११ जून । जनपद मे आंगनवाडी कर्रि्मयों को उन्ही का विभाग अन्य विभागो के कामो के लिए निरूशुल्क उनलब्ध करा कर अपनी पीठ ठोक रहा है वही गरीब अल्पमानदेय महिला आंगनवाडी की व्यथा सुनने वालो मे कोई नही है । सपा सरकार कहती है हम ही महिला हितैषी है मगर जनपद मे बालविकास विभाग तो आंगनवाडियों का शोषण करने का पटटा प्राप्त है ।
साथ ही अन्य विभाग भी जब तब इन्हे अपने कार्यो के लिए जबरिया विभाग से निरूशुल्क मांग लेता है और डरपोक व कायर पिरयोजना अधिकारी भ्रष्ठता छिपाने के लिये प्रशासन को न भी नही कहती है और सघंर्ष इन्हे बेगारी पर भेज दती है साथ ही आदेश और तुर्रा यह कि ८ से १२ सेंटर चलाओं और १० बजे से रात ८ बजे तक राशन कार्ड बनवाओं, सत्यापन कराओं, निर्वाचन डयूटी करो, टीकाकरण करो सोचिये उ०प्र० सरकार का कोई नियमित कर्मी जो कि ३२ हजार वेतन पाता है ।
इस तरह कार्य कर सकता है शायद नही वो भी महिला मगर ऐसा जनपद मे हो रहा है सिटी परियोजना की आंगन वाडियों, राशन कार्ड, निर्वाचन सूची के सत्यापन, कार्य पल्स पोलियों और टीकाकरण, आपइा प्रबंधन समेत ८ से १२ आंगनवाडी सेंटर भी चलाने पर परियोजना अधिकारी द्वारा मजबूर की जा रही है । उस पर भी उन्हे मनरेगा मजदूर से भी क्या मजदूरी दी जात्ी यह कहां का न्याय है मुख्यमंत्री जी स्वयं जरा भी मानवता हो तो इन गरीब महिलाओं का सरकारी शोषण बंद करवाया जायें ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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