९ मई । जनपद मे जयसिंहपुर थानान्र्तगत विझूरी गांव के समीप प्रातः ९.३० के आस पास महेन्द्रा पिकप से ढोई जा रही अवैध दारु की खेप को आबकारी टीम निरिक्षको ने घेराबन्दी कर धर दबोचा ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद के थाना जयसिंहपुर कें ग्राम विझूरी के पास मुखबिर की पुख्ता सूचना पर सुलतानपुर के छापामार निरीक्षक कुलदीप दिनकर व एन.एल. चैरसिया की टीम घात लगाये बैठी थी कि तभी सेमरी मार्ग से एक महिन्द्रा पिकप यू.पी. ४४ जे. ६९९५ आती दिखी सर्तक टीम ने गाडी को रुकने का इशारा किया तो ड्राईवर ने गाडी की रफ्तार बढा दी और आगे जाकर ड्राईवर गाडी छोडकर फरार हो गया मगर पीछा कर टीम ने गाडी मे बैठे अरुण यादव उर्फ मुन्ना यादव चैरेबाजार कोतवाली बीकापुर को भागने की कोशिश मे धर दबोचा ।
वाहन की तलाशी लेने पर उसमे टीम को १८७५ पौव्वा नकली देशी दारु, २९ लेवल व ४३२ नकली होलो ग्राम बरामद किया गया । जिसमें बरामद होलोग्राम व लेवल कई प्रान्तो के थे जिसमे चमेली, मि० एक्स, खटटा मीठा समेत कई लेवल जो कि अन्य प्रान्तो मे बिकने वाली दारु के है ।
सूत्र बताते है कि अन्य प्रान्तो जैसे मध्य प्रदेश व यू० पी० मे २०० एम एल की देशी शराब का विव्रहृय मूल्य ५५ रु० है वही अरुणा चल प्रदेश, छत्त्तीसगढ, बिहार, राजस्थान आदि मे ३० से ३५ रु० कीमत है जिसके चलते शराब तस्कर बाहर से दारु की खेप लाकर उ०प्र० के जनपदो मे महगें मूल्य पर बेच कर मोटा मुनाफा कमा रहे है वही कुछ शराब माफिया कच्ची शराब मे यूरिया और होम्योपैथिक की हाईली एल्कोहली दवा मिला कर लेवल व होलोग्राम चिपकाकर बिव्रहृी कर रहे है । जिससे संसाधन विहीन आबकारी महकमा हैरान व परेशान है ।
वही शराब की अवैध बिक्री को स्थानीय पुलिस का भरपूर सहयोग मिलता है कारण है कि पुलिस की पहुंच और संसाधान आबकारी महकमें से ज्यादा है और दूसरा सबसे बडा कारण कि आबकारी महकमें के निरिक्षको पर अपने लाईसेंसी से ज्यादा सरकारी शराब बिकवाने का दबाव भी रहता है । यही कारण है कि आबकारी निरिक्षक अपने लाईसेसिंयों को प्यार दुलार से माल बेचने और कमिश्नर द्वारा दिये गये टार्गेट को पूरा कराने में ही बीत जाता है । और पुरानी परंपरानुसार मुखबिरी भी यही लाईसेंसी होते है लिहाजा जिस पर विश्वास करना है उससे अविश्वास कैसे करे यही कारण है कि हाल के महिनो मे लाईसेंसी ही अब अवैध शराब के तस्कर और विव्रहृेता बन बैठे है वो भी क्षेत्रीय पुलिस के सहयोग से यही कारण है कि आबकारी टीम मात्र नही किनारे बनने वाली कच्ची दारु के निर्माण व सीमीत धारा दफा ६० के तहत पूर्णतया लाचार व बेचारी हो गई है ।
वही पुलिस के पास असीमित संसाधन मैनपावर और धाराओं की पूरी शक्ति होने के बावजूद पुलिस अवैध दारु तश्करी रोकने की जगह मलाई काट रही है और जब कोई हादशा होता है तो पुलिस इसमें बढ चढ कर बहादुरी दिखाती है जिले के पुलिस कप्तान और शासन आबकारी निरिक्षको और सिपाहियों को ही जिम्मेदार मान कर निलम्बित करती है और बर्खास्त करती है यही रवैया अभी बीते दिनो अमेठी जनपद के थाना कमरौली व जगदीशपुर के गांवो मे नकली शराब के सेवन से ११ लोगो की मौत मे प्रशासन की सैतेला रुप देखने को मिला जबकि पुलिस भी इस कांड मे बराबर की दोषी है उसे हर अवैध कार्यो को रोकने, जब्त करने का अधिकार है मगर उसका उपयोग वह निजि स्वार्थ मे नही करती ।
आज ही की घटना जो जयसिंहपुर मे हुई जिसमे एक पीकप पाकर अवैध दारु आबकारी ने पकडी मगर न वीट सिपाही कहीं दिखे न थानाध्यक्ष इसी तरह प्रतिदिन न जाने कितनी दारु अवैध सामान सडके के रास्ते थाने के सामने से गुजरता होगा मगर पुलिस पिकेट मात्र २०रु० मे उसे पास करा देती होगी ।
हालात बद से बदतर है स्थानीय पुलिस के थानेदारो समेत अधिकारियों को गस्त के बजाय कूलर व ए.सी. मे बैठना ज्यादा उचित लगता है चाहे जिले में दारु की खेप आये या बारुद की उन्हे लू, धुप, बरसात, व जाडो मे मांद से बाहर नही निकलना है । उक्त बरामद माल थाना जयसिंहपुर के सुपुर्द कर अभियुक्त के विरुद्ध धारा ६० के अलावा आई.पी.सी.की धारा १२० बी, २७२, ४२०, ४६७, ४६८ मे चालान कर जेल भेज दिया गया है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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