भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल ने स्मारक निर्माण में हुए 1400 करोड़ से अधिक के घोटाले पर चिंता व्यक्त की है। इस घोटाले में लोकायुक्त की रिपोर्ट में पिछली सरकार के दो मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशावाहा संलिप्त बताये गये हैं। ज्ञातव्य है कि इससे पहले भी यह दोनांे मंत्री भ्रष्ट आचरण के आरोपों से घिरे रहे हैं तथा बाबू सिंह तो वर्तमान में जेल में हैं।
सचिव मण्डल ने अपने वक्तव्य में कहा कि इतना बड़ा घोटाला चिंता का विषय तो है किन्तु चैकाने वाला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के घोटाले संज्ञान में आते रहे हैं और आते भी होते रहेंगे। यदि इन घोटालों को जन्म देने वाले नव उदारवादी आर्थिक सुधार के रास्ते को पलटा नहीं जाता है। यह उल्लेखनीय है कि जो-जो सरकारें चाहे वह केन्द्र की हों, या प्रांतों की, नवउदारवाद ेके रास्ते पर चलीं उन सभी के दामन पर बड़े घोटालों के दाग चस्पा हो गये हैं।
सचिव मण्डल लोकायुक्त मेहरोत्रा की इस सिफारिश का स्वागत करता है कि घोटाले की धनराशि को घोटालेबाजों से वसूल किया जाये। ऐसे मामलों की त्वरित सुनवाई और जल्द से जल्द दोषियों को दंडित करने के उद्देश्य से ऐसे तंत्र को स्थापित किया जाये जो केवल इन्हीं मामलों की लगातार सुनवाई करने का काम करे। साथ ही पार्टी का यह भी मानना है कि जहां पर खर्च की जाने वाली राशि सैकड़ों करोड़ की हो, वहां व्यय की लगातार मानीटरिंग की व्यवस्था कर ऐसे कदम उठाये जायें जिससे घोटाले होने की संभावनाओं को कम किया जा सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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