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सोडिक लैण्ड रिक्लेमेशन तृतीय परियोजना के कार्यो में और अधिक तेजी लाकर अधिक से अधिक बीहड़ सुधार कार्य कराये जायं: मुख्य सचिव

Posted on 29 June 2013 by admin

  • उत्तर प्रदेश सोडिक लैण्ड रिक्लेमेशन की परियोजना अवधि 31 दिसम्बर, 2015 तक
  • 29  सोडिक जनपद एंव 02 बीहड़ जनपद के 1, 30,000 हेक्टेयर ऊसर भूमि सुधार का लक्ष्य निर्धारित, लगभग 2 लाख 40 हजार लाभार्थी लाभान्वित होगें: जावेद उस्मानी

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये हैं कि उत्तर प्रदेश सोडिक लैण्ड रिक्लेमेशन तृतीय परियोजना के कार्यो में और अधिक तेजी लाकर अधिक से अधिक बीहड़ सुधार कार्य कराये जाय। उन्होने कहा कि सोडिक हाट के निर्माण को प्राथमिकता देकर चिन्हित 90 सोडिक हाट स्थलों के कार्यो में तेजी लाई जाये तथा ग्राम प्रधानों द्वारा व्यय की जा रही धनराशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र शीघ्र प्राप्त किया जाये। उन्होने कहा कि द्वितीय सुधार वर्ष कार्यक्रम में चयनित 132 मुख्य जल निकासी नालों में प्रस्तावित 813 किलोमीटर पुनरोद्वार कार्य ं के अवशेष कार्य को यथाशीघ्र पूर्ण किया जायें। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश सोडिक लैण्ड रिक्लेमेशन तृतीय परियोजना के अन्तर्गत परियोजना अवधि 31 दिसम्बर, 2015  तक 29  सोडिक जनपद एंव 02 बीहड़ जनपद के 1, 30,000 हेक्टेयर ऊसर भूमि सुधार का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें लगभग 2 लाख 40 हजार लाभार्थी लाभान्वित होगें।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में उत्तर प्रदेश सोडिक लैण्ड रिक्लेमेशन तृतीय परियोजना की गठित स्टेट स्टीयरिंग कमेटी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होने कहा कि परियोजना के कार्यो में और अधिक तेजी लाने हेतु परियोजना के अनुरोध के अनुसार 3 कृषि विभाग के अधिकारी प्रतिनियुक्ति के आधार परं तत्काल तैनात कर दिये जाये। उन्होने कहा कि परियोजना के अन्तर्गत आयोजित होने वाले पशु स्वास्थ्य कैम्प में वितरित की जाने वाली दवाओं के लेखा-जोखा के साथ-साथ इसका अभिलेखीकरण कराया जाये। उन्होने कहा कि संयुक्त रूप में अधिकारी किसी एक जनपद का आकस्मिक निरीक्षण कर प्रस्तुत रिपोर्ट का मिलान भी सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि परियोजना सम्बन्धी विभिन्न स्वीकृतियों परियोजना अवधि को दृष्टिगत रखते हुए शीघ्रता से निस्तारण कराया जाये, ताकि विश्व बैक से मिलने वाली धनराशि में किसी प्रकार व्यवधान उत्पन्न न हो।
बैठक में बताया गया कि इस परियोजना के तहत 65,000 चयनित क्षेत्र के सापेक्ष 68163 का कार्य कराया जा चुका है। इसी प्रकार 9383 नई बोरिंग लक्ष्य के सापेक्ष 9342, जिप्सम मिक्सिंग/लीचिंग, धान रोपाई, तथा गेहूॅ की बुआई के निर्धारित लक्ष्य  45000 हेक्टेयर  के सापेक्ष 47323 हेक्टेयर का कार्य कराया जा चुका है। इसी प्रकार 2130 किलोमीटर लम्बाई पुनरोद्वार कार्य लक्ष्य के सापेक्ष 1683 किलोमीटर तथा पक्का स्ट्रक्चर के निर्माण कार्य का लक्ष्य 487 के सापेक्ष 340 का कराया जा चुका है। भूमि उपचार निर्धारित लक्ष्य से अधिक कराया जा चुका है तथा उत्पादकता लक्ष्य में धान उत्पादकता 35.55 कु0 प्रति हेक्टेयर तथा गेहूॅ उत्पादकता 30.16 कु0 प्रति हेक्टेयर अधिक है।
बैठक में प्रमुख सचिव नियोजन श्री संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव पंचायत श्री अशोक कुमार.सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन श्री भुवनेश कुमार , सचिव सिंचाई श्री एस0पी0 गोयल, सचिव वित्त श्री हिमंाशु कुमार, प्रबन्ध निदेशक भूमि सुधार निगम श्रीमती आराधना शुक्ला सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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