प्रदेश में भाजपा, सपा तथा बसपा अपराधियों एवं भ्रष्टाचारियों की शरण स्थली बन चुकी हैं। यही कारण है कि एनआरएचएम घोटाले के आरोप में जेल में बंद एवं बसपा सरकार में मंत्री रहे पूर्व मंत्री श्री बाबू सिंह कुशवाहा जहां भाजपा में शामिल हुए थे, वहीं कल उनकी पत्नी एवं भाई ने सपा की सदस्यता स्वीकार की।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि इससे यह साबित हो गया है कि कहीं न कहीं भाजपा एवं सपा में आंतरिक गठजोड़ काफी मजबूत है। श्री कुशवाहा को लेकर भाजपा पर आरोप लगाने वाली समाजवादी पार्टी अब यह बताये कि आखिर श्री कुशवाहा की पत्नी एवं भाई को शामिल कराने में किस तरह की डील हुई और उसमें उसके कौन-कौन से नेता शामिल थे?
प्रवक्ता ने कहा कि पहले तो सपा तथा बसपा ने जहां वोट के लिए अपराधियों को अपनी पार्टी में शामिल किया। समय बीतने के साथ ही अपराधियों को लेकर मा0 उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद आनन-फानन में पैतरा बदलते हुए अब भ्रष्टाचारियों को अपनी पार्टी में शामिल करना शुरू किया है, जिसका ताजा उदाहरण श्री कुशवाहा की पत्नी श्रीमती शिवकन्या एवं उनके भाई श्री शिवशरण कुशवाहा हैं। इतना ही नहीं यूपीएसआईडीसी में घोटाले के आरोपित पूर्व आईएएस अधिकारी श्री सत्येन्द्र राय, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे, उन्हें भी समाजवादी पार्टी ने न सिर्फ अपनी पार्टी में शामिल किया बल्कि उदारतापूर्वक लालबत्ती देकर सम्मानित किया।
प्रवक्ता ने कहा कि विगत वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश के नौजवान मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने जिस तरह से श्री डी0पी0 यादव को पार्टी से बाहर किया, उससे लेागों को लगा कि अब सपा में अपराधियों को लेकर सपा की सोच में कुछ परिवर्तन आया है जिसका फायदा सपा को चुनाव में मिला। किन्तु आज समाजवादी पार्टी का दोहरा चरित्र सामने आ गया है। प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि समाजवादी पार्टी का आगामी लोकसभा चुनाव तक ऐसे कितने भ्रष्टाचारियों एवं अपराधियों को पार्टी में शामिल करने की योजना है?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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