जिले का खाद्य महकमा नियत्रंण विहीन हो चुका है । यह गरीबो को बटने वाले खाद्यान मे घटतौली, कालाबाजारी और तो और अब सडे गले राशन को जबरियन कोटेदारो को दिया गया । जिसके चलते गरीब राशन कार्ड धारक सडे हुए खाद्यान्न को लेने से मना कर रहे है । वही दूसरी ओर कोटेदारो की मजबूरी बन गई है क्यूकि राशन का उठान हो चुका है । विपणन अधिकारी की संवेदनहीनता और लापरवाही का संज्ञान न तो कोई जन प्रतिनिधि ले रहे है । न ही जिला अधिकारी ले रहे है ।
सोचने का विषय यह है कि इस बारिस के मौसम मे इस माह गरीबो के पेट में राशन कैसे जायेगा वही कुछ परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच जायेगा वही वी.पी.एल. व अन्तोदय कार्ड धारको ने बताया कि तीन चार माह से शक्कर व सालो से दाल नशीब नही हुई है । और जो इस माह मे मिल रहा है तो सिर्फ सडा गेंहू ।
बताते चले कि यह मामला कूरेभार विकाश क्षेत्र का है । जिसमे समस्त कोटेदारो के यहां इस माह चीनी दाल व चावल का उठान नही हुआ है सिर्फ अन्तोदय के लिए चावल का उठान मिला है । और बी.पी.एल. कार्ड धारको को केवल सडा गेहूं दिया जा रहा है । यह सब कार्य यहां के विपणन अधिकारी द्वारा कराया गया है । मजबूरन कोटेदार गरीब जनता को राशन देने के लिए मजबूर है । वही अन्तोदय व वी.पी.एल. कार्ड धारक राशन लेने से इंकार कर दिये है । जिसकी वजह से इन गरीबो को खाने के लाले पड सकते है ।
जब इस बावत कूरेभार के मार्केटिंग इस्पेक्टर राममूर्रि्त वर्मा बात की गई तो उनका कहना था कि ऐसा नही हेै अगर कुछ बोरियां खराब है तो उसको वापस कर दे । वही क्षेत्र के कोटेदारो ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की इस बार सारे गेंहू के बोरे एैसे ही है । मामला जो भी है लेकिन इसमे तो गरीबो को मिलने वाला नेवाला ही छीन लिया जा रहा है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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