नगर के जलकल विभाग की लापरवाही से नगर मे स्वच्छ व बैक्टर रोधी दवा युक्त पेयजल नही मिल रहा है ।
गौरतलब हो कि नगर की पेयजल व्यवस्था १७ नलकूप व दो ओवर हैड टैंक द्वारा संचालित है मगर कभी भी देखा जा सकता है कि पालिका व जलकल मे स्थित ओवर हेड टैंक की काई लगी झांड झंखाड युक्त पानी की टंकी का क्या हाल है।
शायद ही कभी इसकी सफाई की जाती है जबकि सभी जानते है कि ठहरेपानी मे ही मादा क्यूलेक्स और एनाफिलीज मच्छरो का जनन स्थान है और भी तमाम तरह के जीवाणु काई लगी गंदी पानी की टंकी मे पैदा हो रहे होगे और ये पूरे इलाके मे पानी की टूटी-फूटी जर्जर पाईप लाइनो द्वारा भोली भाली जनता और सिविल लाईन जैसे अतिविशिष्ट कालोनी मे प्रतिदिन भेजा जाता है।
जिससे कि नगर मे विभिन्न तरह के वैक्टर जनित बीमारियो को बढ़ाने का कार्य कर रहे है मगर न ही इन मे क्लोरीन डाला जाता है न ब्लीचिंग पाउडर और तो और जिले का जिला प्रसासनिक अमला भी इन बीमारियो का शिकार होता रहा है मगर किसी भी अधिकारी को अपनी गाडी से नीचे उतरकर इसे देखने की फुर्सत नही है।
न ही जिला प्रशासन नागरिको का संवैधानिक अधिकार स्वच्छ पेयजल ही मुहैया कराने की दिलचस्पी दिखाई दे रही है । आये दिन पेयजल से होने वाली वीमारियो से पीडित जनता के बारे मे खबरे प्रकाशित होती है फिर भी नगर मे न फांगिग हो रही है न गंदगी सफाई अभियान चल रहा है।
न ही ट्यूबबेलो मे ब्लीचिंग पाउडर डाला जा रहा है और तो और नालियो के बगल से होकर जाने वाली टूटी पाईप से लाईनो की मरम्मत ही की जा रही है जनता ने प्रसासन से मांग की है कि जनता को स्वस्छ पेय जल व वैक्टर रोधी पेयजल उपलब्ध कराया जाय ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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