झांसी/ बड़ागांव। बुंदेलखंड को पर्याप्त बिजली दिलाने की मांग को लेकर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन ‘आदित्य’ के नेतृत्व में आठ घंटे तक चले धरना- प्रदर्शन और चक्का जाम के बाद भी कोई ठोस हल नहीं निकल सका। हालांकि, केन्द्रीय मंत्री का दावा है कि जिलाधिकारी के माध्यम से शासन ने उन्हें बुंदेलखंड में 22 घंटे बिजली देने का आश्वासन दिया है, जबकि जिलाधिकारी ने ऐसा कोई आश्वासन देने से साफ इनकार किया है। उन्होंने यह जरूर कहा कि मंत्री की मांग को फैक्स के माध्यम से पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को भेज दिया है।
पारीछा तापीय विद्युत परियोजना के आवासीय परिसर में हजारों समर्थकों के साथ पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे से धरना दे रहे केंद्रीय मंत्री को अपराह्न करीब पौने चार बजे कालोनी के मुख्य द्वार पर आंदोलनकारियों के साथ अभद्रता की खबर मिली। इस पर वह अपने समर्थकों के साथ सड़क पर आ गए और कानपुर- शिवपुरी मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। इससे मार्ग के दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गईं। इस दौरान आंदोलनकारियों ने प्रदेश सरकार का पुतला फूंक कर प्रदर्शन किया। मौके पर मौजूद अपर जिलाधिकारी उमेश नारायण पांडेय ने केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी कि जिलाधिकारी ने शासन को उनकी मांग से अवगत करा दिया है। लेकिन, आंदोलनकारी जिलाधिकारी को मौके पर बुलाने पर अड़ गए। स्थिति बिगड़ती देख मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल भी बुला लिया गया। इस बीच कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुधांशु त्रिपाठी, पूर्व मंत्री बिहारी लाल आर्य और प्रशासन अधिकारियों के बीच चार दौर की वार्ता हुई। देर शाम जिलाधिकारी तनवीर जफर अली भी मौके पर पहुंच गए। केंद्रीय मंत्री से जिलाधिकारी की वार्ता के बाद तकरीबन चार घंटे के बाद जाम समाप्त कर दिया गया।
केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन ने पत्रकारों को बताया कि जिलाधिकारी के माध्यम से शासन ने उन्हें आश्वस्त किया है कि बुंदेलखंड को कम से कम बाइस घंटे बिजली दी जाएगी। हालांकि, अभी इसकी तिथि निर्धारित नहीं की गई है।
दूसरी तरफ, जिलाधिकारी तनवीर जफर अली ने कहा है कि बिजली को लेकर हुए आंदोलन के बारे में पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को अवगत कराते हुए मांग पत्र चेयरमेन को फैक्स भी कर दिया है। 22 घंटे बिजली आपूर्ति के संबंध में उन्होंने कोई आश्वासन नहीं दिया है। यह शासन स्तर पर ही संभव है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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