दिनांक 27-6-2013 को अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून-व्यवस्था,
उ0प्र0 की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश पूर्व एवं पश्चिम सर्किल के मोबाइल
आपरेटरों की चीफ आपरेटिंग आफीसर ;ब्व्व्द्ध सेल्स एण्ड मार्केटिंग हेड
एवं नोडल आफिसर के साथ प्री-एक्टीवेटेड/गलत आईडी पर निर्गत सिम कार्ड की
समस्या के सम्बन्ध में एक बैठक आहूत की गई। इस बैठक में विभिन्न आपरेटरों
के 33 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून-व्यवस्था श्री अरूण कुमार ने
समस्त उपस्थित प्रतिनिधियों को अवगत कराया कि गलत नाम पते पर जारी किए गए
सिम कार्डो से किए जा रहे अपराधों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।फेक
आईडी पर निर्गत सिम कार्ड आतंकवादियों द्वारा भी प्रयोग में लाये जा रहे
हैं। महिला हेल्प लाइन 1090 में गलत नाम पतों से लिए गये सिमकार्ड द्वारा
महिलाओं व लड़कियों से अभद्रता करने के अनेक प्रकरण प्रकाश में आये हैं।
इस कारण जहां ऐसे अश्लील हरकत करने वाले लड़कों को भौतिक रूप से पकड़ने
में समस्या आती है, वहीं अपराध व आतंकवाद के विरूद्ध कार्यवाही करने में
भी पुलिस को बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। पुलिस द्वारा
विश्लेषण करने पर पाया जा रहा है कि विभिन्न आपरेटरों के लगभग 20 से 30
प्रतिशत सिमकार्ड फेक आईडी पर एक्टीवेट किये गये हैं। हाल ही में कानपुर
में 5 कम्पनियों के 940 प्री-एक्टीवेटेड सिम काडर््स पकड़े गए। इस खुलासे
में रिटेलर और डिस्ट्रीव्यूटर के साथ-साथ मोबाइल कम्पनियों के
प्रतिनिधियों की भी संलिप्तता अथवा सत्यापन में ढिलाई पाई गई।
विचार विमर्श के दौरान यह पाया गया कि इस समस्या का मूल कारण मोबाइल
आपरेटिंग कम्पनियों की अत्यधिक प्रतिस्पर्धा, सेल्स एवं मार्केटिंग
पाॅलिसी है। सेल्स टीम द्वारा पूर्व से तय किए गए ऊँचे लक्ष्यों को
प्राप्त करने के दबाव और रिटेलर को अधिक से अधिक सिम बेंचने पर अनुचित
प्रलोभन, इस समस्या को और अधिक जटिल बना देते हैं।
मोबाइल आपरेटरों की ओर से रिलायन्स, वोडाफोन, एअरसेल, आइडिया, यूनिनाँर,
टाटा, बीएसएनएल, एयरटेल के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने स्वीकार किया कि
ज्त्।प् के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बाद भी प्री-एक्टीवेटेड सिम और फेक
आईडी पर निर्गत सिम की समस्या बनी हुई है। सामान्यतः उन्होंने इसका कारण
च्व्ै/रिटेलर की आंशिक अनभिज्ञता और अधिक कमीशन प्राप्त करने की
प्रवृत्ति बताया।
इस बात से सभी सहमत हुए कि संलिप्तता अथवा सत्यापन प्रक्रिया में ढिलाई
के कारण प्री-एक्टीवेटेड सिम व फेक आईडी पर निर्गत सिम के विस्तार में
प्रयोग के कारण आम आदमी को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जहां इस के
प्रयोग से अश्लील हरकतों से समाज की महिलाओं व लड़कियों को विषम
परिस्थितियां झेलनी पड़ती हैं, वहीं अपराध व आतंकवाद के कारण देश की
सुरक्षा पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। अतः विभिन्न आपरेटरों के
प्रतिनिधियों से इस ज्वलंत समस्या के समाधान में सक्रिय होने का आवाह्न
किया गया।
प्री-एक्टीवेटेड सिम व फेक आईडी पर निर्गत सिम की समस्या का निराकरण करने
के लिए सभी प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश पूर्वी एवं पश्चिमी सर्किल में
निम्नलिखित कार्यवाही/पहल के लिए सहमति व्यक्त की-
-2-
1. सभी रिटेलर/च्व्ै/डिस्ट्रीब्यूटर को व्यक्तिगत रूप से बताया जाये कि
उनके द्वारा क्व्ज्ध्ज्त्।प् के सिमकार्ड बेंचने सम्बन्धी दिशा-निर्देशों
का पालन नहीं किया जा रहा है जिससे समाज में भ्यावह स्थिति पैदा हो गई
है। क्व्ज् के 09-08-2012 के सर्कुलर संख्याः 800-09/20010-ट।ै के बिन्दु
संख्या 10(पप) में दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर थ्प्त् दर्ज
कराने का प्राविधान है।
2. सभी रिटेलर/च्व्ै/डिस्ट्रीब्यूटर से रू0 10/- के स्टैम्प पेपर पर इस
आशय का नोटराइज्ड एफीडेविट प्राप्त कर लिया जाए कि
मैं ……………… पुत्र ………….. निवासी
………………….. मोबाइल कम्पनियों के सिकार्ड बेंचता हूँ। मैं
