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राष्ट्रीय एकीकरण विभाग के विशेष सचिव द्वारा कतिपय स्थानीय समाचार पत्रों में दिया गया वक्तव्य निराधार, मिथ्या एवं तथ्यों से परे

Posted on 03 July 2013 by admin

  • प्रधान महालेखाकार उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद द्वारा ग्रामीण  अभियंत्रण विभाग के परफार्मेन्स आॅडिट की ड्राफ्ट रिपोर्ट को  कैग की रिपोर्ट बताकर दिग्भ्रमित किया गया

02 जुलाई, 2013
उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय एकीकरण विभाग के विशेष सचिव श्री हरि शंकर पाण्डेय द्वारा कतिपय स्थानीय समाचार पत्रों में दिए गए वक्तव्य का खण्डन करते हुए उसे निराधार, मिथ्या एवं तथ्यों से परे बताया है। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि श्री हरि शंकर पाण्डेय द्वारा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के कार्यकाल के दौरान राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली में निर्दिष्ट नियमों के विपरीत कृत्य केे कारण नियुक्ति विभाग द्वारा उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित की गई है।
प्रवक्ता ने कहा कि श्री पाण्डेय के विरुद्ध ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की पत्रावली में श्री संजीव दुबे तत्कालीन प्रमुख सचिव, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा अंकित आदेशों से सम्बन्धित पृष्ठ को हटाने/गायब कर उसके स्थान पर सम्बन्धित पत्रावली में नवीन पृष्ठ जोड़कर टिप्पणी अंकित किए जाने के आरोप हैं।
यही नहीं, श्री पाण्डेय द्वारा सचिवालय की कार्यप्रणाली से इतर अपनी जांच रिपोर्ट की प्रति पृथक रूप से पत्र के माध्यम द्वारा मुख्य सचिव तथा कृषि उत्पादन आयुक्त को दी गई, जबकि यह जांच रिपोर्ट तत्कालीन प्रमुख सचिव को पत्रावली में प्रस्तुत की जानी चाहिए थी। इसी प्रकार बगैर पूर्वानुमति के समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्राॅनिक मीडिया को प्रश्नगत जांच रिपोर्ट उपलब्ध करा दी गई। ऐसा करके श्री पाण्डेय ने अपनी शासकीय प्रास्थिति का दुरुपयोग किया, जिसके लिए उन्हें आरोपित किया गया।
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के निदेशक/मुख्य अभियन्ता की तथाकथित गलत जन्म तिथि से सम्बन्धित बिन्दु के सम्बन्ध में सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के निदेशक श्री उमा शंकर की जन्मतिथि 25.10.1957 होने के सम्बन्ध में अभिलेखीय साक्ष्य उपलब्ध है। हाईस्कूल के प्रमाण पत्र, में श्री उमा शंकर की जन्मतिथि 25.10.1957 अंकित है एवं माध्यमिक शिक्षा परिषद का पत्र भी, इस जन्मतिथि की पुष्टि स्वरूप उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त श्री उमा शंकर की सेवा पुस्तिका में भी यही जन्मतिथि अंकित है।
इस प्रकार श्री उमा शंकर की जन्मतिथि से सम्बन्धित अभिलेख यथा हाईस्कूल के प्रमाण पत्र तथा सेवा पुस्तिका में उनकी अंकित जन्मतिथि को संशोधित या बदला नहीं गया है वरन् ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के सहायक अभियंताओं की पारस्परिक ज्येष्ठता सूची में उनकी त्रुटिपूर्ण अंकित जन्मतिथि (25.10.1951) को नियमानुसार माध्यमिक शिक्षा परिषद, उ0प्र0 इलाहाबाद से पुष्टि कराने के पश्चात् सक्षम स्तर से अनुमोदनोपरान्त आदेश दिनांक 16.06.2009 द्वारा संशोधित (त्मबजपलि) किया गया है।
समाचार पत्रों के श्री पाण्डेय द्वारा कैग की रिपोर्ट के हवाले से भ्रम फैलाए जाने के सम्बन्ध में सरकारी प्रवक्ता ने स्पष्ट किया है कि यह रिपोर्ट महालेखाकार उत्तर प्रदेश द्वारा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के परफार्मेन्स आॅडिट की ड्राफ्ट रिपोर्ट है। परफार्मेन्स आॅडिट की इस ड्राफ्ट रिपोर्ट में प्रधान लेखाकार उत्तर प्रदेश इलाहाबाद द्वारा की गई संस्तुतियों एवं महालेखाकार उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में हुई समापन बैठक दिनांक 21.12.2012 के कार्यवृत्त में किसी प्रकार के घोटाले या ैबंउ जैसे शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है, जैसा कि श्री पाण्डेय द्वारा अपनी रिपोर्ट में उल्लिखित किया गया है।
यहां यह भी बताना आवश्यक है कि कैग द्वारा जारी त्महनसंजपवद के पैरा 208(5) के अनुसार इस ड्राफ्ट रिपोर्ट का अन्तिमीकरण होना अभी बाकी है और इसको प्रधान महालेखाकार उत्तर प्रदेश के स्तर से संशोधित या ैमजजसम किया जा सकता है या उसे कैग की रिपोर्ट में सम्मिलित भी नहीं किया जा सकता है।
ऐसी स्थिति में श्री पाण्डेय द्वारा प्रश्नगत प्रकरण को विभागीय घोटाले या ैबंउ के रूप में समाचार पत्रों में उल्लिखित/आरोपित किया जाना पूर्णतया निराधार, काल्पनिक, मिथ्या एवं तथ्यों से परे है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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