- पूर्व मेें प्रेषित 08 जनपदों हेतु 189.05 करोड़ रूपये की परियोजना स्वीकृत कराने के प्रयास किये जायं: जावेद उस्मानी
- निर्मल भारत योजना के अन्तर्गत वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य को प्रत्येक दशा में प्राप्त करने हेतु प्रगति की रिपोर्ट मासिक उपलब्ध करानी होगी: मुख्य सचिव
- मुख्य सचिव द्वारा विकास एजेण्डा के अन्तर्गत पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि तथा निर्मल भारत योजना की समीक्षा
02 जुलाई, 2013
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये हैं कि पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि योजना की कार्ययोजना शेष 17 जनपदों की आगामी 31 जुलाई से पूर्व भारत सरकार को प्रत्येक दशा में प्रेषित कर दी जाये तथा पूर्व मेें प्रेषित 08 जनपदों-गोण्डा, महाराजगंज, कुशीनगर, बहराइच, बांदा, कौशाम्बी, फतेहपुर एवं जालौन जनपद हेतु 189.05 करोड़ रूपये की परियोजना शीघ्र स्वीकृत कराने का प्रयास किया जाय। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर चिन्हित क्रिटिकल गैप्स दूर किया जाये। उन्हांेने कहा कि अनजुड़ी बसावटों को एकल कनेक्टिविटी से जोड़ने हेतु प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तर्गत निर्धारित निर्माण विशिष्टियों के अनुरूप ग्रामीण सम्पर्क मार्गांे का निर्माण कराया जाये। उन्हांेने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2013-14 में योजनान्तर्गत प्राप्त होने वाली धनराशि 853.17 करोड़ रूपये का लक्ष्य के अनुसार जनपदवार वितरण सुनिश्चित कराने हेतु योजना 15 दिन में बनाकर प्रस्तुत की जाये। उन्हांेने यह भी निर्देश दिये कि पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के अन्तर्गत विगत 2008 से 2013 तक पूर्ण कराये गये 19796 कार्यों में से कुछ कार्यों की जनपदवार रैन्डम चेकिंग कराई जाय एवं यदि किसी जनपद में चेकिंग के दौरान अनियमितता प्राप्त हो तो उस जनपद के अधिक से अधिक कार्यांे को चेक कराया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार मंे विकास एजेण्डा के अन्तर्गत पिछड़ा क्षेत्र अनुुदान निधि तथा निर्मल भारत अभियान के कार्याें की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के अन्तर्गत पाइप वाटर सप्लाई एवं मिनी पाइप वाटर सप्लाई की योजनाएं विशेष रूप से जे0ई0/ए0ई0 एवं पेयजल गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों में क्रियान्वित करायी जाये। उन्हांेने कहा कि ग्रामीण आन्तरिक मार्गाें पर सी0सी0 रोड व ड्रेन का निर्माण कराया जाये। उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत प्रदेश के 35 जनपद अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, बहराइच, बलरामपुर, बाॅदा, बाराबंकी, बस्ती, बदायॅू, चन्दौली, चित्रकूट, एटा, फर्रूखाबाद, फतेहपुर, गोण्डा, गोरखपुर, हमीरपुर, हरदोई, जालौन, जौनपुर, कौशाम्बी, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, महाराजगंज, महोबा, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, रायबरेली, सन्त कबीरनगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र, उन्नाव, कासगंज आच्छादित होंगे।
श्री उस्मानी ने कहा कि निर्मल भारत योजना के अन्तर्गत वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य को प्रत्येक दशा में प्राप्त करना होगा, जिसके प्रगति की रिपोर्ट मासिक उपलब्ध करानी होगी। उन्होने कहा कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में भौतिक लक्ष्य 18,36,434 के सापेक्ष भौतिक प्रगति 2519 अभी तक अर्जित की गई है जो कम है। उन्हांेने कहा कि योजनाओ का निरन्तर अनुश्रवण सुनिश्चित कर अधिक से अधिक धनराशि भारत सरकार से प्राप्त की जाये। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सर्व-शिक्षा अभियान में शामिल न किये गये विद्यालयांे और आंगनबाड़ी केन्द्रों को समुचित स्वच्छता-सुविधाआंे के साथ कवर किया जाये तथा छात्रों के बीच स्वास्थ्य शिक्षा व साफ-सफाई की आदतों को बढ़ावा दिया जाये। ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पूर्ण स्वच्छता के लिए ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबन्धन पर विशेष ध्यान देते हुए समुदाय प्रबंधित पर्यावरणीय स्वच्छता पद्धति विकसित की जाये।
बैठक में प्रमुख सचिव, पंचायती राज्य श्री अशोक कुमार, निदेशक पंचायती राज्य श्री सौरभ बाबू एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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