११ जून । देश की संप्रभुता तथा अखण्ता की आज दूर संचार की अति आधुनिक तकनीकी से जहां हमारे वैज्ञानिक रक्षा कर रहे है वही यही तकनीकी इस भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरे का एक अहम किरदार निभा रही है ।
दूर संचार के क्षेत्र मे हुई उन्न्न्ति का नतीजा है मोबाइल फोन । इस मोबाइल की जान होती है छोटी सी सिम, आज हमारे देश के कोने कोने मे मोबाईल के टावर कंपनियो ने जाल बिछा दिया है। हर क्षेत्र मे हर कंपनियों के सिगनल उपलब्ध है ।
जहां मोबाइल फोन से आम आदमियो को बहुत ही फायदा हुआ है वही यही मोबाइल फोन देश के खिलाफ किये जा रहे आंतकी हमलो तथा देश के लिए आन्तरिक असुरक्षा का कारण भी बनते जा रहे है । उसका सबसे अहम रोल निभा रहा है सिमकार्ड। इसी के जरिए ही वह अपने उपभोक्ता बनाते है ।
सरकार ने सिमकार्ड को जारी करने का देशहित मे बहुत ही कडी दिशा निर्देश तथा मानक बना रखे है । जिसका पालन सभी दूर संचार की कंपनियों को करना पड़ता है । उसमे यह कि सिम लेते समय उपभोक्ता को अपना निवास सम्बन्धी कागजात, अपना फोटो लगा पहचान पत्र तथा दो फोटो सम्बन्धित स्टोर या दुकान पर गलत उपयोग न होने पाये । और इसका सही इस्तेमाल आमजन करते हुए इस तकनीकी का पूरा फायदा उठाये ।
परन्तु मोबाइल फोन के आ जाने से आम लोग तो खुश हुए ही सबसे ज्यादा खुशी अपराधी तबके के लोगो को हुई आज अपराधी मोबाइल फोन के जरिये बडी बडी घटनाओ को अंजाम देते है और हमारी पुलिस सर्विलांस की सुविधा उठाते हुए भी उन घटना के जन्म दाताओ तक नही पहुंच पाती है ।
उसका एक अहम कारण होता है फर्जी नाम फर्जी पता व किसी दूसरे की फोटो के साथ खरीदा गया मोबाइल फोन का सिमकार्ड सिमकार्ड को इस्तेमाल अपराधी फर्जी नाम पते पर करते है और पुलिस लकीर की फकीर साबित होती है ।
इस तरह की घटना का एक मात्र कारण अपराधियो को आसानी से मिलने वाला सिमकार्ड है । सरकार ने कंपनियो को यह निर्देश दिया है कि जब तक पता, नाम व पहचान का सत्यापन न हो जाये तब तक किसी भी उपभोक्ता का सिमकार्ड न चालू हो ।
लेकिन आज की प्रतिस्पर्धा के जमाने मे नैतिकता तथा नियम कानून ताक पर रख कर सिम बेचने वाले दुकानदार फर्जी तरीके से सिम को गलत पहचान पत्र, गलत पता व किसी अन्य की फोटो लगाकर चालू कर लेते है । और किसी भी उपभोक्ता को दस रुपये ज्यादा लेकर सिम बेच देते है ।
उन्हे इस बात से कोई मतलब नही होता है कि उक्त उपभोक्ता ने उससे कोई अपराधिक घटना को अंजाम दिया या किसी आतंकी के सहायक का कारण बना ।
तर्क यह कि आज सभी दूर संचार कंपनियो ले अपने नये सिम कार्ड की कीमत मे दो से तीन बुनी ज्यादा बात करने की छूट देते है पहले सिम कार्ड की कीमत ज्यादा होने की वजह से उपभोक्ता एक बार लिया सिम जल्दी बदलता नही था परन्तु आज ५० रु० के सिम से १०० रु० की बात करने को मिलती है वो भी बिना किसी कागजात के ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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