समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस एक रणनीति के तहत समाजवादी पार्टी को अपना निशाना बना रही है। केन्द्रीय इस्पात मंत्री समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव पर व्यक्तिगत छीटाकशी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। वे इस बात पर अड़े हैं कि नेता जी के खिलाफ ऊलजलूल बोलते रहेगें। उनके दूसरे साथी कोयला मंत्री समाजवादी पार्टी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने का एलान कर रहे हैं। उनको समाजवादी पार्टी की जमीन हिलती नजर आ रही है। कांग्रेस के आयातित प्रदेश प्रभारी कांग्रेसजनों को समाजवादी पार्टी पर आक्रामक होने का पाठ पढ़ा रहे हैं और समाजवादी पार्टी के भाजपा से मिले होने का बेतुका भ्रम फैला रहे हैं।
कांग्रेस और दूसरे दलों की मुसीबत यह है कि उत्तर प्रदेश में जनता श्री मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी के पीछे मजबूती से खड़ी है। श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी सरकार ने किसानों, नौजवानों, मुस्लिमों और महिलाओं के हित में तमाम महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। समाज के सभी वर्गो में सरकार की लोकप्रियता बढ़ रही है। पांच बरसों के बसपाराज में विकास की गतिविधियां ठप्प हो गई थीं, जिन्हें मुख्यमंत्री जी ने फिर गति प्रदान की है। उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनने की दिशा में अग्रसर है।
दरअसल, प्रदेश की राजनीति में बसपा अप्रासंगिक हो गई है तो कांग्रेस और भाजपा जैसे कथित राष्ट्रीय दलों की भ्ूामिका भी अप्रभावी हो चली है। इन दलों के बीच अब चुनावों में चैथे-पांचवे नम्बर की प्रतियोगिता होती है। दिखावे में ये भले ही अलग-अलग हो पर इनमें कई बातों पर एका है। ये सब समाजवादी पार्टी के खिलाफ लामबंद हैं। तीनों दलों के स्वार्थ आपस में जुड़े हैं इसलिए बसपा को जहां सत्ता में बिठाने का काम भाजपा करती आई है वहीं कांग्रेस बसपा और भाजपा के काले कारनामों को संरक्षण देती आई है। बसपा ने प्रदेश के पूरे प्रशासनतंत्र को भ्रष्ट बना दिया और सारी लोकतांत्रिक मर्यादाएं तोड़ दी थी। समाजवादी पार्टी इनके खिलाफ लड़ती रही और कांग्रेस की केन्द्रीय सरकार बसपा पर मेहरबान रही। अयोध्या में बाबरी मस्जिद जब तोड़ी गई थी तब प्रदेश में भाजपा और केन्द्र में कांग्रेस की सरकारें थी।
कांग्रेस के उच्च नेतृत्व को अपने बेलगाम नेताओं पर रोक लगानी चाहिए क्योंकि इनके बड़बोलेपन से कांग्रेस को ही सबसे ज्यादा नुकसान होगा। समाजवादी पार्टी लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई कांग्रेस से पहले भी लड़ चुकी है जब आपातकाल में देश को जकड़ दिया गया था। भाजपा की सांप्रदायिकता को समाजवादी पार्टी ही रोकने की स्थिति में है जिसने अभी पिछले लोकसभा चुनाव में भी उसे केन्द्र में सत्ता पाने से रोक दिया था। समाजवादी पार्टी श्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में धर्मनिरपेक्षता के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए वह प्रदेश को संकीर्ण मुद्दों से ऊपर उठाकर विकास और प्रगति की तरफ ले जाने के लिए सतत प्रयत्नशील है। श्री अखिलेश यादव युवा एवं ऊर्जावान मुख्यमंत्री है जिन्हें प्रदेश की जनता का विश्वास हासिल है। लोकसभा के आगामी चुनावों में प्रदेश के मतदाता फिर उत्तर प्रदेश की विधान सभा के नतीजों को ही दुहराएगें इसमें संदेह नहीं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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