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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास जी की 101 वीं जयंती

Posted on 08 July 2013 by admin

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास जी की 101 वीं जयंती पुराना किला स्थित बाबू बनारसी दास नगर निवासी कल्याण समिति के तत्वाधान में मनाई गई। इस अवसर पर बाबू जी के निजी सहायक रहे वरिष्ठ नागरिक धर्म सिंह ने बाबू जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। अपने सम्बोधन में श्री धर्म सिंह ने कहा कि बाबू जी सम्पूर्ण व्यक्तित्व लौहपुरूष के रूप में विख्यात हैं। अंग्रेजों ने इस महान स्वतंत्रता सेनानी पर भीषण शारीरिक यातनाएँ देकर स्वतन्त्रता संग्राम की लड़ाई से अलग करने का प्रयास किया लेकिन बाबू जी पर इस यातना का असर यह हुआ कि उनमे देश की आजादी को लड़ाई लड़ने की कई गुना शक्ति और ऊर्जा उत्पन्न हो गई, जुल्म और अन्याय के विरूद्ध लड़ाई लड़़ना बाबू जी की प्रेरणा आज भी प्रासंगिक है।

इस अवसर पर छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष श्री अरूण गुप्ता, पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सदस्य राज्य सभा डा0 अखिलेश दास गुप्ता के राजनैतिक सचिव अचल मेहरोत्रा, बाबू बनारसी दास नगर निवासी नगर कल्याण समिति के अध्यक्ष कैलाश पाण्डेय, वरिष्ठ राजनेता व समाज सेवी श्री हनुमान त्रिपाठी, सुशील दुबे, सुबोध श्रीवास्तव, रेहान अहमद खान, धनन्जय गुप्ता, विपिन बिहारी शुक्ला, पूर्व पार्षद डाॅ0 पी0एस0 जायसवाल, नवीन बाबा रस्तोगी, मिर्जा अजहर बेग, होरी लाल गुप्ता, राम गोपाल गुप्ता, आशा मौर्या, वन्दनाराज अवस्थी, शान बक्शी, शारदा खन्ना, जयश्री प्रिया गुप्ता, बीना विष्ठ, चन्द्रा रावत, उमा गुप्ता, कमलेश गुप्ता, विमल खरे, हसन आब्दी, महेश राठौर, अनूप कनौजिया, महेश बाल्मीकी, अजय श्रीवास्तव, वसीम खान, अमर सिंह, रमेश गुप्ता खन्ना, राजेश सिंह काली, अन्नू द्विवेदी, सर्वेश अवस्थी, बहारे आलम, राहुल सविता, रवि विश्वकर्मा सौरभ रस्तोगी, धर्मेन्द्र गौतम, मनीष वर्मा, अतीक अंसारी, सुरेश जुयाल, प्रदीप कपूर (बब्बू), सुनील गुप्ता, संगम लाल गुप्ता सहित सैकड़ों लोगों ने बाबू बनारसी दास जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। बाबू बनारसी दास नगर निवासी कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री कैलाश पाण्डेय एडवोकेट ने बाबू जी के जयंती पर पधारें वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, युवाओं एवं बुद्धिजीवियों का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि महापुरूषों का जीवन वृत एक पवित्र पुस्तक की तरह होता है, ऐसे अवसरों पर एक नई जीवन शैली की स्वतः उत्पत्ति हो जाती है। जिससे हम लाभान्वित होेते है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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