इंडियन जस्टिस पार्टी के प्रदेश महासचिव इसरार उल्ला सिद्दीकी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि तीन दिन पहले वरिष्ठ पी0सी0एस0 हरिशंकर पाण्डेय ने तीन वरिष्ठ आई0ए0एस0 अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न मानसिक पीड़ा से अजिज होकर वी0आर0एस0 मांगने का आवेदन किया था उ0प्र0 सरकार ने वी0आर0एस0 का आवेदन निरस्त करते हुए भारी भरकम पुलिस के द्वारा श्री पांडेय के आवास में जाकर आरोप पत्र तामील करके यह साबित कर दिया है कि ईमानदार अधिकारी द्वारा भारी भरकम घोटालों की जांच करना सपा सरकार में अपराध है। श्री सिद्दीकी ने कहा कि मैने ग्रामीण अभियंत्रण निदेशक उमाशंकर द्वारा अपनी जन्मतिथि 25 अक्टूबर 1951 की जगह 25 अक्टूबर 1957 में परिवर्तित करने के लिए दो वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री, ग्रामीण अभियंत्रण राज्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, ग्रामीण अभियंत्रण लोकायुक्त महोदय से की थी तत्पश्चात ग्रामीण अभियंत्रण सेवा में 1600 करोड, के घपलों अनियमितओं, भ्रष्टाचार की जांच हेतु शिकायती पत्र लिखे थे लेकिन प्रमुख सचिव ग्रामीण अभियंत्रण, पूर्व लघु सिचाई प्रमुख सचिव संजीव दुबे व प्रमुख सचिव नियुक्ति राजीव कुमार का वरदहस्त प्राप्त निदेशक उमाशंकर आज भी विभाग में विराजमान है बल्कि जांच अधिकारी श्री पाण्डेय को आरोप पत्र दिये जा चुके है। इंजपा ईमानदार पी0सी0एस0 पाण्डेय के हरकदम का समर्थन करती है। श्री सिद्दीकी ने मुख्य मंत्री से मांग करते हुए कहा कि तीनो वरिष्ठ आई0ए0एस0 अधिकारियों के कार्यो की जांच कराये, प्रमुख सचिव ग्रामीण अभियंत्रण सेवा का विभाग से स्थानान्तरण करे जन्म तिथि परिवर्तित करवाने के आरोपी निदेशक को निलम्बित करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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