्टी के अन्य कार्यकर्ता का टिकट फाइनल कर दिया है। और इसके साथ ही इनको हमारी पार्टी ने पार्टी संगठन व पार्टी के अन्य किसी और मामले में भी कोई जिम्मेवारी नहीं सौंपी है। लेकिन फिर भी, ये आयेदिन पार्टी की लाईन से अलग हटकर अक्सर कुछ ना कुछ बयानबाजी जरूर करते रहते हैं। और पिछले कुछ दिनों से इनकी यह बयानबाजी करने की यह बीमारी कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी है, जिसे अब हमारी पार्टी ने काफी गम्भीरता से लिया है। इसलिए ऐसी स्थिति में आज मैं मीडिया के जरिये अपनी पार्टी की ओर से, इनको आखिरी यह चेतावनी देती हूँ कि अर्थात् अभी जो मैं इनको आखिरी चेतावनी देने के लिए जा रही हूँ, इसे इनको हमारी पार्टी का आखिरी नोटिस दिया जाना ही मानकर चलना चाहिये। और अब मैं मीडिया के माध्यम से इनको अपनी पार्टी की ओर से आखिरी यह चेतावनी देती हूँ कि वे पार्टी के अनुशासन में रहे और यदि ये पार्टी के अनुशासन में नहीं रहते हैं तो फिर इन्हें खुद ही हमारी पार्टी को छोड़कर चले जाना चाहिये, वरना फिर इनकी इन्हीं सभी कमियों की वजह से पार्टी हित में इनको बहुत जल्दी ही पार्टी से निलम्बित व निकाला भी जा सकता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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