- विषम परिस्थितियों में भी सच्चाई से नहीं डिगते पत्रकार - इन्द्रेश कुमार
विश्व संवाद केन्द्र लखनऊ एवं हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को हिन्दी संस्थान के यशपाल सभागार में आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जयंती एवं पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यवक्ता हिमालय परिवार, भारत तिब्बत सहयोग मंच एवं मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक इन्द्रेश कुमार उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में लखनऊ के महापौर डा.दिनेश शर्मा और विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वरूप के संपादक व पूर्व सूचना आयुक्त वीरेन्द्र सक्सेना तथा पीटीआई के ब्यूरो चीफ प्रमोद गोस्वामी उपस्थित रहे। इस अवसर पर पत्रकारिता के क्षेत्र में राष्ट्रीय भावना से प्रेरित होकर कार्य करने वाले चुनिंदा पत्रकारों को प्रशस्ति पत्र, अंगवस्त्रम् एवं स्मृति चिन्ह आदि प्रदान कर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले पत्रकारों में पायनियर हिन्दी दैनिक के हरी राम मिश्र, राष्ट्रीय सहारा के चीफ फोटोग्राफर संजय त्रिपाठी, नव जीवन के पूर्व संपादक रूद्र नाथ पाण्डेय, कैनविज टाइम्स की सुश्री रीतेश सिंह, जन संदेश टाइम्स के शिव शंकर गोस्वामी, दैनिक प्रभात के राकेश मिश्र, संपादक के नाम पत्र लेखन के लिए हरिश्चन्द्र धानुक, सोशल मीडिया से पवन कुमार अवस्थी आदि के नाम शामिल हैं।
इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्यवक्ता इन्द्रेश कुमार ने कहा कि देवर्षि नारद पुरातन युग के एक ऐसे पत्रकार थे जो राम और रावण दोनों के ही सामने सच को सही रूप में प्रस्तुत कर पाने में पूर्णतः सक्षम थे। आज के पत्रकारों को उनसे प्रेरणा लेकर सच की ज्वाला को हमेशा प्रज्ज्वलित रखना होगा।
उन्होंने कहा कि समाज में आज भी ऐसे तमाम पत्रकार हैं, जो अत्यन्त विषम पस्थिति में कार्य करते हुए भी सच्चाई की राह से कभी डिगते नहीं। उन्होंने कहा कि देश की अनेक ज्वलंत समस्याओं का समाधान नारद रूपी सत्य को उद्घाटित करने वाले पत्रकार ही कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि चीन हमारे मातृभूमि पर उन्नीस किलोमीटर अन्दर आकर मात्र तीन किलोमीटर हट जाता है और हमारी सरकार इस पर ही संतुष्ट हो जाती है। ऐसी स्थिति में पत्रकारिता ही सच का आइना दिखा पाने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि माँ और मातृभूमि से समझौता करनेवाला कभी सपूत नहीं हो सकता इसलिए हमें हमेशा अपनी मातृभूमि के लिए जीना होगा।
श्री इन्द्रेश ने कहा कि जिस देश के लोगों ने नारी के अपमान पर लंका में लाशें बिछा दी थी आज उसी देश में हमारी बहन बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने चुनौती देते हुए कि माले गांव विस्फोट जांच के मामले में हर पल रंग बदलने वाली सरकार देश के किसी भी स्थान पर सारी जांच एजेंसियों को बुलाये और मुझे भी बुलाकर देश की मीडिया के सामने सवाल-जवाब कराये।
इस अवसर पर पीटीआई के ब्यूरो प्रमुख प्रमोद गोस्वामी ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में समाज व सरकार के बीच में पत्रकार एक महत्वपूर्ण कड़ी है। लेकिन दुर्भाग्य से लोकतंत्र का चैथा खंभा आज दरकने लगा है।
राष्ट्रीय स्वरूप के संपादक वीरेन्द्र सक्सेना ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण माहौल में पत्रकार को अब अपनी भूमिका के लिए नये उपाय तलाशने होंगे। उन्होंने कहा कि हम हताश जरूर हैं परन्तु निराश नहीं।
कार्यक्रम में पथ संकेत के संपादक गंगा सिंह, राष्ट्रधर्म के संपादक आनन्द मिश्र अभय, लोक सम्मान के राम शरण, सेवा संवाद से प्रभात कुमार अवस्थी, सेवा चेतना से डा.विजय कर्ण, विश्व संवाद केन्द्र पत्रिका के संपादक नरेन्द्र भदौरिया, कामधेनु कृपा से डा. राजेश दुबे, विश्व आयुर्वेद परिषद के संपादक डा. सत्येन्द्र मिश्र एवं सैन्य संदेश के संपादक कर्नल देवेन्द्र प्रताप सिंह को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कलाकुंज मासिक पत्रिका के संपादक योेगेन्द्र नाथ योगी, राष्ट्रधर्म के संपादक आनन्द मिश्र अभय, विश्व संवाद पत्रिका के संपादक नरेन्द्र भदौरिया, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के प्रचार प्रमुख कृपाशंकर, लखनऊ जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के निदेशक अशोक सिन्हा, विश्व संवाद केन्द्र के प्रमुख राजेन्द्र, एअर मार्शल बाजपेई प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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