- नगरीय सड़क सुधार योजना से शहरी सड़कों को सुदृढ़ किया जायेगा
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस वित्तीय वर्ष से नगरीय क्षेत्रों की सड़कों के सुधार एवं निर्माण के लिए एक नई योजना शुरू की है। श्नगरीय सड़क सुधार योजनाश् के नाम वाली इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की सड़कों पर बढ़ते दबाव के कारण खराब हो जाने वाली सड़कों का पुनर्निर्माण करने के साथ ही निकायों में नई सड़कों का निर्माण करना है ताकि शहरी इलाकों की इस महत्तवपूर्ण सुविधा को सुदृढ़ किया जा सके।
इस स्कीम के कार्यान्वयन के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव नगर विकास श्री सीण्बीण् पालीवाल द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि जनसँख्या में वृद्धि, शहरी क्षेत्र में विस्तार, शहरों की ओर बढ़ता हुआ पलायन, शहरी यातायात में निरंतर बढ़ोत्तरी आदि कारणों से नगरीय अवस्थापना सुविधाओं पर बहुत अधिक दबाव पड़ रहा है और नगर निकाय अपने संसाधनों से नागरिक सुविधाएं नहीं दे पा रही हैं। इसी मद्देनजर से राज्य सरकार ने यह नई स्कीम शुरू की है।
स्कीम के तहत उन सड़कों के पुनर्निर्माण या निर्माण को प्राथमिकता पर लिया जायेगा जहाँ पर व्यापारिक गतिविधियाँ सर्वाधिक होती हैं और जो बाजार एवं औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ती हैं तथा जिनकी स्थिति अधिक खराब है। इसके अलावा उन शहरी क्षेत्रों को भी प्राथमिकता दी जाएगी जहाँ सड़कों की ज्यादा जरुरत है।
योजना के तहत 3.75 मीटर या उससे कम चैड़ी सड़क का निर्माण आईण्एसण्आईण् मार्का इंटरलॉकिंग ब्रिक्स से ही किया जायेगा। निर्माणाधीन इंटरलॉकिंग सड़कें अगर ऐसी जगहों से गुजर रही हैं जहाँ पर भारी वाहनों का दबाव बहुत ज्यादा है तो वहां पर कम से कम 4 इंच (10 सेंटीमीटर) मोटी इंटरलॉकिंग ब्रिक्स का इस्तेमाल किया जायेगा। यदि किन्हीं सड़कों पर अधिक वजन के वाहन गुजरते हैं तो इन सड़कों के निर्माण में 6 इंच मोटी इंटरलॉकिंग ब्रिक्स इस्तेमाल में लायी जा सकती हैं। ऐसी सड़कें जिनकी चैड़ाई 3.75 मीटर से अधिक है, उनका निर्माण डामरीकरण पद्धति से किया जायेगा। यदि किसी मोहल्ले में ऐसी सड़क का निर्माण कराया जाना है जो आम रास्ता नहीं है और जहाँ से आम तौर से भारी वाहन नहीं गुजरते हैं तो वहां पर 3.75 मीटर का मानक प्रभावी नहीं होगा।
इस स्कीम के तहत बनायीं जाने वाली सड़कों के दोनों किनारों पर जल निकासी के लिए नाली बनाया जाना शामिल है। स्कीम के तहत केवल वही सड़कें प्रस्तावित की जायेंगी जो किसी अन्य योजना या कार्यक्रम में प्रस्तावित या मंजूर नहीं हैं। इस योजना की कार्यदायी संस्था सम्बंधित नगर निकाय होगी और वह कार्य की विशिष्टता, मानकों एवं गुणवत्ता के लिए भी जिम्मेदार होगी। कार्य की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप न पाये जाने की दशा में खर्च की गयी सरकारी धनराशि की वसूली सम्बंधित अधिकारियों व कार्यदायी संस्था से करके सरकारी खजाने में जमा करायी जाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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