लखनऊ - हाल ही में हुए विधान परिषद चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए सम्पूर्ण विपक्ष ने गुरुवार को विधानसभा में जबर्दस्त हंगामा किया। विपक्ष चर्चा की मांग कर रहा था। मांग अस्वीकार हो जाने पर कांग्रेस, भाजपा और रालोद सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गयेए लेकिन सपा के सदस्य श्वेलश् में आकर नारेबाजी करने लगेए इस वजह से दस-दस मिनट के लिए दो बार सदन स्थगित करना पड़ा।
शून्य प्रहर में कार्यस्थगन प्रस्ताव के माध्यम से इस मुद्दे को नेता प्रतिपक्ष शिवपाल सिंह यादव, सपा के अम्बिका चौधरी व वकार अहमद शाह, भाजपा के ओम प्रकाश सिंह, हुकुम सिंह व सुरेश कुमार खन्ना, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, प्रदीप माथुर, संजीव दरियाबादी, ईश्वर चन्द्र शुक्ला, अजयपाल सिंह, रालोद के कोकब हमीद व सत्येन्द्र सोलंकी सहित करीब ढाई दर्जन सदस्यों ने उठाया।
सदस्यों का कहना था कि विधान परिषद चुनाव में सत्तापक्ष द्वारा धनबल एवं बाहुबल का खुलेआम दुरुपयोग हुआ है। इससे चुनावी वातावरण प्रदूषित हुआ और लोकतन्त्र की हत्या की गई है। सपा के अम्बिका चौधरी ने कहा कि लखनऊ में एक मन्त्री के इशारे पर लखनऊ के निराला नगर स्थित एक गेस्ट हाउस में मतदाताओं को कैद रखा गया। भाजपा के हुकुम सिंह ने कहा कि ऐसे चुनावों में लोकतन्त्र को मजबूती दिलाने के लिए चुनावी प्रक्रिया में संशोधन को लेकर एक समिति का गठन किया जाना चाहिए जिसमें सभी दलों के विधायक हों।
संसदीय कार्यमन्त्री लालजी वर्मा ने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि विधान परिषद चुनाव में कोई धांधली नहीं हुई। चुनाव निष्पक्ष तरीके से हुआ और विपक्ष से ही सवाल किया कि यदि सत्ता का दुरुपयोग हुआ होता तो रायबरेली में कांग्रेस और प्रतापगढ़ में सपा का उम्मीदवार कैसे जीत जाता ?
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Vikas Sharma
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