Categorized | लखनऊ.

मेरठ की लोक कलाओं पर आधारित एकल प्रदर्शनी का शुभारम्भ

Posted on 11 July 2013 by admin

edited-dsc_0061राज्य ललित कला अकादमी लखनऊ में डा0 मधु बाजपेयी, वरिष्ठ प्रवक्ता मेरठ कालेज मेरठ की लोक कलाओं पर आधारित एकल प्रदर्शनी का शुभारम्भ हुआ। इसका उद्घाटन आर्ट्स कालेज लखनऊ के प्राचार्य पाण्ड्या राजीव नयन ने दीप प्रज्जवलित कर किया। प्रदर्शनी में जहां करवा चैथ, अहोई अष्टमी, हलषष्टी(हलछठ), कार्तिक स्नान, नागपंचमी, रथाष्टमी(छठपूजा), शीतलाष्टमी, बरगदपूजा, शिव अन्नपूर्णा, कुम्भस्नान, नवरात्रि जागरण(डाण्डिया), यमद्वितीय(भाई दूज), जैसे भारतीय हिन्दू त्योंहारों पर आधारित चित्र कैनवास पर उकेरे गये थे, वहीं दूसरी ओर सेव गल्र्स चाइल्डस(बेटी बचाओं), पर्यावरण, हिलस्टेशन, बसंत, प्रतीक्षा जैसे सामाजिक मुद्दों को भी उभारने वाले चित्र प्रदर्शनी में प्रदर्शित किये गये।
प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि पाण्डया राजीव नयन ने कहा कि यह प्रदर्शनी भारतीय लोक आधारित त्योंहारों व्रतों व सामाजिक सरोकारों को व्यक्त करने में सार्थक है। प्रदर्शनी के माध्यम से डा0 मधु बाजपेयी ने समाज को गहरा संदेश दिया है। डा0 मधु के चित्र भारतीय संस्कृति के विभिन्न आयामों को प्रतिबिम्बित करते है और युवा चित्रकारों के लिए प्रेरणा दायी है। प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए लखनऊ के सांसद लालजी टण्डन ने कहा कि डा0 मधु बाजपेयी जी का यह पहला प्रयास सराहनीय व प्रसंशनीय है। श्री टण्डन ने इस प्रकार की प्रदर्शनी के विस्तार पर भी जोर दिया, जो समाज में विलुप्त हो रही लोककलाओं के जीवंत रहने के लिए आवश्यक है।
लखनऊ पूर्वी के विधायक एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र जी ने डा0 मधु बाजपेयी के इस प्रयास के लिए उन्हे बधाई देते हुए कहा कि डा0 मधु का यह प्रयास समाज में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करेंगा।
इस अवसर पर महापौर डा0 दिनेश शर्मा ने प्रदर्शनी की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय लोक कलाओं पर आधारित डा0 मधु बाजपेयी के चित्र समाज में व्रतों एवं त्योहारों की प्रसंगिकता को प्रदर्शित कर रहे है। edited-dsc_0068

डा0 मधुु बाजपेयी ने अपने चित्रों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोक कला भारतीय संस्कृति से जुड़ी है। धर्म आधारित व्रतों एवं त्योंहारों की यह पेंटिग रचनात्मक सोच बढ़ाती है। यह पेटिंग दादी-नानी की उन परम्पराओं को जो समाज में विस्मृत हो रही है उनकी याद दिलाती है। मस्तिष्क की कल्पनाशीलता को कैनवास पर उतारना एक ध्यान योग क्रिया है जो सीधे भारतीय संस्कृति से जोड़ती है।
श्रीमती अनुराधा गोयल निदेशक संस्कृति विभाग ने प्रदर्शनी देखने के बाद कहा कि डा0 मधु का यह प्रयास एक मील का पत्थर है। जो समाज को दिश देने वाला है। प्रसिद्ध चित्रकार एवं फोटोग्राफर रवि कपूर ने प्रदर्शनी की प्रसंशा करते हुए कहा कि डा0 मधु के चित्र मानव हृदय पर स्पंदन करते है। श्री गोपाल दत्त शर्मा सेवा निवृत्त प्रो0 लखनऊ आटर््स कालेज ने भी डा0 मधु के चित्रों की प्रसंशा करते हुए कहा की इन चित्रांे में बहुत गहरी भावना छुपी हुई है।
प्रदर्शनी का अवलोकन करने वालों में प्रमुख रूप से भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी, रामनारायण साहू(पूर्व सांसद), शिवप्रताप शुक्ल, हरद्वार दूबे, श्रीमती बीना विद्यार्थी सचिव ललित कला अकादमी, डा0 वी0एन0 मिश्रा, संतोष सिंह, अनुपमा जायसवाल, मधु मिश्रा, अनूप गुप्ता, दया शंकर सिंह, हरीश दूबे, रामप्रताप सिंह चैहान, राजकुमार, मनीष दीक्षित, राकेश त्रिपाठी,  अमित पाठक, अनीता अग्रवाल, राहुल मिश्रा सहित सैकड़ों गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
प्रदर्शनी 10 जुलाई से 12 जुलाई तक प्रातः 11 बजे से सायं 06 बजे तक अवलोकानार्थ खुली रहेगी।   edited-dsc_0101

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in