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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक का आयोजन शीघ्र

Posted on 29 June 2013 by admin

जिले से सम्बन्धित सभी सूचनाएं निर्धारित प्रारूपों पर आगामी 10 जुलाई तक कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग को अवश्य उपलब्ध कराए जाने के भी आदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक का आयोजन शीघ्र किया जाना प्रस्तावित है। यह जानकारी आज यहां सरकारी प्रवक्ता ने दी।
प्रवक्ता ने बताया कि उक्त समीक्षा बैठक हेतु विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों से सम्बंधित 32 बिन्दुओं पर तथा कानून व्यवस्था से सम्बन्धित 18 बिन्दुओं पर जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक से निर्धारित प्रारूपों पर सूचनाएं आगामी 10 जुलाई तक कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराये जाने के आदेश दिए जा चुके हैं।
मण्डलीय समीक्षा बैठकांे में जिला स्तर पर विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों एवं कानून व्यवस्था से सम्बन्धित बिन्दुओं पर गत वर्ष एवं इस वर्ष अब तक की गयी कार्यवाही की समीक्षा की जायेगी तथा साथ ही फील्ड कार्यक्रमों के क्रियान्वयन का आंकलन भी किया जायेगा। समीक्षा बैठकों के आधार पर जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों की परफाॅरमेन्स का मूल्यांकन भी किया जायेगा।

  • प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगारपरक एवं कौशलपरक प्रशिक्षण दिलाये जाने हेतु उ0प्र0 कौशल विकास नीति के अनुसार विस्तृत कार्ययोजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराकर प्रतिमाह आख्या प्रस्तुत की जाय: मुख्य सचिव
  • वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही लगभग 50 हजार लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिलाने का कार्य आगामी सितम्बर माह से प्रारम्भ हो: जावेद उस्मानी
  • उ0प्र0 कौशल विकास नीति का पूर्णरूप से क्रियान्वयन आगामी फरवरी 2014 तक अवश्य करा दिया जायः मुख्य सचिव
  • उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा प्रशिक्षण के लिये इच्छुक लाभार्थी का डाटाबेस एक बृहद जागरूकता अभियान के माध्यम से एकीकृत रूप से तैयार कराया जायेगाः जावेद उस्मानी

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये हैं कि उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगारपरक एवं कौशलपरक प्रशिक्षण दिलाये जाने हेतु उ0प्र0 कौशल विकास नीति के अनुसार विस्तृत कार्ययोजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराकर प्रतिमाह आख्या प्रस्तुत की जाये। उन्होने कहा कि शासकीय एवं अशासकीय प्रशिक्षण प्रदाताओं के माध्यम से 12वीं पंचवर्षीय योजना के अवशेष 4 वर्षो में 14 से 35 आयु वर्ग के प्रदेश के लगभग 45 लाख नवयुवक/नवयुवतियों को प्रशिक्षण दिलाकर रोजगारपरक अवसरों से सम्बद्ध किया जायेगा। उन्होने कहा कि उ0प्र0 कौशल विकास नीति का पूर्णरूप से क्रियान्वयन आगामी फरवरी 2014 तक अवश्य करा दिया जायें। उन्होने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही लगभग 50 हजार लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिलाने का कार्य आगामी सितम्बर माह से प्रारम्भ हो जायें।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में उ0प्र0 कौशल विकास मिशन के प्रस्तुतीकरण पर यह निर्देश दिये। उन्होने कहा कि प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाने हेतु भारत सरकार से वित्तपोषित विभिन्न कार्यक्रमों के अन्तर्गत कौशल विकास योजनाएं संचालित कराने वाली संस्थाओं से समन्वय किया जाये ताकि प्रदेश के अधिक से अधिक बेरोजगारों को प्रशिक्षण दिलाया जा सकें। उन्होने कहा कि प्रदेश के समस्त जनपदों के शहरी एवं ग्रामीण अंचलों में व्यापक रूप से अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षण दिलाने हेतु संचालन की योजना बनायी जायें। उन्होने कहा कि प्रदेश में स्थापित राज्य एवं निजी प्रशिक्षण संस्थाओं -आई0टी0आई0/आई0टी0सी0 एवं पालीटेक्निक की क्षमता में अभिवृद्वि तथा गुणवत्ता में सुधार हेतु योजनाबद्ध ढंग से कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि प्रथम चरण में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, स्वर्ण जयन्ती शहरी रोजगार योजना, बार्डर ऐरिया डेवलपमेन्ट योजना, मल्टीसेक्टोरल डेवलपमेन्ट प्रोग्राम, अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता, भवन एव अन्य निर्माण कर्मकार निधि (ठव्ब्ॅ ब्मेे थ्नदकद्ध  एवं भारत सरकार द्वारा संचालित स्किल डेवलपमेन्ट इनीशिएटिव योजनाओं के अंतर्गत उपलब्ध संसाधनों से एकीकृत कौशल विकास योजना संचालित की जायेगी। भविष्य में अन्य कार्यक्रमों/संसाधनों को भी मिशन के अंतर्गत समाहित किया जायेगा।
श्री उस्मानी ने बताया कि उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा प्रशिक्षण के लिये इच्छुक लाभार्थी का डाटाबेस एक बृहद जागरूकता अभियान के माध्यम से एकीकृत रूप से तैयार कराया जायेगा। क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं, प्रशिक्षणार्थी के रूझान एवं प्रशिक्षण दाता के परामर्श से विभिन्न पाठ्यक्रमों में  प्रशिक्षार्थी को नामाकिंत कराया जायेगा। उन्होने कहा कि औद्योगिक इकाईयों के साथ फ्लैक्सेबिल एम0ओ0यू0 करने की व्यवस्था भी रखी जाए ताकि वह सरकरी संस्थाओं में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वंय संचालित करें जो सीधे रोजगार से जुड़े हो। उन्होने कहा कि इस बृहद एंव व्यापक योजना के अनुश्रवण की ठोस व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिये। उन्होने कहा कि मिशन द्वारा एक ‘‘आॅन लाईन वेब पोर्टल‘‘ संचालित कराया जायेगा। जिसमें प्रत्येक प्रशिक्षार्थी का विवरण, उसको दिये जाने प्रशिक्षण आदि का समस्त विवरण उपलब्ध होगा। उन्होने कहा कि प्रशिक्षण केन्द्र पर प्रशिक्षार्थी की उपस्थिति बायोमेट्रिक विधा से रजिस्टर पर कराकर पोर्टल पर दर्ज कराई जायेगी। उन्होने कहा कि ‘‘आई0टी0 इनेबिल्ड आन लाइन सिस्टम‘‘ लागू होने से न केवल मिशन के कार्यक्रमों में पारदर्शिता आयेगी, अपितु प्रक्रियात्मक विलम्ब भी नही होगा। उन्होने कहा कि मिशन द्वारा कौशल विकास कार्यक्रम हेतु उपलब्ध अवस्थापना सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण भी नियोजित ढंग से कराया जाये।
बैठक में प्रमुख सचिव नियोजन श्री संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव वित्त श्री आनन्द मिश्र, सचिव व्यावसायिक शिक्षा श्री आलोक कुमार, सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन श्री भुवनेश कुमार, विशेष सचिव, व्यावसायिक शिक्षा श्री विकास गोठवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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