15.05.2013
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि केन्द्रीय इस्पात मंत्री किसी गम्भीर मनोरोग से ग्रसित हैं। वे अनर्गल, ऊलजुलूल और बेसिर पैर के बयान दे रहे है। अपने इतिहास ज्ञान का वे सार्वजनिक मजाक बना रहे हैं। आरएसएस की शाखाओं में “नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे“ का नित्यप्रति पाठ करनेवाले बेनी प्रसाद वर्मा को न जाने कहां से डा0 लोहिया याद आ गए। उनको डा0 लोहिया की विचारधारा की इतनी ही समझ होती तो वे समाजवादी पार्टी में बने रहते। अपने अवसरवादी चरित्र का परिचय ही उनकी अपनी नीति और नियत है।
केन्द्रीय इस्पात मंत्री ने समाजवादी पार्टी पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाकर खुद को ही बेनकाब किया है। उनके सभी प्रत्याशी, यहां तक कि उनके साहबजादे भी, चुनाव में हार गए थे। उन्होने कभी पिछड़ों अथवा किसानों के हित के बारे में नहीं सोचा। हमेशा अपनी तुच्छ राजनीति और स्वार्थपूर्ति में लगे रहे। अब अगले लोकसभा चुनावों में उन्हें अपने किए के परिणाम मिल जाएगें।
अयोध्या के प्रंसग में अब जो नया इतिहास रचने की कोशिश केन्द्रीय इस्पात मंत्री कर रहे हैं उसे कोई भी सच मानने को तैयार नहीं होगा। तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव ने अपनी सरकार को खतरे में डालकर भी बाबरी मस्जिद के विध्वंस को रोका था। तब बेनी प्रसाद वर्मा भी समाजवादी पार्टी की सरकार में शामिल थे। अगर उन्हें सचाई पता थी तब उन्होने मुंह क्यों नहीं खोला था। अब उल्टा पुल्टा बोलकर वे कांग्रेस की चाकरी का हक अदा कर रहे हैं।
सब जानते है कि श्री मुलायम सिंह यादव पहले राजनेता थे जिन्होने यह एलान किया था कि यह देश आस्था से नहीं संविधान से चलेगा। जहां कहीं अन्याय या धर्मनिरपेक्षता पर चोट हुई है, आगे बढ़कर श्री मुलायम सिंह यादव ने ही मोर्चा सम्हाला है। आज भी वे सामाजिक न्याय की ताकतों को मजबूत करने में लगे हैं। उन पर केन्द्रीय इस्पात मंत्री के आरोप स्वयं को लांछित करनेवाले हैं। उनका बयान घोर निन्दनीय है।
श्री अखिलेश यादव एक संवेदनशील मुख्यमंत्री के नाते जानते हैं कि पिछली बसपा सरकार में किस तरह निर्दोष लोगों को फर्जी मुकदमों में फंसाया गया था। समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर ही एक लाख फर्जी केस लाद दिए गए थे। निर्दोष मुस्लिम नौजवानों को दहशतगर्द बताकर जेल में डाल दिया गया था। उनके मामलो की समीक्षा कर केस वापस लेने की कार्यवाही हो रही है। जिन ब्राह्मणों पर एससी/एसटी ऐक्ट के फर्जी मुकदमें लगा दिए गए थे उनको वापस लेने का निर्णय भी उन्होने लिया है। इसकी तो प्रषंसा होनी चाहिए कि मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण व्यापक और सर्वांगीण हित का है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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