उत्तर प्रदेश सरकार ने चीनी उद्योग, को-जनरेशन एवं आसवनी प्रोत्साहन नीति-2013 के प्राविधानों के तहत नई चीनी मिलों की स्थापना एवं स्थापित चीनी मिलों की क्षमता विस्तार करने वाली कम्पनियों/इकाइयों द्वारा गन्ना खरीद पर क्रय कर में छूट दिये जाने का निर्णय लिया है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री राहुल भटनागर ने दी है। उन्होंने बताया कि पंजीकृत कम्पनी/इकाई को व्यवसायिक उत्पादन की तिथि से 5 वर्षों तक गन्ना क्रय पर क्रय कर की छूट उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में चीनी उत्पादन में लगी किसी कम्पनी/इकाई द्वारा चीनी मिल का क्षमता विस्तार करने पर भी चीनी मिल की विस्तारित क्षमता पर गन्ना खरीद पर क्रय कर की छूट की सुविधा अनुमन्य होगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान इकाई द्वारा पिछले 5 वर्षों से किसी वर्ष में किये गये अधिकतम उत्पादन अथवा स्थापित उत्पाद क्षमता का 80 प्रतिशत जो भी अधिक होगा, को आधार भूत उत्पादन माना जायेगा। आधार भूत उत्पादन के ऊपर किये गये क्षमता विस्तार को ही विस्तारित क्षमता माना जायेगा।
श्री भटनागर ने बताया कि चीनी उद्योग, को-जेनरेशन एवं आसवनी प्रोत्साहन नीति-2013 के अन्तर्गत 5 वर्षों में अनुमन्य छूट/प्रतिपूर्ति की कुल धनराशि 75 करोड़ रूपये से अधिक नहीं होगी। उन्होंने बताया कि कम्पनी/इकाई द्वारा छूट की प्रतिपूर्ति का दावा त्रैमासिक आधार पर प्रपत्र 4 क (1) पर प्रस्तुत किया जायेगा, जिसका निस्तारण 30 दिनों में गन्ना आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जायेगा। उन्होंने बताया नीति के तहत छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु कम्पनी/इकाई को विभागवार प्राप्त कराई गई समस्त छूट/प्रतिपूर्ति का विवरण प्रत्येक वर्ष विभाग को उपलब्ध कराना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पॅंूजी निवेश की मात्रा से अधिक प्रतिपूर्ति/छूट तो प्राप्त नहीं की गई है। ऐसा पाये जाने पर इकाई की छूट की सुविधा समाप्त करते हुए छूट के रूप में दी गई धनराशि को 15 प्रतिशत ब्याज सहित वसूला जायेगा। इकाई द्वारा छूट की धनराशि जमा न करने पर यह भू-राजस्व के बकाये के रूप में वसूली की जायेगी साथ ही कम्पनी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही भी की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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