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जातीय रैली पर रोक

Posted on 11 July 2013 by admin

11 जुलाई।

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने मा0 उच्च न्यायालय द्वारा जातीय रैली पर रोक लगाये जाने के निर्णय का स्वागत करते हुये कहा कि प्रदेष में जातिवादी राजनीति के कारण प्रदेष विकास के अन्तिम पायदान पर पहुंच गया है। विकास की बुनियादी जरूरते जैसे बिजली, पानी, सड़क व षिक्षा का ढांचा जातिवादी राजनीति के कारण चरमरा गया है।
प्रदेष प्रवक्ता प्रो0के0के0 त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेष की राजनीति में जातिवादी व अपराधीकरण की ताकतों ने लोकतंत्र का गला घोट दिया। किसानों, मजदूरों, बुनकरों और समाज के दबे कुचले लोगों की आवाज को जातिवादी व अपराधीकरण ताकतों ने कुंद कर दिया जिससे प्रदेष के पूर्वांचल की तमाम चीनी मिलों को औने पौने दामों पर सरकारों ने बेच दिया जिससे पूर्वांचल के लोगों को रोजी रोटी के लिए दिल्ली मुम्बई और कलकत्ता की ओर मजबूरन पलायन करना पड़ा। जातिवादी व अपराधीकरण की ताकतों के खौफ के कारण पंूजीपतियों ने प्रदेष में उद्योग धन्धे लगाने बंद कर दिये जिससे प्रदेष की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी।
उन्होंने आगे बताया कि प्रदेष की राजनीति में गुण्डांें, माफियाओं, अपराधियों व जातिवादी ताकतों के गठजोड़ ने लोकतंत्र को कमजोर कर दिया। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों ने प्रदेष के कर्मचारियों को भी जाति के नाम पर प्रताडि़त किया जिससे कर्मठ, ईमानदार  कर्मचारियों का मनोबल कमजोर हुआ जिसका खामियाजा प्रदेष की जनता भुगत रही है।
उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रीय लोकदल के संस्थापक किसान मसीहा श्रद्धेय चै0 चरण सिंह राजनीति में जातिवाद के सख्त खिलाफ थे। उनका मानना था कि लोकतंत्र जाति, धर्म और सम्प्रदाय से ऊपर है। समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की खुषहाली ही लोकतंत्र का असली मकसद है। इस मकसद को जाति, धर्म व सम्प्रदाय से जोड़ना लोकतंत्र के लिए घातक है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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