जनपद में पुलिस और दबंगो के गठजोड ने अब शरीफो और सम्मानित जनो का जीना दूभर कर दिया है । आखिर मुख्यमंत्री की ऐसी कौन सी मजबूरी है जो पुलिस उत्पीडन को नही रोक पा रहे है ।
गौरतलब हो कि जनपद मे तमाम ऐसे वाकिये आये दिन अखबारो मे छपे रहते है जिसमें कोतवाली नगर की पुलिस की दबंगो, भूमाफियाओं, अराजकतत्वो को खुला सहयोग कर अपने पद ओहदे को नजरंदाज कर शरीफो के खिलाफ प्रथम सूचना दर्ज कर उत्पीडित करने की कोशिश की फिर भी नगर कोतवाली के जिम्मेदारो की कार्यशैली को पुलिस अधिक्षक, डी.आई.जी. आदि ने नजरंदाज कर दिया ।
कभी पत्रकार की पिटाई तो कभी चेयरमैन के खिलाफ हत्या के प्रयास जैसे गम्भीर धाराओं का मुकदमा तो कभी आयकरदाता ठेकेदार के पूरे परिवार के खिलाफ एक गैर जनपदीय अपराधी के कहने पर गंभीर धाराओं का मुकदमा । अब एक ऐसा ही मामला नगर के सिरवारा रोड मुहल्ले का सामने आया है । एक कुख्यात नर्सिंग होम के दबंग अतिक्रमणकारी मालिक द्वारा पालिका द्वारा निर्मित १२ फिट की सडक और सार्वजनिक नाली को जबरन लोहे का गेट लगाकर दबंगई से बंद कर दिया गया । यही नही इस दबंग नर्सिग होम मालिक ने अपने निजी उपयोग के लिए दो जहर उगलते जनरेटर भी बीच रास्ते मे रख लिये वही अपने पडोसी प्रोफेसर और सरकारी महिला चिकित्सक की खिडकी में जबरिया जहरीला धुआं फेकने वाले जनरेटर का पाईप भी लगा दिया ।
बोलने पर आये दिन इन शरीफ और पढे लिये डाक्टर दम्पति को अराजक तत्वो से धमकी भी दिलवाया जा रहा है यहां तक तो ठीक इस दबंग ने अब नगर कोतवाली को भी अपने साथ मिला कर बीते दिन फर्जी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवा कर उत्पीडन शुरु करा दिया है । और तो और इस दबंग नर्सिग होम संचालक ने जनपद के कुछ नामचीन बडे अखबारो को भी अपनी इन मनगढंत कहानी से गुमराह कर प्रोफेसर साहब और सम्मानित चिकित्सक के खिलाफ खबर छपवा कर बदनाम करने की कोशिश की ।
आपको बता दे कि यह वही नर्सिंग होम है जो पूर्व में एक अविवाहित किशोरी के बच्चे को अवैध रुप से प्रसव कराने और बेचने मे चर्चित रहा है । इसके संचालक का आम लोगो से कहना है कि हम पुलिस पत्रकार और वकील सभी को पैसे से खरीदने का दम रखते है हम पैसे से चाहे हरिजन एक्ट लगवा दे चाहे हत्या जैसे संगीन जुर्म मे फंसवा दे नगर कोतवाली हमारी है हर एक सिपाही व दरोगा हमारे दरबार मे हुकुम बजाते है हमारे परिजन भी सी.ओ. है हम शरीफ को अपराधी और अपराधी को शरीफ पैसे से मीडिया से कभी भी बनवा सकते है ।
आखिर पूर्व में १६ मई २०१३ को डी.एम. ने इस दबंग की जांच का आदेश दिया अधिशाषी अधिकारी न.पा. ने अतिक्रमण हटाने की नोटिस दी गई, विनियमित क्षेत्र नियंत्रक ने २ फरवरी १३ को धारा १५(२) उ०प्र० नि.का.वि. अधिनियम १९५८ के अन्तर्गत एक मेमो दिया मगर यह पैसे का कमाल है कि आज तक न अतिक्रमण हटा न जनरेटर हटा अब पुलिस प्रोफेसर के खिलाफ कपोल कल्पित हरिजन एक्ट तथा महिला के केवल एक आंख मे केमिकल फेकने का मुकदमा दर्ज कर प्रोफेसर को अपराधी बनाना चाहती है । मामला अब सपा नेत्री व महिला आयोग उपाध्यक्ष के अदालत मे चला गया है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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