शपथ पूर्वक कहता हूँ मैंने इस कार्य के लिए दूरसंचार मत्रंालय (क्व्ज्)
के सुसंगत दिशा-निर्देशों को भलीभाँति पढ़ एवं समझ लिया है। मैं
उपभोक्ता के मूल आईडी पू्रफ को देखकर छायाप्रति प्राप्त करूँगा। उसी
व्यक्ति को सिम जारी करूँगा जो भौतिक रूप से मौजूद है तथा आईडी पू्रफ पर
लगी फोटो, मूल फोटो और उपस्थित व्यक्ति मेल खाते हैं। इनके किसी भी
प्रकार के उल्लंघन करने पर मैं दण्डित किया जा सकता हूँ।
(हस्ताक्षर)
शपथ करने वाले का पहचान-पत्र का विवरण
(प्रतिलिपि संलग्न)
3. विचार-विमर्श के दौरान कम्पनी प्रतिनिधि सहमत हुये कि बाजार में काफी
बड़ी संख्या में गलत नाम व पते पर सिमकार्ड वितरित किये गये हैं जो
वर्तमान में प्रयोग में लाये जा रहे हैं। इस परिप्रेक्ष्य में यह सहमति
बनी कि सभी मोबाइल आपरेटर अपने सम्पूर्ण रिटेलर/डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क
को सूचित करेंगे कि दिनांक 31-07-2013 तक उनके द्वारा अभी तक बेंचे गये
सभी सिम कार्डो के अभिलेखों का परीक्षण करके प्री-एक्टीवेटेड/गलत नाम पते
पर निर्गत सिमों का विवरण सम्बन्धित मोबाइल कम्पनियों को उपलब्ध करा
देंगे। मोबाइल कम्पनियाँ इन्हें अपने सिस्टम से डिलीट कर देंगी और इनकी
संख्या वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ को उंपस पक ेेच/नचेजण्बिवउ तथा
ेज/िनचेजण्बिवउ पर सूचित करेंगी।
4. उपरोक्त प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद मोबाइल आपरेटर दिनांक
01-08-2013 से 15-08-2013 से अपने सभी रिटेलर/डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क पर
तंउकवउसल ब्।थ् चेक करेंगे और गलत पाए जाने पर कमंबजपअंजम करेंगे और इसका
डाटा भी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ को भेज देंगे।
5. सर्वसम्मति से यह भी तय किया गया कि च्व्ै/रिटेलर एक रजिस्टर बनाएगा
जिसमें उपभोक्ता का नाम-पता, आईडी प्रूफ का विवरण-मोबाइल नम्बर (पूर्व
से), नया मोबाइल नम्बर तथा उपभोक्ता के एक रेफरेंस व्यक्ति का मोबाइल
नम्बर भी अंकित करेगा। रिफरेंस का नाम व टेलीफोन नम्बर दिये गये आईडी
पू्रफ पर भी अंकित करेगा।
6. टेली वेरिफिकेशन करने वाली कम्पनी को स्पष्ट रूप से बताया जाए कि उनके
द्वारा वेरिफिकेशन करते समय कोई लीडिंग सवाल नहीं पूछा जाए। आईडी प्रूफ
पर अंकित रिफरेन्स से उपभोक्ता के विषय में पूंछेगा।
-3-
7. ब्लैकलिस्ट किए गए रिटेलर की सूचना मोबाइल आपरेटर एक दूसरे से बांटे
और मासिक सूचना ज्म्त्ड/स्थानीय पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,
एसटीएफ को भी दें।
8. सभी रिटेलर/च्व्ै ब्।थ् में तथा ब्।थ् का विवरण डाटाबेस में अंकित
करने वाले पूर्ण विवरण ही अंकित करें। अपूर्ण विवरण दिए जाने पर किसी भी
दशा में सिम निर्गत नहीं किया जाए।
9. किसी रिटेलर/च्व्ै पर अप्रत्याशित रूप से अधिक सिम बेंचे जाने पर उसे
प्रोत्साहित करने के स्थान पर उसकी बिक्री की तकनीकी जाँच की जाए जिससे
सम्भावित गड़बड़ी पकड़ी जा सके।
10. ज्त्।प् ने एक पते पर अधिकतम् 9 सिम (सभी कम्पनियाँ मिलाकर) बेंचने
का प्राविधान किया है। मोबाइल कम्पनियों के उपभोक्ता डाटा बेस की इण्टर
लिंकिंग नहीं होने के कारण यह 9 ग् मोबाइल आपरेटरों की संख्या के बराबर
हो जाता है। इसलिए इस डाटाबेस की लिंकिंग के लिए सभी कम्पनियाँ व्यवस्था
करें। कम्पनियाँ यह सुनिश्चित करें कि एक पते पर 4 सिम से अधिक का डाटा
प्राप्त होने पर उनका 100ः भौतिक सत्यापन किया जाए।
11. मोबाइल आपरेटर अपने तकनीकी सिस्टम से यह डाटा बेस तैयार करें कि
कितने सिम कार्ड प्रयोग उनके एक्टीवेशन तिथि से एक तमंेवदंइसम समय
(उदाहरण के लिए 7 दिवस) के बाद भी इस्तेमाल नहीं हो रहे हैं। यह डाटा भी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ को भेजा जाए। ऐसे सिम का भौतिक सत्यापन भी
आपरेटर कराऐंगे।
अतः आपरेटरों को अवगत कराया गया है कि इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की
अनियमितता (पततमहनसंतपजल) की स्थिति में नियमानुसार कार्यवाही की
जायेगाी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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