- आगामी दो माह में समस्त उपयोगकर्ता विभागो के लिये रिमोर्ट सेन्सिंग तकनीक संबंधी अलग-अलग कार्यशालाएं आयोजित की जाये ताकि इस आधुनिक तकनीक का उपयोग संबंधित विभाग द्वारा अधिक से अधिक किया जा सके: जावेद उस्मानी
- ‘‘स्पेस बेस्ड इन्फारमेशन सपोर्ट फार डिसेन्ट्रालाइज्ड प्लानिंग (एस0आई0एस0-डी0पी0) परियोजना को प्रोग्राम इम्पलीमेन्टेशन कमेटी की बैठक भविष्य में वर्ष में दो बार आयोजित कराई जायेः मुख्य सचिव
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने ‘‘स्पेस बेस्ड इन्फारमेशन सपोर्ट फार डिसेन्ट्रालाइज्ड प्लानिंग (एस0आई0एस0-डी0पी0) परियोजना की प्रोग्राम इम्पलीमेन्टेशन कमेटी की बैठक विगत दो वर्षो के उपरांत आयोजित कराये जाने पर निर्देश दिये कि भविष्य में ऐसी महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन एवं निर्देशों का अनुपालन कराये जाने हेतु प्रत्येक वर्ष में दो बार आयोजित करायी जाय ताकि विगत बैठकों में लिये गये निर्णयों के अनुपालन की समीक्षा समय से संभव हो सके। उन्हांेने कहा कि रिमोट सेन्सिंग एप्लिकेशन्स सेन्टर तथा विभिन्न विभागों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित किया जाये ताकि इस अत्याधुनिक तकनीक का प्रदेश के संसाधनों के विकास में समुचित उपयोग किया जा सके। उन्हांेने कहा कि प्रत्येक विभाग के जिन विकास कार्यों में अत्याधुनिक रिमोट सेन्सिंग तकनीक का उपयोग संभव है , उन सभी कार्यांे की सूची सम्बन्धित विभागों तथा रिमोट सेन्सिंग एप्लिकेशन्स सेन्टर द्वारा अलग-अलग तैयार की जाये, जिसको अन्तिम रूप देने हेतु विभागवार मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कराई जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि आगामी दो माह में समस्त उपयोगकर्ता विभागों के लिये रिमोट सेन्सिंग तकनीक संबंधी अलग-अलग कार्यशालाएं आयोजित की जाये ताकि इस आधुनिक तकनीक का उपयोग संबंधित विभाग द्वारा अधिक से अधिक किया जा सके।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में ‘‘स्पेस बेस्ड इन्फारमेशन सपोर्ट फार डिसेन्ट्रालाइज्ड प्लानिंग (एस0आई0एस0-डी0पी0) परियोजना की प्रोग्राम इम्पलीमेन्टेशन कमेटी की द्वितीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्हांेने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों के जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारियों को उपलब्ध कराये गये प्राकृतिक संसाधनों के डाटाबेस का उपयोग सुनिश्चित किया जाये। उन्हांेने प्रदेश के समस्त गांवों के सजरा मानचित्रों के डिजीटाइजेशन का कार्य राजस्व परिषद द्वारा प्राथमिकता के आधार पर कराये जाने के संबंध में राजस्व विभाग के साथ इस संबंध में अलग से बैठक करने के निर्देश दिये।
प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी डा0 एच0एस0 दास ने रिमोट सेन्सिंग एप्लिकेशन्स सेंटर तथा स्पेस वेस्ट इन्फोरमेशन सपोर्ट फार डिसेन्ट्रालाइज्ड प्लानिंग (एस0आई0एस0-डी0पी0) परियोजना के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। बैठक में अन्तरिक्ष विभाग व भारत सरकार के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 जे0आर0 शर्मा ने एस0आई0एस0-डी0पी0 परियोजना की अवधारणा तथा ग्राम्य विकास में इसके उपयोग के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। श्री पी0 एन0 शाह निदेशक रिमोट सेन्सिंग एप्लिकेशन्स सेंटर ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से बताया कि एस0आई0एस0डी0 की परियोजना में समस्त बुंदेलखण्ड क्षेत्र का सड़क, नहर, रेल, ड्रेनेज तथा वाटरबाडी मैपिंग का कार्य कर लिया गया है,। श्री शाह ने रिमोट सेन्सिंग एप्लिकेशन्स सेंटर द्वारा उत्तर प्रदेश के कृषि, वन, जलसंसाधन, भूसंसाधन, भूजल, मृदा, भूमि उपयोग एवं नगरीय प्रबन्धन, ं बाढ़ प्रबन्धन, ऊसर भूमि प्रबन्धन, ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन तथा सिविल इन्जीनियरिंग परियोजनाओं हेतु स्थल चयन सम्बन्धी कार्यों का विस्तृत प्रजेन्टेशन किया। उन्होंने ने बताया कि प्रदेश के समस्त जनपदों का प्राकृतिक संसाधन डाटाबेस ीजजचरूध्ध् हपेण्नचण्दपबण्पर उपलब्ध है।
बैठक में प्रमुख सचिव गृह श्री आर0एम0 श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव नियोजन, श्री संजीव मित्तल, सहित विभिन्न उपयोगकर्ता विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव व अन्य वरिष्ठ अधिकारी, तथा डा0 एस0एस0 राव वरिष्ठ वैज्ञानिक अंतरिक्ष विभाग एवं रिमोट सेन्सिंग सेन्टर, लखनऊ के समस्त प्रभागाध्यक्ष एवं प्रभारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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