प्रदेश सरकार द्वारा सिगरेटों पर वैट दर में कमी को लेकर सिगरेट व्यापार संघ ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे राज्य के लाखों छोटे व सीमांत व्यापारियों को आजीविका पर दिया। संघ के अध्यक्ष श्याम मोहन अग्रवाल ने बताया 2012 में उत्तर प्रदेश सरकार ने सिगरेटांे पर वैट की दर तीन गुना बढ़ा कर 17.5 से 50 प्रतिशत कर दी थी। जिससे सारा वैध सिगरेट व्यापार स्मगलरों और असामाजिक तत्वों के हाथ में चला गया था। राज्य मंे सिगरेट पर उच्च कर दरों में इतनी अधिक वृद्धि के कारण अवैध कर चोरी करने वाले सिगरेट उद्योग को और अधिक बढ़ावा मिला और इसके पैर और मजबूत होते गए। इसके परिणामस्वरूप, राज्य में वैध सिगरेट की बिक्री 65 प्रतिशत से अधिक कम हो गई और इससे वैध वितरण प्रणाली पूरी तरह अव्यवस्थित हो गई जिसस सिगरेट के वैध व्यवसाय से जुड़ लाखों परिवार प्रभावित हुए। यही नही इस बढ़ोत्तरी से पड़ोसी राज्यों में सिगरेट की स्मगलिंग को भी प्रोत्साहन मिला। उन्होंने कहा प्रदेश में वैध सिगरेट व्यापार से जुड़े लोगों के लिए आज महत्वपूर्ण दिन है और हम यहां हर उस व्यक्ति के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए एकत्र हुए है जिसने पिछले 10/11 महीनों मंे हमारे संघर्ष मंे हमारी मदद की है। साथ ही प्रदेश के लाखों लोगों की ओर से हम, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सरकारी अधिकारियों का आत्यधिक आभार व्यक्त करते है। जिनके निर्णय से वैध सिगरेट व्यापार उद्योग को बड़ी राहत मिली है। श्री अग्रवाल ने कहा सरकार ने प्रदेश के सिगरेट व्यापारियों कें हितों को ध्यान में रखकर सही निर्णय लिया जो ज्यादातर समाज के आर्थिक रुप से निम्न वर्ग से संबंधित है। उन्होंने बताया स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कराए गए ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे के अनुसार राज्य मंे केवल 2.3 प्रतिशत व्यस्क सिगरेट पीते है जो राष्ट्रीय औसत 5.7 प्रतिशत से काफी कम है और राज्य में तम्बाकू की खपत के अन्य रूपों से काफी कम है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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