राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष प्रवक्ता प्रो0 के0के0 त्रिपाठी ने बसपा का ब्राह्मण सम्मेलन सरासर ब्राहमणों के साथ धोखा है। इन्होंने सत्ता में रहते हुये सैकड़ों ब्राहमणों को एस0सी0एस0टी0 एक्ट के तहत जेल भेजा तथा उन्हें थाना व तहसीलों पर प्र्रताडि़त भी किया गया। उनकी जायज मांगों को भी रददी टोकरी में डाल दिया वहीं प्रमोषन में आरक्षण के मुददे् पर सुश्री मायावती ने ब्राहमणों के खिलाफ बिल पास कराने के लिए एड़ी से चोटी तक ताकत लगा दिया तब उन्हें ब्राहमणों की याद नहीं आयी आज जब लोकसभा का चुनाव सर पर है तब ब्राहमणों को लुभाने के लिए बसपा नये नये नारे गढ़ रही है।
प्रो0 त्रिपाठी ने आगे बताया कि राष्ट्रीय लोकदल का मानना है कि संवैधानिक दायरे में रहते हुये आरक्षण का लाभ एक बार मिलने के बाद प्रमोषन में आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। प्रदेष में बसपा सरकार की सुश्री मायावती चार बार मुख्यमंत्री रहीं लेकिन इन्होंने ब्राहमणों के लिए रोजगार व षिक्षा के दरवाजे बन्द कर दिये वहीं प्रषासनिक पदों पर रहे ब्राहमणों को अपमानित किया। देष की आजादी के लिए ब्राहमणों ने बढ़ चढ़कर कुर्बानी दी लेकिन बसपा की मुखिया ने पं0 रामप्रसाद बिस्मिल, लोकमान्य तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले व अन्य ब्राहमण महापुरूषों के नाम पर एक भी पार्क या भवन का निर्माण नहीं कराया। बसपा के भाईचारा कमेंटी के मुखिया सतीष चन्द्र मिश्र सत्ता में थे तो अपने भाइयो, बहनों व रिस्तेदारों को रेवडी के तरीके से पद बांटे जबकि प्रदेष का ब्राहमण सड़कों व चैराहों पर जलील हो रहा था। बसपा ने एक नया सगूफा छोड़ा है कि सत्ता में आते ही ब्राहमणों को 10 प्रतिषत आरक्षण देंगे जबकि संविधान में 50 प्रतिषत आरक्षण के बाद आरक्षण मिलने का प्रावधान नहीं है। बसपा की मुखिया बतायें ब्राहमणों को 10 प्रतिषत आरक्षण कहां से देंगी। यह ब्राहमणों के वोटों को हासिल करने के लिए सब्जबाग दिखाया जा रहा है।
प्रो0 त्रिपाठी ने आगे बताया कि बहुजन सफरनामा जिसकी लेखिका स्वयं बसपा सुप्रीमों हैं जिक्र किया है कि बसपा के सत्ता में आते ही मनुवादी ताकतों पर सांप लोट जाता है। अभी तो मनुवादियों ने बैठने के लिए खटिया व पीने के लिए पानी दिया है वह दिन दूर नहीं कि जब आप संगठित रहोगे तो बिटिया भी देंगे इसके साथ ही साथ बसपा के मुखिया मंच से नारा लगाते थे तिलक तराजू और तलवार इनको जूते मारों चार। प्रदेष के ब्राहमणों ने देष और समाज को बनाने के लिए आजादी से लेकर आज तक कुर्बानी ही देता चला आ रहा है लेकिन जातिवादी ताकतों ने ब्राहमणों को राजनीतिक हांसियें पर डाल दिया जिसका खामियाजा प्रदेष के नौकरषाह प्रदीप शुक्ला, रंगनाथ मिश्र, शेखर तिवारी, और अन्य तमाम ब्राह्मण मंत्री जेल में बन्द हैं और सैकड़ों ब्राहमण नेताओं पर मुकदमेें चल रहे है। उन्होंने ब्राहमणों को आगाह करते हुये कहा कि ब्राहमण अब बसपा के झूठे छलावे में आने वाला नहीं है वह अपने कत्र्तव्यों को भलीभांति जानता है। आने वाले आगामी लोकसभा चुनाव मंें ब्राहमणों का फैसला देष और समाज के हित में होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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