भारतीय जनता पार्टी ने जातिगत सम्मेलनों पर रोक लगाने सम्बंधित मा0 उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है। प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने मा0 उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय जाति के आधार पर राजनीति करने वाले दलों के मुॅह पर तमाचा है।
डा0 बाजपेयी ने कहा कि विकास व भ्रष्टाचार तथा खराब कानून व्यवस्था से जनता का ध्यान हटाने के लिए कांगे्रस की सहयोगी सपा-बसपा जैसे दल समाज को जाति के आधार पर बांटना चाहते है और मुद्दों के अभाव में जातिगत सम्मेलनों के आधार पर चुनाव मे जाना चाहते है। डा0 बाजपेयी ने कहा कि इस निर्णय नेे जातिवादी दलों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
डा0 बाजपेयी ने जाति आधारित दलों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सपा जैसा दल जिनकी नीतियां मुस्लिम तुष्टीकरण को समर्पित है। उनके द्वारा ब्राह्मण सम्मेलनों का क्या अर्थ है।
डा0 बाजपेयी ने बसपा पर निशाना साधते हुए पूछा कि “तिलक और तलवार …………“ का नारा देने वाली बसपा किस मुंह से ब्राह्मण सम्मेलन करवा रही है। डा0 बाजपेयी ने कहा कि बसपा के शासनकाल में एस.सी./एस.टी. का दुरूपयोग अभी जनता भूली नही है।
डा0 बाजपेयी ने मा0 उच्च न्यायालय से सार्वजनिक अनुरोध किया है कि उच्च न्यायालय स्वयं संज्ञान लेकर जातिगत/धार्मिक आधार पर जनगणना पर भी रोक लगाये नही तो आने वाले दिनों में देश-समाज को जातिगत आधार पर बंटने से रोका नही जा सकता व मा0 उच्च न्यायालय के यह निर्णय भी निष्प्रभावी हो जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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