07 मई।
प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी का नियन्त्रण अब अपने अधिकारियों पर भी नहीं रहा, अधिकारियों की निरंकुशता के चलते माननीय न्यायालय को आगे आना पड़ रहा है। यह किसी चुनी हुयी लोकतान्त्रिक सरकार के लिए शर्म की बात तो है ही माननीय उच्च न्यायालय द्वारा शीर्ष अधिकारी को हिरासत में लिये जाने की घटना से राज्य सरकार की अकर्मण्यता उजागर हुयी है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने आज यहां जारी बयान में कहा कि आम जनता को न्याय दिलाने में राज्य सरकार जहां पूरी तरह विफल साबित हुई है, वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी निजी स्वार्थपरता के चलते पूरी तरह समाजवादी पार्टी के राजनीतिकरण का शिकार हो चुकें हैं। अधिकारियों की निरंकुशता का आलम यह है कि वह मा0 न्यायालय के आदेश को भी धता बता रहे हैं, यही कारण है कि आज माननीय उच्च न्यायालय ने जहां शासन के कानून व्यवस्था से जुड़े एक शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी को अदालत में निरूद्ध किया वहीं प्रदेश के विभिन्न जनपदों के कई अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए स्टाम्प विभाग के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी, फैजाबाद के अपर आयुक्त, अम्बेडकरनगर के ग्राम्य विकास अधिकारी तथा बस्ती के बेसिक शिक्षा अधिकारी से मा0 उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना पर जुर्माना वसूले जाने का निर्णय सुनाना पड़ा।
प्रवक्ता ने कहा कि जनता ने जिस विश्वास के साथ पूर्ववर्ती बसपा सरकार को उखाड़ फेका था और समाजवादी पार्टी को अपना पूर्ण बहुमत देकर प्रदेश में सरकार बनायी थी, आज उसी प्रदेश की जनता के साथ सपा सरकार ने विश्वासघात किया है। वर्तमान प्रदेश सरकार जनता से किये गये अपने वायदे से पूरी तरह मुकर गयी है और प्रदेश में पूर्ववर्ती सरकार के नक्शेकदम पर चलते हुए आम जनता के सरोकारों से मुंह मोड़ लिया है। जनता को सुशासन के लुभावने सपने दिखाकर सत्ता में आने वाली समाजवादी पार्टी जब अपने ही नाक के नीचे काम करने वाले अधिकारियों पर ही नियन्त्रण खो चुकी है तो प्रदेश के जनपदों में अधिकारियों की निरंकुशता की बात करना ही बेमानी है।
प्रवक्ता ने कहा कि वैसे तो प्रदेश सरकार के मुखिया तथा सपा केे मुखिया आये दिन होने वाली बैठकों में प्रदेश के अधिकारियों के बेलगाम होने को कोसतें हैं परन्तु दुखद तथ्य यह है कि स्वयं सरकार की अक्षमता और अकर्मण्यता का ही परिणाम है कि मा0 उच्च न्यायालय को बेलगाम हो चुके इन अधिकारियों पर दण्डात्मक कार्यवाही करने पर विवश होना पड़ रहा है।
श्री मदान ने कहा कि आज आम जनता न्याय पाने की आस में दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। प्रशासनिक उदासीनता, उपेक्षा और अकर्मण्यता का ही नतीजा है कि आज प्रदेश का आम जनमानस भय और आतंक के माहौल में जीने को विवश है और न्याय पाने की आस पूरी तरह से छोड़ चुकी है अब मा0 न्यायालय ही प्रदेश की जनता को न्याय दिलाने का एक मात्र सहारा रह गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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