बेंटियो के प्रति बदले समाज का दृष्टिकोण:डा० सुरभि शुक्ला एवरेस्ट विजेता अरुणिमा सिन्हा का सम्मान समारोह आज का समाज व बेंटियां संगोष्ठी सम्पन्न

Posted on 28 June 2013 by admin

विश्व की पहली निःशक्त महिला एवरेस्ट विजेता अरुणिमा सिन्हा ने कहा कि हमने जो सहा वो आने वाही बेटिंया न सहें मेरी भी आलोचना हुई प्रतिभा हर बच्चे में होती है उसे अवसर की तलाश होेनी चाहिए । बेटा बेटी में भेद न करके समान अवसर की पहल होनी चाहिए आज तक जो हुआ उसे भूलकर आगे आने वाले समय में हम बुराईयों को नही आने दे यही संकल्प लेना है । आलोचनाओं को सही सदंर्भ में लेकर अपनी इच्छा शक्ति को अपने पहचान पर सकंट खडा करने की घटनाओं का जिव्रहृ करते हुए उन्होने नारियों को परीक्षा से गुजरने की हालात का जिव्रहृ किया ।
imag0098अपने गृह जिले में मिले सम्मान से अभिभूत अरुणिमा ने कहा सम्मान तो बहुत मिला मगर आज अपने परिवार से सम्मान पाकर सबसे ज्यादा खुशी हो रही है । उत्त्तराखण्ड में प्राकृतिक आपदा के शिकार पिडितो को पांच लाख रुपये अपनी तरफ से दिये जाने की जानकारी देते हुए लोगो से भी इस कार्य में भागिदारी का अह्वान किया । जिला पंचायत सभागार में इंडिया इनसाइड पत्रिका द्वारा आयोजित अरुणिमा के सम्मान समारोह व आज का समाज व बेंटियां बिषयक संगोष्ठी में कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष डा० सुरभि शुक्ला ने कहा कि आज की बेंटियों को आशावादी होना चाहिए लक्ष्य प्राप्ति के लिए संर्घष की जरुरत है समाज को भी बेंटियों के प्रति दृष्टिकोण बदलना होगा आज सभी क्षेत्रो में महिलाओं की सहभागिता है । महिलाओं पर अत्याचार वहीं होता है जहां अनपढ लोग रहते है इन्हे जागरुक करने की जरुरत है जब तक देश साक्षर नही होगा समाज की बुराईयां दूर नही होंगी । श्रीमती शुक्ला ने बेंटियों को समाज में समानता के अधिकार दिये जाने की वकालत की ।
विष्शिठ अतिथि जिलापंचायत अध्यक्ष पृथ्वी पाल यादव ने कहा कि बहन अरुणिमा ने बेंटियों को आगे जाने की राह दिखाई है उन्हाने अपनी तरफ से उनका उत्साहवर्धन करते हुए इक्वान सौ रुपये की धनराशी देकर उनका मान बढाया ।
वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश्वर सिंह ने कहा कि बेंटियो की कद्र जिस तरह होनी चाहिए वह आज समाज में नही है नारी का स्थान पहले बहुत उहृंचा था किन्तु आज वह अबला बन गई है लक्ष्मीबाई, अवनी मुखर्र्जी व प्रीतिलता वादेदार के जज्बों का जिव्रहृ किया ।  साहित्यकार कमलनयन पाण्डेय ने समाज में बेटियों की आज की स्थिति के संदर्भ में बात रखते हुए समूची स्त्री जाति की दुर्दशा पर प्रकाश डाला ।
वरिष्ठ पत्रकार राजखन्ना ने कहा कि आज बेटियां घर से निकल कर हर चुनौतियां स्वीकार कर रही है ऐसी बेटियों को अरुणिम ने हौसला दिया है जिससे हर बेटी में ऐसा करने का जज्बा आयेगा ।
भारत भारती संस्थापक सुन्दरलाल टंडन ने कहा कि पराई स्त्री में मां बेटी का रुप देखा जाय तो समाज से सारी बुराईयां दूर हो जायेगी । उन्होने संस्था की तरफ से अरुणिमा सिन्हा को सुलतानपुर रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की । के.एन.आई. महाविद्यालय में राजनिति शास्त्र की विभागाध्यक्ष डा० रजंना सिंह ने कहा कि आज का सच अरुणिमा सिन्हा है नकारात्मक सोच का विरोध करने एवं स्त्री की संवेदना का आदर करने का आह्वान किया । हमें विवादास्पद संदभों को छोडकर नारी की उहृंचाई देखनी चाहिए ।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन मे वरिष्ठ साहित्यकार शिवमूर्रि्त ने कहा इक्कीसवीं सदी मे रहकर सोलहवीं सदी का चिन्तन लेके चल रहे है उसे बदलने की जरुरत है उन्होने कहा बडे काम बडे लोग नही करते बल्कि वही काम अगल ढंग से अलग तरह से करते है ।
गोष्ठी में डा० डी०एम० मिश्र, मथुरा प्रसाद सिंह जटायू, समाज सेवी करतार केशव यादव, राम कृष्ण जायसवाल, जगन्नाथ वर्मा, प्रो० राम सहाय यादव, पूर्व विधायक अजुर्न सिंह, अपर मुख्य अधिकारी शिव प्रकाश पाण्डेय, फिल्म निर्माता अरुण अरोडा ने भी अपने विचार रखे । इस अवसर पर अरुणिमा सिन्हा को मुख्य अतिथि द्वारा साल उढाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानीत किया गया ।  इस मौके पर रामसुन्दर यादव , आर.ए.कोविद, बी.डी.सिंह, संतोष यादव, अरुण जायसवाल, अनिल द्विवेदी, अशोक जायसवाल, उहृषा सिंह, आदि मौजूद रहे ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in