समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि बसपा और भाजपा मिलकर उत्तर प्रदेश के राजनीतिक और सामाजिक वातावरण को प्रदूषित करने पर तुले हैं। आश्चर्य यह है कि कांग्रेस भी न केवल इनको षह दे रही है अपितु भाजपा के रास्ते पर चलने जा रही है। इन दलों का नेतृत्व वस्तुतः समाजवादी पार्टी की सरकार की लोकप्रियता और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के कुशल नेतृत्व से कंुठित और हताश है। जन साधारण ने भी इन दलों की हकीकत पहचान ली है और वह अब इन्हें सत्ता से दूर-दूर रखने का मन बना चुकी है। जनता को समाजवादी पार्टी सरकार की उपलब्धियों पर गर्व है।
बसपा के तमाम पूर्व मंत्री सरकारी खजाने की लूट, अवैध कब्जे और सत्ता का दुरूपयोग कर आय से अधिक संपत्ति बटोरने के आरोपों में विभिन्न जांच एजेंसियों की जद में आ चुके हैं और उनके जेल जाने का रास्ता साफ हो रहा है। वैसे पहले से भी बसपा के कई मंत्री, विधायक लूट, बलात्कार और दूसरे अपराधों में सजाएं पाकर जेल की हवा खा रहे हैं। स्पश्ट है कि बसपा अपराधियों, माफियाओं और असामाजिक तत्वों का गिरोह है जिसकी मुखिया पर भी तमाम जांचो की आंच धीरे-धीरे पहुॅच रही है।
भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों में घिरे बसपा नेता अब अपनी जान बचाने के लिए परेशान हैं। समीक्षा बैठक के नाम पर पूर्व मुख्यमंत्री दरअसल “अपनी-अपनी जान बचाव“ की रणनीति बनाने में लगी हैं। बसपा के छोटे-बड़े सभी नेता अपने कारनामों की सजा पाने की आशंका से बदहवास हैं और उल्टीसीधी बयानबाजी तथा सम्मेलन- रैलियों का तमाशा दिखाकर जनता को बरगलाना चाहते हंै।
बेशर्मी की हद तो यह है कि बसपा अध्यक्ष के सहयेागी एक नेता लोकायुक्त संस्था पर ही छीटाकशीं कर रहे हैं और उसकी कानूनी स्थिति को भी नकार रहे है। जिस संविधान के अंतर्गत इस संस्था की स्थापना हुई है उसके निर्माता डा0 भीमराव अम्बेडकर की आत्मा अपने को अम्बेडकरवादी कहनेवालों की इस हरकत पर निश्चय ही दुःखी होगी। संविधान और उसकी संस्थाओं में जिनका विश्वास नहीं है उनके लिए अब लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है।
बसपा को बार-बार सहयेाग देकर सत्ता में बिठानेवाली भाजपा अब जनता की नजरों में अपनी साख खो चुकी हैं और मतदाता उसे चैथे-पांचवे नम्बर तक सीमित रखेगें। सांप्रदायिकता का जहर फैलाकर और दंगे भड़काने वालों के हाथ में चुनाव प्रचार की कमान सौंपकर भाजपा अब प्रदेश को गुजरात की नई प्रयोगशाला बनाने का निरर्थक प्रयास कर रही है। कांग्रेस भी गुजरात का सहारा लेकर उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन पाना चाहती है, जिसकी कतई उम्मीद नहीं है। प्रदेश के हिन्दू-मुसलमान सभी मिलकर प्रदेश के विकास और शांति व्यवस्था से किसी भी हालत में खिलवाड़ नहीं होने देगें। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार और जाति धर्म के उन्मादियों पर लगाम कसने का इरादा कर रखा है और कानून के राज से खिलवाड़ नहीं होने पाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com