भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा मुस्लिम धर्म गुरूओं के समक्ष मुसलमानों को प्रदेश की योजनाओं में 18 प्रतिशत हिस्सा दिलाने के वायदे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मनोज मिश्र ने कहा कि मुसलमानों को योजनाओं में 18 प्रतिशत हिस्सा देने की बात कहना भारत के संविधान की आत्मा के विरूद्व है। भारतीय संविधान में अभी तक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। मा0 मुख्यमंत्री जी और उनके मंत्री प्रदेश में संविधान और कानून के रखवाले न बनकर उनके चीर हरण के कारण बन गये है।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मिश्र ने कहा कि जिस सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग की बात सपा के मुख्यमंत्री कह रहे है वह न केवल आपसी बैरभाव को बढ़ाने वाली है बल्कि संविधान की मूल आत्मा के विरूद्व है। डाॅ0 मिश्र ने मा0 मुख्यमंत्री द्वारा मुस्लिमों के लिए सपा द्वारा की गई लोकलुभावन घोषणाओं पर भी अंगुली उठाते हुए कहा प्रदेश में इस तरह से साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ेगा और सामाजिक समीकरण खतरे में पड़ जायेगा। निरपराध मुस्लिमों को छुड़ाने के नाम पर आतंकवाद के कृत्यों में लिप्त अपराधियों को छुड़ाने के लिए भारतीय कानून तक का सपाई मंत्री मजाक उड़ा रहे है।
डाॅ0 मिश्र ने कहा कि सपा को प्रदेश के अल्पसंख्यक समुदाय को राष्ट्र की मुख्यधारा में लाने का प्रयास करना चाहिए। सपा सरकार के इन कृत्यों से अल्पसंख्यक वर्ग की दूरी और बढ़ जायेगी। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक और जातीय टोटकों के बजाय प्रदेश को विकास की धारा में लाने का प्रयास करना चाहिए। प्रदेश को जातीय और साम्प्रदायिक खांचों में न बांटकर राष्ट्रीय धारा के चश्में से देखना चाहिए। पार्टी जातीय और साम्प्रदायिक विभाजन के आधार पर राजनीति का विरोध करती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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