१४ मई । जामो विकास खण्ड अन्तर्गत ग्राम गौरा पूरेदुबे में भगवानदीन एडवोकेट के पैतृक आवास पर ११ मई १३ श्रीमद भागवत महापुराण कथा का आयोजन अनवरत रुप से चल रहा है । जिसमें मुख्य यजमान उनके माता पिता को आचार्य राम करन त्रिपाठी के निर्देशन में सहायक आचार्यो द्वारा कथा पूजन सम्पन्न करया जा रहा है ।
कथा के तीसरे दिन आर्चाय द्वारा धु्रव चरित्र का बडा ही सम्मोहक वर्णन किया गया । आर्चाय जी ने कथा सुनाते हुए कहा कि राजा उत्त्तानपात व उनकी बडी रानी सुनीत के कोई सन्तान न होने से राजा ने रानी को सम्पत्त्ति पर वंश जागृत करने हेतु दूसरा विवाह किया दूसरी रानी का नाम सुरुचि था उसी बीच दोनो रानियों को एक एक पुत्र हुए बडी रानी जो राज महल के बाहर दासी के रुप मे रह रही थी उन्ही से राजकुमार धु्रव का जन्म हुआ ।
इस प्रसंग को सुनकर श्रोतागण भाव विभोर हो गए । श्रोताओं में विजय बहादुर, भवानी प्रसाद दूबे, राम प्रताप, राम पियारे यादव, मोनू सिंह, वीरेन्द्र कुमार, जन्मेजय सहित बच्चे भी उपस्थित रहे ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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