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उत्तर प्रदेश ग्रामीण मार्ग अनुरक्षण नीति-2013 को आगामी एक माह में अवश्य अन्तिम रूप दिया जाए: मुख्य सचिव

Posted on 03 July 2013 by admin

  • प्रदेश मंे लगभग 2 लाख किमी0 लम्बाई के ग्रामीण मार्गाें का निर्माण कराने वाले संबंधित विभाग द्वारा ही मार्ग का अनुरक्षण कार्य कराया जाएगा: जावेद उस्मानी
  • ग्रामीण मार्गाें का अनुरक्षण कार्य समय से सुनिश्चित कराने हेतु माह मार्च में कार्य योजना बनाकर माह अप्रैल में ही संबंधित विभाग द्वारा वित्तीय स्वीकृतियां निर्गत कर अनुरक्षण कार्य निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ कराने होंगे: मुख्य सचिव
  • ग्रामीण मार्गों के अनुरक्षण की माॅनीटरिंग का कार्य जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति को प्रत्येक तीन माह में एक बार अवश्य करना होगा: जावेद उस्मानी
  • मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय उच्च स्तरीय समिति द्वारा भी  वर्ष में एक बार ग्रामीण अनुरक्षण मार्गांे के कार्याें की समीक्षा होगी: मुख्य सचिव

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये हैं कि प्रस्तावित उत्तर प्रदेश ग्रामीण मार्ग अनुरक्षण नीति-2013 को आगामी एक माह में अवश्य अन्तिम रूप दे दिया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश मंे लगभग 1,97,583 किमी0 लम्बाई के ग्रामीण मार्गाें का निर्माण कराने वाले संबंधित विभाग द्वारा ही मार्ग का अनुरक्षण कार्य कराया जाएगा। उन्हांेने कहा कि वित्तीय वर्ष में कराए जाने वाले ग्रामीण मार्गाें के अनुरक्षण कार्य हेतु वित्तीय वर्ष प्रारम्भ होने के एक माह पूर्व अर्थात माह मार्च में ही संबंधित विभागों को जनपदवार माइल स्टोन निर्धारित कर विस्तृत कार्ययोजना बनानी होगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ग्रामीण मार्गाें का अनुरक्षण कार्य समय से सुनिश्चित कराने हेतु माह अप्रैल में ही संबंधित विभाग द्वारा वित्तीय स्वीकृतियां निर्गत कर अनुरक्षण कार्य निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ कराने होंगे। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ग्रामीण सड़कों के अनुरक्षण कार्य चयन में ग्रामीण आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों-मा0 सांसद एवं विधायकों से प्रस्ताव प्राप्त कर लिए जाये ताकि कार्य योजना वास्तविक आवश्यकता के अनुरूप बन सके। उन्हांेने कहा कि ग्रामीण मार्गों के अनुरक्षण की माॅनीटरिंग का कार्य जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति को प्रत्येक तीन माह में एक बार अवश्य करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति द्वारा वित्तीय वर्ष में एक बार कार्याें की समीक्षा होगी।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार मंे उत्तर प्रदेश ग्रामीण मार्ग अनुरक्षण नीति-2013 के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण मार्गांे को मुख्य मार्गाें से जोड़कर नियमित अनुरक्षण हेतु एक सुविचारित एवं प्रभावी ग्रामीण मार्ग अनुरक्षण नीति की आवश्यकता है, ऐसी नीति प्रदेश में पहली बार बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर ग्रामीण सड़कों के अनुरक्षण कार्य की विस्तृत सूची बनाकर विभागवार एक डाटा तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग लोक निर्माण विभाग द्वारा 1,28,254 किमी0, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा 11,280 किमी0, चीनी उद्योग एवं गन्ना विभाग द्वारा 12,009 किमी0, मण्डी परिषद द्वारा 18,840 किमी0 तथा पंचायतीराज विभाग द्वारा 27,200 किमी0 ग्रामीण सड़क मार्गाें का निर्माण कराया गया है। उन्हांेने कहा सुगम यातायात हेतु समस्त ग्रामीण मार्गाें को निरंतर अनुरक्षित रखे जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़क मार्गाें के अनुरक्षण का कार्य मण्डी परिषद को ही अपने वित्तीय संसाधनों से करना होगा। चीनी उद्योग एवं गन्ना विभाग द्वारा मार्गाें के अनुरक्षण हेतु अनुमानित धनराशि का 40 प्रतिशत गन्ना समितियों/लाभार्थी संस्थाओं से वित्त पोषित किया जाएगा तथा शेष 60 प्रतिशत धनराशि राज्यांश के रूप में प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
श्री उस्मानी ने कहा प्रस्तावित विभाग द्वारा स्वीकृत अनुरक्षण कार्याें हेतु आवश्यक पूर्ण धनराशि यथासंभव एक बार में अवमुक्त की जाएगी ताकि समय से कार्य पूर्ण हो सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीण मार्गाें के नवीनीकरण एवं विशेष मरम्मत कार्य की डिफेक्ट लायबिलिटी अवधि एक वर्ष होगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण मार्गाें के जिस लम्बाई मंे नवीनीकरण एवं विशेष मरम्मत कार्य कराए जाएंगे उस भाग पर ठेकेदारों की जिम्मेदारी  के पश्चात ही मरम्मत आदि कार्य हेतु धन दिया जाये। उन्होंने कहा कि प्रशासकीय विभागों द्वारा अनुरक्षण कार्याें को निर्धारित समयावधि में पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराए जाने हेतु आवश्यक कार्य योजना बनाकर सतत् अनुश्रवण सुनिश्चित कराया जाएगा।
बैठक मंे प्रमुख सचिव लोक निर्माण डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव पंचायतीराज एवं ग्रामीण अभियंत्रण सेवा श्री अशोक कुमार, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अरूण सिंघल, सचिव वित्त श्री मुकेश मित्तल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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